Bal Mithai: क्या नेपाल से आई अल्मोड़ा की बाल मिठाई, जबरा फैन थे अंग्रेज, जितना गजब स्वाद उतना ही रोचक है इतिहास
Bal Mithai: बाल मिठाई उत्तराखंड की फेमस मिठाई है। खासतौर से ये अल्मोड़ा की फेमस है। आज हम आपको इस मिठाई का इतिहास बताएंगे, कि कब ये मिठाई पहली बार बनी थी और किसने इसने बनाया था। इसके अलावा ऐसे कैसे बनाते हैं, इसका भी पूरा तरीका आपको बताएंगे।
Bal Mithai: क्या नेपाल से आई अल्मोड़ा की बाल मिठाई?
Uttarakhand Famous Bal Mithai: भारत में खाने-पीने की चीजें सबसे ज्यादा फेमस हैं और इनका स्वाद भी काफी अलग होता है। अगर मीठी चीजों की बात करें तो सभी राज्यों की अपनी अलग-अलग फेमस मिठाइयां हैं। उत्तराखंड की बाल मिठाई भी देश के साथ दुनियाभर में फेमस है। उत्तराखंड घूमने के लिए आने वाला हर टूरिस्ट बाल मिठाई को खाना नहीं भूलता है। खाने के साथ वह एक डिब्बा जरूर अपने घर के लिए पैक करवाता है। बाल मिठाई की सबसे खास बात ये है कि मुंह में डालते ही ये घुलने लगती है। भूरे रंग की बाल मिठाई को खोया से बनाया जाता है, जिसे ऊपर खसखस की छोटी-छोटी गोलियां चिपकी होती है। खाने में बाल मिठाई काफी कुरकुरी लगती है और लचीलेपन के चलते इसे खाना काफी आसान होता है।
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अल्मोड़ा की फेमस है बाल मिठाई
बाल मिठाई अल्मोड़ा की ही फेमस है। बाल मिठाई के फेमस होने के चलते अब अल्मोड़ा और बाल मिठाई तो एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं। अगर कोई कहता है कि मैं अल्मोड़ा जा रहा हूं, तो लोग उससे बाल मिठाई का कम से कम एक डिब्बा जरूर मंगवाते हैं। अल्मोड़ा में आपको सबसे ज्यादा दुकानें बाल मिठाई की ही देखने को मिलेंगी। हालांकि अब उत्तराखंड में कई जगहों में बाल मिठाई बनने लगी है, लेकिन अल्मोड़ा की बाल मिठाई का स्वाद उनसे काफी अलग होता है। बाल मिठाई अब अब इतनी ज्यादा फेमस हो गई है कि बाकी राज्य भी इसे बना रहे हैं।
सैकड़ों साल पुराना है बाल मिठाई का इतिहास
अल्मोड़ा की बाल मिठाई का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। बाल मिठाई को अल्मोड़ा में पहली बार साल 1865 में बनाया गया था। उस समय जोगा लाल शाह ने ही बाल मिठाई को अपने हाथों से बनाया था। तब अल्मोड़ा में जोगा लाल शाह की ही मिठाई की एक दुकान हुआ करती थी। बाल मिठाई को बनाने के लिए खास दूध का इस्तेमाल किया जाता था, जिसे जोगा लाल शाह फालसीमा नाम के गांव से स्पेशल क्रीम वाला दूध मंगवाते थे। अंग्रेजों को भी बाल मिठाई काफी पसंद आई और वह भारत में अपने घर जाते समय बाल मिठाई अपने परिवार के लिए जरूर लेकर जाते थे। इसके अलावा क्रिसमस के लिए भी बाल मिठाई को जहाजों के रास्ते इंग्लैंड भेजा जाता था।
अल्मोड़ा में बाल मिठाई की 2 दुकानों में लगती है सबसे अधिक भीड़
