Ehya Bhojpuri Shayari: दीप अंधों के दरमियां होगा, तो उजाले का इम्तिहां होगा.., पढ़ें अहया भोजपुरी के मशहूर शेर

Ehya Bhojpuri Shayari in Hindi: दुनिया में एक से बढ़कर एक फनकार और कलमकार हुए हैं। सबने अपने ही अंदाज में लोगं के दिल जीते। कुछ ने तो ऐसा लिखा कि हर सुनने-पढ़ने वाला समझता था कि ये उसके लिए ही लिखा गया है। ऐसा ही एख नाम है अहया भोजपुरी का। आइए पढ़ें अहया भोजपुरी के कुछ मशहूर शेर:

Ehya Bhojpuri Shayari

Ehya Bhojpuri Shayari in Hindi

Ehya Bhojpuri Shayari in Hindi: शेर-ओ-शायरी की दुनिया में कई ऐसे फनकार हुए हैं जिन्हें सुनने के लिए लोग पागल रहा करते थे। कुछ ने इश्क को अपना कलाम मनाया तो किसी ने बगावत को। किसी ने जुदाई के दर्द को कागज पर उतारा तो किसी ने अपनी शायरी में उम्मीद का दामन कभी ना छोड़ा। जीवन के लगभग हर रंग की स्याही को शायरों ने अपनी कलम भर कागज एक से बढ़कर एक यादगार नज्म लिखे। ऐसे ही एक शायर है अहया भोजपुरी। अहया भोजपुरी ने भी कई बेहतरीन शेर लिखे हैं। आइए पढ़ते हैं अहया भोजपुरी के चंद मशहूर शेर:

1. मिरा घर जलाने वाले मुझे फ़िक्र है तिरी भी

कि हवा का रुख़ जो बदला तिरा घर भी जल न जाए

2. यूं तो लड़ाई-झगड़े की आदत नहीं मुझे

फिर भी ग़लत किया था गरेबान छोड़ कर

3. मिला है तख़्त जो जम्हूरियत में बंदर को

तो उन से क्या सभी जंगल के शेर डर जाएं

4. सब हिफ़ाज़त कर रहें हैं मुस्तक़िल दीवार की

जब कि हमला हो रहा है मुस्तक़िल बुनियाद पर

5. ऐ काश हो बरसात ज़रा और ज़रा और

बढ़ जाए मुलाक़ात ज़रा और ज़रा और

6. कितना कमज़ोर है ईमान पता लगता है

घर में आया हुआ मेहमान बुरा लगता है

7. क़सम ख़ुदा की न जाना कहीं नहीं जाना

बहुत बुरा है ज़माना कहीं नहीं जाना

8. जब हो गया कमाल तो सिगरेट जला लिया

या फिर हुआ मलाल तो सिगरेट जला लिया

9. जब कभी दर्द की तस्वीर बनाने निकले

ज़ख़्म की तह में कई ज़ख़्म पुराने निकले

10. ज़बान बंद रखें और तुम से डर जाएं

ये बात ज़ेहन में आने से क़ब्ल मर जाएं

11. तुझे भी हुस्न-ए-मुत्लक़ का अभी दीदार हो जाए

मिरे महबूब के जो रू-ब-रू इक बार हो जाए

12. क्यों हर तरफ़ तू ख़्वार हुआ एहतिसाब कर

नाराज़ क्यों है तुझ से ख़ुदा एहतिसाब कर

13. तब्सिरा क्यों कर रहे हो बारहा अज्दाद पर

फ़ैसला होगा तुम्हारा आज की बुनियाद पर

14. मतलब का कोई शे'र सुनाएँ जहां-पनाह

हम सामईं पे क़हर न ढाएँ जहाँ-पनाह

15. तुम्हारी तारीख़ कोई बदले उसे मिटाए तो सर उठाओ

अगर शराफ़त न काम आए न हक़ दिलाए तो सर उठाओ

16. मक़्सद-ए-ज़िंदगी ढूँढता रह गया

इक सिरा जब मिला दूसरा रह गया

17. हाथों की लकीरों का लिखा काट रहे हैं

हम अपने गुनाहों की सज़ा काट रहे हैं

18. किसी की चाहत में क़ैद रहना बुरा नहीं है तो और क्या है

बग़ैर खिड़की के घर में रहना सज़ा नहीं है तो और क्या है

19. हिजरत करो तो रिश्ता-ओ-सामान छोड़ कर

वर्ना न जाओ तुम कभी मैदान छोड़ कर

20. हैं मेरे ज़ख़्म की रानाइयाँ अजीब-ओ-ग़रीब

कि उस को चाहिए गहराइयाँ अजीब-ओ-ग़रीब

21. दीप अंधों के दरमियाँ होगा

तो उजाले का इम्तिहाँ होगा

22. कैसे कभी किसी को दिखाएगा आईना

जब एक दूसरे को लड़ाएगा आईना

उम्मीद करते हैं आपको अहया भोजपुरी के ये शेर पसंद आए होंगे। आप चाहें तो इन्हें अपने दोस्तों और करीबियों को भेज सकते हैं। शेर-ओ-शायरी का शौक रखने वाली अपनी गर्लफ्रेंड को भी इन खूबसूरत शेरों को तोहफा बनाकर भेज सकते हैं।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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