कहानी पान की: वेदों में जिक्र, कामसूत्र में बखान और आयुर्वेद में वरदान, जानिए आखिर कहां से आया यह पान
History Of Paan: मुगल काल और उससे पहले पान खाने का जिक्र सिर्फ पुरुषों के साथ जुड़ा था। हालांकि समय के साथ ट्रेंड बदला। मुगल काल में रानियां भी पान खाया करती थीं। जहांगीर की बेगम नूरजहां तो पान का इस्तेमाल अपने होठ लाल करने वाले कॉस्मेटिक के तौर पर भी करती थीं।
कहानी पान की
वेद पुराणों में पान का जिक्र
मान्यता है कि पान के पत्तों में तीन देवताओं का वास होता है। पान के पत्ते पर सामने की ओर देवी लक्ष्मी, किनारों पर भगवान शिव और डंठल पर यमराज का वास होता है। वेदों में जिक्र है कि डंठल पर यम के वास के कारण ही पान के पत्तों से उसे अलग कर दिया जाता है। दूसरी मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती ने मिलकर पान का पहला बीज हिमालय पर बोया था। इसीलिए इसको पवित्र पत्ते के रूप में पूजा पाठ में उपयोग में लिया जाता है। महाभारत के अनुसार जब पांडवों ने कौरवों से युद्ध जीत लिया तब पूजा में पान के पत्ते भी शामिल थे।प्राचीन इतिहास में पान
इतिहासकार बताते हैं कि थाईलैंड से फिलीपींस और वियतनाम तक, पूरे दक्षिण एशिया में पान के शौकीन हुआ करते थे। फिलीपींस में 3000 ईसा पूर्व के नर कंकाल के लाल दांत बताते हैं कि पान चबाने का चलन कितना पुराना है। बता दें कि ये लाल रंग पान के पत्ते पर कत्थे और सूखे चूने को मिलाने से आता है। इसे अंग्रेजी में एल्कलॉइड कहते हैं। रहीम के एक दोहे में भी कत्थे का वर्णन है। उन्होंने लिखा था- खैर खून खांसी खुशी बैर प्रीत मदपान, रहिमन दाबे नाहीं दबत जानत सकल जहान। यहां खैर का मतलब कत्था ही है।पान का संभोग कनेक्शन
बहुत कम लोगों को पता होगा कि पान का संबंध यौन संबंधों से जुड़ा है। इसका जिक्र कामसूत्र और भर्तृहरि संहिता में भी है। तीसरी सदी में लिखे ग्रंथ कामसूत्र में इस बात का वर्णन है कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान एक दूसरे को पान खिलाना उसके आनंद को बढ़ा देता है। इस बात का भी जिक्र है कि पान में कुछ खास चीजें डालकर खाने से यौन शक्ति बढ़ती है। यह आज कल कि टैबलेट वियाग्रा की तरह काम करता है। एक जमाने में पलंग तोड़ पान भी काफी प्रचलित थे। मुगल इतिहास लिखने वाले कई इतिहासकारों ने लिखा है कि मुगल बादशाह हरम की रानियों को खुश करने के लिए संबंध बनाने से पहले पलंग तोड़ पान खाया करते थे।पान के औषधीय गुण
पान का पत्ते में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। यह गले के लिए काफी अच्छा है, बशर्ते इसमें तंबाकू और चूना वगैरह ना हो। बहुत सी आयुर्वेदिक औषधियों में पान के पत्ते का इस्तेमाल होता है। 5000 साल पुराने आयुर्वेद के मुताबिक पान के पत्ते कैरोटीन्स, कैल्शियम और विटामिन B3, B2, B1 और C से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद के जानकार सोमेश खत्री बताते हैं कि, 'वो स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पान के पत्ते चबाने की सलाह देते हैं। पान के पत्तों में मौजूद कैल्शियम दूध बढ़ाने में मदद करता है।' दिल्ली में आयुर्वेद के एक्सपर्ट वेद शास्त्री कहते हैं कि पान के पत्ते चबाने से गले की बीमारियां दूर होती हैं। बकौल शास्त्री- रोजाना एक पान का पत्ता खाने से पेट के अंदर पीएच लेवल मेंटेन रहता है। इससे हमारे शरीर में जमा सारी गंदगी बाहर निकल आती है।शादी और पान जैसे दो जिस्म एक जान
