कहानी जींस की: मर्दों के इतने साल बाद आई थी औरतों के लिए जींस, भारत में कब हुई पॉपुलर, क्यों बनाई जाती हैं छोटी पॉकेट्स और क्या हैं खास स्टाइल

History And Amazing Facts About Jeans: आज के समय में जींस एक बेसिक आउटफिट है जो आपके या मेरे ही नहीं, हर किसी के पास है। जींस को फैशन इंडस्ट्री का हिस्सा समझा जाता है, लेकिन शायद ही किसी को इस बात की जानकारी हो कि ये कभी फैशन के लिए बना ही नहीं था। असल में जींस तो मजदूरों के लिए बनाया गया था। आइये इसके इतिहास, फैशन ट्रेंड और छोटे-छोटे पॉकेट के राज को जरा और डिटेल में जानते हैं।

History Of Denim Jeans Was Made For Laborers How It Become Fashion Trend Know Amazing Facts In Hindi

History Of Denim Jeans Was Made For Laborers How It Become Fashion Trend Know Amazing Facts In Hindi

History of Jeans in Hindi (जींस का इतिहास क्या है): आप भले ही हजार तरह के कपड़े पहन लें लेकिन वॉर्डरोब में दो से तीन पेयर जींस सभी के पास होती है। उम्र, स्टेटस और जेंडर से इतर जींस एक ऐसा कॉमन पहनावा है जो सभी को सूट करता है। अब पहने भी क्यों न, ये स्‍टाइलिश लुक देने के साथ कंफर्टेबल भी तो होती है और इसे मेंटेन करना भी कितना आसान है। यूं तो हमारे लिए सफेद, लाल, पीली, ब्राउन हर तरह की जींस मार्केट में है, लेकिन आपको याद होगा कि काफी साल तक सिर्फ नीली जींस ही मिलती थी। इतना ही नहीं, जिस जींस को आप फैशन और ट्रेंड के तौर पर पहन रहे हैं, शायद ही आपको ये पता हो कि इसे कभी फैशन के लिए बनाया ही नहीं गया था। जी हां, जींस आपके लिए नहीं बनी थी। असल में ये जींस तो मजदूरों और कारीगरों के लिए बनी थी। इतना ही नहीं, आपको जींस में वो जो बिना काम के छोटे-छोटे पॉकेट दिखते हैं, वो भी किसी खास वजह से ही होते हैं। आइये आज जींस के इतिहास, रंग और फैशन के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।

कब और कैसे हुआ था जींस का आविष्कार?

जींस का इतिहास दशकों नहीं बल्कि सदियों पुराना है। जिस जींस को फैशन का बहुत बड़ा पार्ट समझा जाता है वो किसी जमाने में सिर्फ मजदूरों का पहनावा मानी जाती थी। जींस का अविष्कार 19वीं सदी में फ्रांस के शहर NIMES में हुआ। जिस कपडे़ से जीन्स बनी है उसे फ्रेंच में Serge कहते हैं और इसलिए जींस को सबसे पहला नाम दिया गया Serge de Nimes। फिर लोगों ने इसको शॉर्ट कर दिया और ये हो गई Denims (डेनिम्स)। ये तब नाविकों को खूब पसंद आई थी और वही लोग इसे पहनते भी थे। इसके बाद व्यापारी लिवाय स्ट्रॉस और दर्जी जेकब डेविस की नजर डेनिम्स पर गई तो उन्होंने कैलिफोर्निया में अपने नाम से जींस बनाकर बेचनी शुरू कर दी।

किसके लिए और क्यों बनाई गई थी जींस?

जब जेकब डेविस और लिवाय स्ट्रॉस ने जींस बेचनी शुरू की तो कोयले की खान में काम करने वाले मजदूर इसे ज्यादा खरीदते थे, क्योंकि इसका कपड़ा बाकी फैब्रिक से थोड़ा मोटा था, जो उनके लिए काफी आरामदायक था। अब चूंकि देखते ही देखते देशभर के नाविक, मजदूर और कारीगर जींस पहनने लगे थे तो जेकब और लिवाय को इस बिजनेस को बड़ा बनाने का आइडिया आया। फिर 20 मई, सन 1873 को इन दोनों ने जींस को पेटेंट भी करवा लिया और इसे दूसरे देशों में भी बेचने लगे।

कैसे पड़ा 'जींस' नाम?

इस पैंट को जीन्‍स कहने की वजह ये है कि उस समय इसे बनाने के लिए इटली के शहर जेनोआ से फैब्रिक मंगाया जाता था। इस फैब्रिक को जीन कहा जाता था, इस कारण से इस फैब्रिक से बने पैंट को जीन्‍स कहा जाने लगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि जींस की फैक्ट्री के मालिक लिवाए स्ट्रॉस ने कभी खुद इस जींस को नहीं पहना, क्‍योंकि ये मजदूरों के लिए बनाई गई थी और वो हमेशा कोट और पैंट में रहना पसंद करते थे।

नीले रंग की क्यों होती है जींस?

अब बात आती है रंग की। जींस तो किसी भी रंग की हो सकती थी, लेकिन पहली जींस नीले रंग में ही बनाई गई। इसका सीधा कारण था कि शुरू में जींस मजदूरों और मेहनती लोगों के लिए ही बनाई गई थी और वो जब इसे पहनकर काम करते थे तो उनके कपडे जल्दी गंदे हो जाते थे। मैले होने पर भी जींस गंदी न दिखे इसलिए इनका रंग नीला रखा गया और कपड़ा मजबूत होने की वजह से ये कई महीनों तक चल जाती थी।

कैसे फैशन ट्रेंड बनी जींस?

1950 में जेम्स डीन ने एक हॉलीवुड फिल्म 'रेबल विदाउट अ कॉज' बनाई, जिसमें उन्होंने पहली बार जींस को बतौर फैशन यूज किया। इस फिल्म को देखने के बाद अमेरिका के टीन एजर्स और यूथ में जींस का ट्रेंड छा गया। जिसके बाद से अमेरिका की युवा पीढ़ी में जींस का ट्रेंड चल पड़ा और उन्होंने इसे बतौर फैशन अपना लिया। जींस की पॉपुलैरिटी को कम करने के लिए अमेरिका के कई स्कूल, रेस्तरां और थियेटर्स में तो जींस पहनकर जाना बैन भी किया गया था, लेकिन तब भी जींस का फैशन यूथ के सिर से नहीं उतरा। समय के साथ जींस की पॉपुलेरिटी बढ़ती चली गई और 1970-80 के दशक तक इसे फैशन के तौर पर स्वीकार कर लिया गया। नतीजन आज हर तबके के लोगों के सिर पर जींस का क्रेज है और दुनियाभर में इसे लोग पहन रहे हैं।

जींस में छोटे-छोटे पॉकेट क्यों होते हैं?

हां, एक सवाल ये भी रह जाता है कि जींस में वो जो छोटे-छोटे पॉकेट हैं, उनका आखिर काम क्या है। हर तरह की जींस में ये पॉकेट होते ही हैं, लेकिन इसमें न तो मोबाइल रख सकते हैं और ना ही चाबी। तो आपको बता दें कि ये छोटे-छोटे पॉकेट तब बनाए गए जब जींस फैशन का हिस्सा बन गई और रईस लोग भी इसे कैरी करने लगे। तब घुड़ सवार या किसी भी तरह के प्रोफेशन वालों को जेब में घड़ी रखने के लिए जगह चाहिए थी। क्योंकि, तब पुरुष वर्ग सूट पहनता था और उसमें जेब नहीं होती थी। ये जेब, पॉकेट वॉच रखने के लिए ही खासतौर से बनाई गई।

महिलाओं के लिए कब आई पहली जींस?

अब पुरुष वर्ग के बीच जींस इतनी फेमस थी कि साल 1934 में महिलाओं के लिए भी जींस बनाई गई। बाकायदा पोस्‍टर लगाकर इसका प्रचार भी किया गया। महिलाओं को भी इसका कंफर्टेबल होना भा गया और ये दुनियाभर में हर उम्र, लिंग और वर्ग के लिए फैशन और डेली पहनने वाले कपड़ों में शामिल हो गई।

भारत में कब आई जींस?

