कभी लग्जरी आइटम हुआ करता था बर्फ, मुगल कैसे लेते थे गर्मी में ठंडी का एहसास, बेहद रोचक है बर्फ का इतिहास

History Of Ice Trade In India: जिस दौर में बर्फ बनाने के लिए कोई मशीन नहीं थी उस दौर में बर्फ के सबसे बड़े बिजनेसमैन के तौर पर नाम आता है फ्रेडरिक ट्यूडर का। अमेरिका के बोस्टन शहर के रहने वाले ट्यूडर ने ही भारत में पहली बार अमेरिका से बर्फ से लदी जहाज भेजी थी।

कहानी बर्फ की: भारत में कैसे शुरू हुआ बर्फ का कारोबार

History Of Ice in India: आज आसानी से कहीं भी उपलब्ध हो जाने वाली बर्फ किसी जमाने में लग्जरी आइटम हुआ करता था। बर्फ का आनंद लेना हर किसी के बस की बात नहीं थी। बर्फ के उपयोग में इतनी रकम खर्च होती थी कि आज की पीढ़ी शायद ही उसपर यकीन कर पाए। बर्फ का इस्तेमाल सैकड़ों सालों से हो रहा है। क्या आपने कभी सोचा है कि जब फ्रिज या फिर पानी से बर्फ जमाने जैसी मशीनें नहीं थीं तब बर्फ कैसे उपलब्ध हो पाती थी? बर्फ से जुड़े आपके मन में जितने भी सवाल होंगे उन सबका जवाब इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपके पास होगा।

पहली बार कब हुआ बर्फ जमाने का जिक्रपहली बार बर्फ जमाने का जिक्र 13वीं शताब्दी में हुआ। इतालवी घुमंतू मार्कों पोलो अपनी प्रसिद्ध चीन यात्रा के बाद वहां से ‘पानी का बर्फ’ का एक नुस्खा अपने साथ लाये थे। मार्को पोलो ने अपनी उस यात्रा का जिस तरह से वर्णन किया है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन में बर्फ या पुराने ढंग से आइसक्रीम कई शताब्दियों से बनती रही होगी।

मार्को पोलो (सोर्स - X)

मुगल कहां से लाते थे बर्फसैकड़ों साल पहले बर्फ के लिए लोग सर्दियों के दौरान पहाड़ों और जल निकायों में प्राकृतिक रूप से बनी बर्फ पर निर्भर रहते थे। रोम का कुख्यात सम्राट नीरो दूरदराज के पहाड़ों से बर्फ मंगवाया करता था। उसमें बेर आदि फल मिलाकर उसे खाता था। भारत में मुगल भी बर्फ का इस्तेमाल करते थे। इससे जुड़े कई साक्ष्य और दस्तावेज उपलब्ध हैं। उन्होंने बर्फ के लिए बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार कर रखा था।

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