असम में शादी में आए मेहमानों तो भोजन के बाद पान के पत्ते और कच्ची सुपारी देने की परंपरा है। यह पीतल की थाली में परोसा जाता है जिसे बोटा कहते हैं। ऊपरी असम की एक परंपरा है कि शादी के रिसेप्शन में मेहमानों को पान के पत्तों के साथ कुछ सुपारी देकर आमंत्रित किया जाता है। अंग्रेजी हुकूमत के दिनों में भी हिंदू परिवारों में शादी समारोह में लड़की वालों की ओर से सोने की प्लेट में लड़के वालों के यहां शगुन के तौर पर पान के बीड़े भिजवाए जाते थे। पान के बीड़े जितने ज्यादा होते सोने की प्लेट उतनी ही बड़ी होती और पान की तश्तरी से लड़की वालों की हैसियत आंक ली जाती थी। बंगाल की शादियों में दुल्हन पान के पत्तों से अपना चेहरा ढक कर मंडप में प्रवेश करती है। वहीं उत्तर भारत के कई राज्यों में दुल्हन के पिता या भाई दूल्हे को अपने हाथों से पान खिलाते हैं।सबसे महंगा पान
पान के पत्तों को ग्रीन गोल्ड भी कहा जाता है। यह पत्तियां पाइपर बेटल से आती हैं जो दक्षिण पूर्व एशियाई मूल की एक बेल है जिसमें कोई फूल या फल नहीं होता है। आज दुनियाभर में खेती की जाने वाली लगभग 100 किस्मों में से करीब 40 किस्में भारत में उगाई जाती हैं। इन 40 किस्मों में से पांच प्रमुख हैं- बंगला, मगही, सांची, देशावरी, कपूरी और मीठी पत्ती। इतिहासकार और लेख पुष्पेश पंत बताते हैं कि, 'बिहार के कुछ खास इलाकों उगने वाला मगही पान सबसे महंगा पान का पत्ता माना जाता है। दरअसल यह साल में सिर्फ 4 महीने ही उगता है।'पान के शौकीनों में बदलाव
इतिहासकार पुष्पेश पंत बताते हैं कि पहले जो पान के शौकीन हुआ करते थे उनको सब कुछ बर्दाश्त था लेकिन अपने पान में वो कुछ भी उन्नीस-बीस बर्दाश्त नहीं करते थे। पान में कौन सा और कितना कत्था लगना है, कौन सा मसाला पड़ना है, कितने लौंग और इलायची पड़ने है, सब तय रहता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है।फिल्मों में पान
फिल्मों ने भी पान के क्रेज को समझा है। पान पर बने कई गानें काफी पॉपुलर हुए। अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया 'खइके पान बनारस वाला' आज भी सुना और गुनगुनाया जाता है। इस गाने की खास बात ये थी कि गाना किशोर कुमार ने पान खाकर ही गाया था। फिल्म तीसरी मंजिल का वो गीत कि 'पान खाए सैंया हमारो, मखमल के कुर्ते पर छींट लाल-लाल' भी काफी पॉपुलर है। अपने जमाने के दिग्गज कलाकार प्राण को तो उनकी पहली फिल्म लाहौर के एक पान की दुकान पर ही ऑफर हुई थी।मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें
Alta Mehndi Design Images: करवा चौथ पर गोरे गोरे हाथों में लगाएं खास आलता मेहंदी.. सुहागिन लुक के लिए देखें आलता डिजाइन, मेहंदी फोटो
Happy Anniversary Wishes: पत्नी को यूं मोहब्बत भरे अंदाज में दें शादी की सालगिरह की बधाई, देखें हैप्पी एनिवर्सरी विशेज, शायरी
Birthday Wishes For Friends: अपने सबसे अच्छे दोस्त को खास अंदाज में कहें हैप्पी बर्थडे, यहां देखें बर्थडे स्पेशल मैसेज और शायरियां
Hair oil for Black Hair: सफेद बालों को जड़ से काला करने में मदद करेंगे ये 3 तेल, बस इस तरह करें अप्लाई
प्याज में छिपा है घने बालों का राज, रोज सुबह इस मसाले के साथ ऐसे करें इस्तेमाल तो महीनेभर में आएंगे बेबी हेयर
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited