History Of Rangoli: कामसूत्र की कला.. हड़प्पा की खुदाई में भी मिले अंश, जानें भारत में कैसे हुई रंगोली की शुरुआत, क्या है इसका धार्मिक महत्व

History of Rangoli designs (रंगोली क्यों बनाई जाती है) : तीज-त्योहार तो शुभ अवसरों पर भारत के हर घर में रंगोली बनाई जाती हैं, हालांकि रंगोली सिर्फ डेकोरेशन के लिए नहीं बनाई जाती। जानें रंगोली क्यों बनाते हैं, रंगोली की शुरुआत किसने की थी, रंगोली और अल्पना में क्या अंतर है, बिगिनर्स के लेटेस्ट, सिंपल, रंगोली डिजाइन फोटो 2024। और क्या है रंगोली का पारंपरिक व धार्मिक महत्व।

History of rangoli: rangoli kyu banate hai, latest simple rangoli design 2024

History of Rangoli designs (रंगोली डिजाइन): जीवन एक रंगोली है.. जिसमें कुछ रंग फीके है, कुछ तो गाढ़े सुंदर हैं और कुछ रंग चमकीले हैं.. खूबसूरत जिंदगी की तुलना अक्सर आंगन की शोभा बढ़ाती रंगों से भरी रंगोली से की जाती है। भारत की पारंपरिक लोक कला मानी जाने वाली रंगोली इस देश के हर घर का ऐसा अभिन्न हिस्सा है, जिसके बिना कोई भी तीज-त्योहार, व्रत, शादी से लेकर नई शुरुआत तक सब अधूरी ही लगती है। भारत के तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तो महाराष्ट्र के कई हिस्सों में आज भी महिलाएं रोज सुबह उठकर आंगन में बड़ी बड़ी रंगोलियां बनाकर ही अपने दिन की शुरुआत करती हैं। हालांकि बदलते जमाने के साथ रंगोली की डिजाइन्स से लेकर रंगोली बनाने के तरीकों में भी जमीन आसमान का अंतर आया है। लेकिन एक चीज जो नहीं बदली है, वो है भारतीय समाज में इसकी महत्ता।

History Of Rangoli in India

गौरतलब है कि सनातन धर्म में गहरा महत्व रखने वाली और शुभ शगुन मानी जाने वाली रंगोली अब बनानी तो लगभग हर किसी को आती है। लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि भारत में रंगोली बनाने की शुरुआत कहां से हुई थी? रंगोली का इतिहास कितने साल पुराना है? किस राज्य में कौन सी रंगोली फेमस है और मात्र सजावट मानी जाने वाली रंगोली बनाने के पीछे साइंस क्या कहता है? अगर रंगोली बनाते वक्त आपके मन में भी ऐसे ही सवाल आते हैं, तो आज हम आपको बताएंगे भारत में रंगोली का दिलचस्प इतिहास, रंगोली क्यों बनाते हैं और पुराने से लेकर नए जमाने तक की लेटेस्ट, सिंपल, रंगोली डिजाइन फोटो।

संसार रचते वक्त बनी रंगोली..

रंगोली की महत्ता आज भी किसी भारतीय घर में कम नहीं हुई है। बता दें कि रंगोली बनाने की कला आज कल से नहीं बल्कि इसकी जड़ें इतिहास के हजारों साल पुराने पन्नों से जुड़ी हुई हैं। हालांकि रंगोली की शुरुआती दौर से जुड़ी तमाम कहानियां है, लेकिन इसका सबसे पहला जिक्र थीसिस ऑफ इंडियन्स पेंटिंग्स की किताब 'चित्र लक्षणम्' में मिलता है। मान्यता है कि पृथ्वी लोक में प्राप्त चित्रकला की पहली पुस्तक है जिसकी रचना कार्य स्वयं ब्रह्मा देव ने भयजित को दिया था। अवश्य ही आपको भी ये जानकर हैरानी हो रही होगी कि इस लोक कला का इतिहास संसार की रचना जितना पुराना है।

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