कहानी लुंगी की: साउथ का स्वैग तो बॉलीवुड का फनी फेस है लुंगी, जानें कब से बनी भारतीय पहनावे का हिस्सा, कितनी होती है लुंगी की लंबाई-चौड़ाई

Story of Lungi in Hindi: लुंगी का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले दक्षिण भारत की तस्वीर सामने आ जाती है। या फिर साउथ की फिल्मों के स्टार्स दिखने लगते हैं। इतना ही नहीं बल्कि फिल्म एनिमल में रणबीर कपूर का लुंगी भी। लुंगी एक पारंपरिक पोषाक है साउथ के कई एक्टर्स का सिग्नेचर स्टाइल माना जाता है। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या है लुंगी का इतिहास, किसने पहली बार पहना था लुंगी, भारत में लुंगी पहनने की कैसे हुई शुरुआत। आज हम आपको इस आर्टिकल में इन सभी सवालों के जवाब बताएंगे।

History of Lungi

Story of Lungi in Hindi: क्या आप जानते हैं, भारत में जन्मी एक ऐसी वेशभूषा है जिसने 2200 साल पहले आदमी और औरत के फर्क को मिटा कर दोनों को एक सामान्य तरीके से सुशोभित किया। पुरातन काल में इसे अंतरीया के नाम से जाना जाता था और अब इसे लुंगी के नाम से जाना जाता है। वही लुंगी - जिस पर शाहरुख अपनी फिल्म में लुंगी डांस दिखा चुके हैं, साउथ के कई एक्टर्स का सिग्नेचर स्टाइल बनी चुकी है और घर पर अक्सर हमने पापा-दादा को लुंगी पहने देखा होगा। लुंगी की कहानी को जानने से पहले आपको बता दें कि लुंगी एक ऐसी पारंपरिक पोषाक है जो भारत के कई राज्यों में पहनी जाती है। हालांकि लुंगी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल दक्षिण भारतीय राज्यों और पूर्वी और उत्तरी राज्यों के कुछ हिस्सों में किया जाता है।

कहां से आई लुंगी

Kahan se aayi Lungi

लुंगी एक पारंपरिक पोषाक है जिसका जन्म भारतीय उपमहाद्वीप में ही हुआ है। ये स्कर्ट की तरह दिखने वाली एक वेशभूषा है। ज्यादातर इसे कमर के नीचे नाभि के नीचे बांधा जाता है लेकिन कभी भी इसे पीछे की तरफ नहीं बांधा जाता। ऐसा कहा जाता है कि लुंगी का जन्म छठी और 10वीं शताब्दी के दौरान आंध्र प्रदेश और तामिलनाडु में हुआ था। उस वक्त यहां चोला वंश का राज हुआ करता था। इस वेशभूषा के आते ही दक्षिण भारत में इसकी लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ने लगी। लुंगी की लोकप्रियता इस कदर बढ़ी की देखते ही देखते वहां के लोगों की मान सम्मान का प्रतीक बन गया। इस तरह देखें तो लुंगी का इतिहास करीब 2200 साल पुराना है।

कितनी लंबी होती है लुंगी

Length of Lungi

लुंगी की ऊंचाई 115 सेंटीमीटर (45 इंच) और लंबाई 200 सेंटीमीटर (79 इंच) होती है। अमूमन से कॉटन के कपड़े में मिलती है। हालांकि कई जगह इसमें थोड़ा सिल्क मिक्स किया जाता है। इससे लुंगी की ग्रेस बढ़ती है और रॉयल टच भी मिलता है। विवाह, पूजा में पहने जाने वाली लुंगी में इस तरह के फैब्रिक की डिमांड ज्यादा रहती है।

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