अल्मोड़ा में बाल मिठाई को लेकर दो दुकानें सबसे ज्यादा फेमस है। अल्मोड़ा में जोगा लाल शाह और खीम सिंह मोहन सिंह रौतेला की बाल मिठाई की दुकान सबसे ज्यादा फेमस है। इन दोनों दुकानों की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगता है कि यहां मिठाई खरीदने के लिए लोगों को लाइन में लगना पड़ता है। यहां बाल मिठाई बनते ही तुरंत बिक भी जाती है। यहां रोजाना काफी मात्रा में बाल मिठाई बनाई जाती है। जोगा लाल शाह की छठी पीढ़ी आज भी बाल मिठाई बना रही है। सरकार ने जीआई टैग के लिए अल्मोड़ा की दोनों फेमस दुकानों को शामिल किया है। अल्मोड़ा की बाल मिठाई का डिब्बा भी काफी अलग होता। डिब्बे का गत्ता काफी हल्का और रंग हल्का लाल जैसे होता है और जिसमें अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई लिखा होता। अल्मोड़ा में आज करीब 50 से अधिक बाल मिठाई की दुकानें हैं।
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बाल मिठाई का नेपाल और प्रसाद कनेक्शन
बाल मिठाई को लेकर एक कहानी ये भी है कि ये मिठाई नेपाल से उत्तराखंड आई और फिर इसे अल्मोड़ा में बनाया गया था। भीमताल के एक टीचर राज शेखर पंत ने अंग्रेजी में लिखे अपने लेख- The Sweet Tooth of Kumaon में इस बारे में लिखा था, लेकिन उनकी बात को लोगों ने गलत तरीके से समझकर इसका कनेक्शन नेपाल से जोड़ दिया, जो गलत है। हालांकि बाल मिठाई का नेपाल से आने वाली बात का अब तक कोई सही सोर्स मौजूद नहीं है। वहीं सूर्य देवता को प्रसाद के तौर पर बाल मिठाई चढ़ाने वाली बात भी टीचर राज शेखर पंत ने लेख में लिखी है। इस लेख में उन्होंने जो तर्क दिया है, वह यमुनादत्त वैष्णव की किताब संस्कृति संगम उत्तराचंल पर आधारित है। हालांकि इस किताब के अलावा किसी और दूसरी किताब में इसका कोई जिक्र नहीं है।
जोगा लाल शाह की छठी पीढ़ी बना रही बाल मिठाई
अल्मोड़ा को बाल मिठाई के रूप में शानदार गिफ्ट देने वाले जोगा लाल शाह दुकान के मालिक निखिल साह से जब हमने बाल मिठाई को लेकर बात की तो उन्होंन बताया कि उन्हीं के पूर्वजों में साल 1865 में पहली बार बाल मिठाई को बनाया था। साथ ही कहा कि अभी उनकी छठी पीढ़ी इस दुकान को चला रही है। वहीं बाल मिठाई की ब्रिक्री के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे पुराने ग्राहक हमसे ही बाल मिठाई खरीदाना पसंद करते हैं। साथ ही कहा कि उनके यहां बाल मिठाई की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है और रोजाना सीमित मात्रा में ही बाल मिठाई बनाते हैं।
फ्रिज में नहीं रखनी चाहिए बाल मिठाई
निखिल साह ने कहा कि उनकी पूरी कोशिश रहती है कि वह कस्टमर्स को सही चीज दें। उन्होंने कहा कि बस के मध्यम से वह दिल्ली, देहरादून, चंडीगढ़ और लखनऊ में बाल मिठाई भिजवाते हैं। बाल मिठाई कितनी दिन चलती है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गर्मी के दिनों में बाल मिठाई 15-20 दिन और सर्दी में बाल मिठाई 25-30 दिन आराम से चलती है। लेकिन इसे फ्रिज में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे इसका स्वाद खराब हो जाता है। निखिल साह ने कहा कि बाल मिठाई को आप विदेश लेकर भी जा सकते हैं, ये खराब नहीं होती है। आज भी कई कस्टमर्स बाल मिठाई को यहां से पैक कराकर विदेश ले जाते हैं या फिर भेजते हैं।