अब चूंकि दुनियाभर में जींस का बोलबाला था तो ऐसे में हमारा देश कैसे पीछे रहता। भारत में पहली जींस सन 1986 में अरविंद मील्स के जरिए आई थी। फिर सन 1990 से 2000 के बीच समय डेनिम जींस का फैशन बढ़ने लगा। तब देश का अमीर वर्ग काफी तेजी से वेस्टर्न स्टाइल को भी अपना रहा था। ऐसे में जींस की डिमांड भी बढ़ने लगी और तब भारत में अरविंद मील्स के अलावा केजी डेनिम, मफतलाल डेनिम जैसे कई ब्रांड्स की शुरुआत हुई। समय के साथ इन ब्रांड्स ने अलग-अलग स्टाइल के जींस लॉन्च करने शुरू कर दिए और देखते ही देखते एक पहनने का कपड़ा जेंडर इक्वालिटी को रिप्रेजेंट करने लगा, क्योंकि तब के समय में ये एक ऐसा इकलौता कपड़ा था जिसे लड़का और लड़की दोनों ही पहनते थे। आज की बात करें तो सिर्फ इंडिया में हर साल 500 मिलियन से ज्यादा डेनिम बनते हैं और कुछ ही हमारे देश में बिकते हैं, बाकि सब विदेशों में बेच दिया जाता है। भारत में जींस की एंट्री सबसे अलग रही है क्योंकि यहां ये सबसे जल्दी पॉपुलर हुआ और लोगों ने इसे अपनाने में बिल्कुल भी समय नहीं लगाया।

जींस कितने तरह के होते हैं? यहां जानें पॉपुलर जींस डिजाइन्स-यूं तो जींस के अब कई सारे टाइप्स आने लगे हैं, लेकिन आज हम कुछ सबसे खास और पॉपुलर टाइप्स की ही बात करेंगे। इस लिस्ट में सबसे पहला नंबर स्किनी जींस का आता है।

1. स्किनी जींसस्किनी जींस, वो जीन्स होती है जिससे पैर एकदम पतले दिखते हैं और बैक का साइज अलग से दिखता है। जैसा की नाम बता रहा है ये स्किन से बिल्कुल चिपक जाती हैं। हालांकि, आमतौर पर काफी स्ट्रेचेबल होती हैं।

2. बूटकट जीन्स60 और 70 के दशक की ये जीन्स अब दोबारा फैशन में है और ये हमेशा चौड़े बॉटम के साथ आती हैं। इसके कारण ये एक डिस्फ़िगर लुक दिखाती हैं और यही कारण है कि इसे पहनने वाला लंबा लगता है।

3. जॉगर जीन्सजॉगर जीन्स असल में आपको पैजामे वाला कंफर्ट दे सकती है। इस तरह की जीन्स बहुत ही यूनिक लुक देती है और साथ ही साथ ये किसी भी टॉप के साथ पेयर की जा सकती है।

4. बॉयफ्रेंड जीन्सनहीं ये आपके बॉयफ्रेंड की जीन्स नहीं होती है बल्कि ये आपके लिए खासतौर पर डिजाइन की गई बैगी जीन्स होती हैं जिनमें आपको हिप्स और लेग्स में ज्यादा स्पेस मिले और ये कंफर्टेबल होती हैं।

5. रिप्पड जीन्सपिछले काफी समय से रिप्पड जीन्स फैशन ट्रेंड का हिस्सा है और सेलेब्स के लिए तो जैसे ये बहुत ही ज्यादा पसंदीदा कपड़ा है। एक पैर, दोनों पैर, बैक, फ्रंट, थाई रिप्ड कई तरह की जीन्स आती हैं और ये स्टाइलिश भी लगती हैं।

6. फ्लेयर जीन्सये जीन्स भी आपको विंटेज लुक दे सकती है। ये बूटकट जैसी ही होती है पर इनमें सिर्फ बॉटम में नहीं बल्कि घुटनों से नीचे की ओर तक फ्लेयर्ड होती हैं। ये जीन्स काफी स्टाइलिश दिखती हैं।

7. बैगी जींसआजकल सेलिब्रिटीज के बीच बैगी जींस ज्यादा चलन में है। ये जींस भले ही फिट लुक नहीं देती लेकिन बैगी जींस सबसे कंफर्टेबल जींस है।

जींस का खुमार जैसे-जैसे लोगों से सिर चढ़कर बोल रहा है, उससे भी ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है इसका बदलता हुआ अंदाज। किसी ज्वेलरी की तरह अब हर किसी की जींस को लेकर अपनी पसंद है। कोई स्किनी जींस में कंफर्टेबल है तो किसी को बैगी जींस ही भाती है। इसके अलावा हाई राइज, मिड राइज और लो राइज भी जींस के टाइप्स हैं। जींस की कहानी जितनी दिलचस्प है, उससे भी ज्यादा मजेदार हैं इसके टाइप्स और डिजाइन्स। तो आपको किस तरह की जींस पहनना पसंद है?

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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर कॉपी एडिटर कार्यरत हूं। मूल रूप से बिहार की रहने वाली हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में मेरी सबसे ज्यादा दिलचस्पी...और देखें

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