बाल मिठाई के बनाने के तरीके पर उन्होंने कहा कि पहले से ही वह शुद्ध खोए से बाल मिठाई बनाते आए हैं और अभी भी वह खुद से खोया बनाने के बाद बाल मिठाई को बनाते हैं। उन्होंने कहा कि रोज करीब 40-50 किलो बाल मिठाई रोज बनाई जाती है, जो बनते ही बिक भी जाती है। उन्होंने बताया कि आज भी वह बाल मिठाई भैंस के दूध से ही बनाते हैं, जिसके लिए कटपुड़िया गांव से रोजाना काफी लीटर में दूध यहां आता है। निखिल साह ने कहा कि हालांकि अब अल्मोड़ा के ज्यादातर दुकानवाले बाहर से खोया मंगवाकर बाल मिठाई को बना रहे हैं, जिससे अल्मोड़ा की फेमस मिठाई का नाम और स्वाद खराब हो रहा है। कई दुकानदार तो ज्यादा खरीदने पर इस मिठाई के दाम भी गिरा देते हैं, जिसके चलते भी इस मिठाई का स्तर गिर रहा है।
अल्मोड़ा में 400 से अधिक परिवार बाल मिठाई से सीधे तौर पर जुड़े
निखिल ने कहा कि सीजन और त्योहारों के समय बाल मिठाई का रेट ज्यादा हो जाता है। अल्मोड़ा की आमदनी में इस मिठाई का कितना योगदान है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अकेले अल्मोड़ा में ही इसका साल का टर्नओवर एक करोड़ रुपए से ऊपर का है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भी बाल मिठाई को पसंद करते हैं, जिसके चलते अब ये काफी ज्यादा फेमस हो गई है। साथ ही कहा कि अकेले अल्मोड़ा में बाल मिठाई से 400 से अधिक परिवार सीधे तौर पर जुड़े हैं, जिसमें मिठाई के दुकान से लेकर दूध, खोया, मिठाई के डिब्बे बनाने वाले परिवार हैं। बाल मिठाई के नेपाल कनेक्शन के सवाल पर कहा कि ऐसी बातें गलत हैं, अल्मोड़ा में ही बाल मिठाई का जन्म हुआ था।
अल्मोड़ा में बाल मिठाई का है एक ही रेट
अल्मोड़ा में स्थित कांडपाल स्वीट्स के मालिक गिरीश चंद्र कांडपाल से हमने जब बात की तो उन्होंने बताया कि उनकी दुकान करीब 50 साल पुरानी है। इससे पहले उनके पिता इस दुकान को चलाते थे। कीमत के बारे में जब हमने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि पूरे अल्मोड़ा में बाल मिठाई का रेट एक जैसा है। सभी जगहों में बाल मिठाई 380 रुपए प्रति किलो के दाम में मिल रही है। हालांकि उनका कहना है कि लॉकडाउन से उनकी दुकान में ब्रिकी करीब आधी हो गई है।
राष्टपिता बापू से लेकर पीएम मोदी को गिफ्ट की गई है बाल मिठाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अल्मोड़ा आए थे, तब उन्हें बाल मिठाई भेंट की गई थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी भी इस मिठाई के दीवाने हैं। दिल्ली दौरे पर पीएम से मिलते समय सीएम पुष्कर सिंह धामी कई बार पीएम को बाल मिठाई गिफ्ट कर चुके हैं। वहीं थॉमस कप जीतने के बाद बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने पीएम से मिलने पर उन्हें अल्मोड़ा की बाल मिठाई गिफ्ट की थी।
ऐसे बनाई जाती है बाल मिठाई
अगर आप बाल मिठाई बनाना चाहते हैं तो आपको बाल मिठाई को बनाने के लिए सबसे पहले दूध से खोया बनाना होगा। इसके बाद खोए को उस समय तक घोंटना होगा, जब तक कि वह चॉकलेट जैसा रंग न छोड़ दे। इसके बाद खसखस के छोटे दोनों को उसमें चिपका देते हैं। इसके बाद इसे साइज के अनुसार काट देते हैं, जिसके बाद बाल मिठाई तैयार हो जाती है। अगर कभी आपको बाल मिठाई खानी तो आपको अल्मोड़ा जाकर ही इसका स्वाद चखना चाहिए। बाल मिठाई आपको साल के सभी महीनों में आसानी से मिलेगी।
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