विदेशी महिला से शादी करने वाला पहला भारतीय, इतिहास में दर्ज है इश्क, मौत के बाद भी नसीब नहीं हुई वतन की मिट्टी

Raja Marthanda Bhairava Tondaiman Love Story: राजा मार्तंड तोंडियन दक्षिण भारत की छोटी सी रियासत पुडुकोट्टी के शासक थे। रियासत भले छोटी थी लेकिन राजा का दिल बहुत बड़ा था। जब उनका दिल ऑस्ट्रेलियन लड़की पर आय़ा तो फिर वह अंग्रेजों की नाराज़गी से भी नहीं डरे। राजा मार्तंड ने अंग्रेजों को यह दिखा दिया था कि उनका कोई भी कानून उन्हें इश्क करने से नहीं रोक सकता।

Raja Martand

Raja Marthanda Bhairava Tondaiman and Molly Pink

खुसरो दरिया प्रेम का उल्टी वाकी धार, जो उतरा सो डूब गया जो डूबा सो पार - यह शेर लिखा था मशहूर शायर और दार्शनिक अमीर खुसरो ने। इस शेर का मतलब ये है कि प्रेम एक ऐसा समुद्र है जिसकी धार उल्टी होती है। जो इस प्रेम-दरिया से अलग है वह इस भवसागर में डूब जाता है और जो इस प्रेम-दरिया में डूबता है वह इस संसार से पार हो जाता है। खुद को भुलाकर दूसरे के लिए समर्पित कर देना ही प्यार है। प्यार की ये परिभाषाएं तो सबने सुनी और पढ़ी होंगी, लेकिन भारत में एक शख्स ऐसा भी था जिसने इसे जिया। प्यार ने उससे उसका राज पाठ, यार रिश्तेदार यहां तक देश भी छीन लिया। आलम ये रहा कि मरने के बाद दो गज जमीन भी उसे अपने मुल्क में ना मिली। हम बात कर रहे हैं उस शख्स की जिसका नाम विदेशी महिला से शादी करने वाले पहले भारतीय राजा के तौर पर इतिहास के पन्नों में दर्ज है।

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राजा मार्तंड तोंडियन

राजा मार्तंड तोंडियन दक्षिण भारत की छोटी सी रियासत पुडुकोट्टी के शासक थे। रियासत भले छोटी थी लेकिन राजा का दिल बहुत बड़ा था। जब उनका दिल ऑस्ट्रेलियन लड़की पर आय़ा तो फिर वह अंग्रेजों की नाराज़गी से भी नहीं डरे। राजा मार्तंड ने अंग्रेजों को यह दिखा दिया था कि उनका कोई भी कानून उन्हें इश्क करने से नहीं रोक सकता।

विदेशी महिला से शादी पर थी पाबंदी

दरअसल जब भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था तब अंग्रेजी हुकूमत ने रियासतों के लिए यह नियम बना दिया था कि कोई भी राजा अंग्रेजी महिला से पहली

शादी नहीं करेगा। दरअसल अंग्रेजों का मानना था कि अगर कोई राजा अंग्रेज महिला को रानी बनाता है तो उससे हुई संतान उत्तराधिकारी बनेंगी। वो खुद को अंग्रेज शासकों के बराबर समझेंगी। इससे नए तरह की समस्याएं पैदा होंगी। इन्हीं आशंकाओं को देखते हुए अंग्रजों ने नियम बनाया था कि कोई भी राजा पहली शादी भारतीय से ही करेगा ताकि उत्तराधिकारी भी कोई भारतीय ही बने। लेकिन राजा मार्तंड तोंडियन ने अपने लिए कुछ और ही तय कर रखा था।

ऑस्ट्रेलिया में हार बैठे थे दिल

मार्तंड काफी धनी और घूमने फिरने के शौकीन थे। एक बार वह ऑस्ट्रेलिया गए। वहां होटल में उन्हें एक लड़की दिखी जो अपनी मां के साथ थी। लड़की दूध की तरह गोरी और अच्छी कद काठी वाली थी। राजा साहब उसे देखते ही दिल हार बैठे। उन्होंने लड़की की मां तक यह बात पहुंचवाई कि वह उनकी बेटी से शादी करना चाहते हैं। मां को भी ऐतराज नहीं हुआ। इस तरह से मौली पिंक नाम की वह विदेशी लड़की राजा मार्तंड की जिंदगी में दाखिल हो गई।

साल 1915 में राजा मार्तंड मौली के साथ अपनी रियासत पुडुकोट्टी आ गए। उन्होंने मौली से शादी का ऐलान किया। विदेशी महिला से शादी की बात सुन अंग्रेज भड़क गए। वह हर तरह से राजा पर दबाव डालने लगे कि वह शादी ना करें। लेकिन राजा मार्तंड ने एक ना सुनी। उन्होंने शादी की तैयारी शुरू कर दी। अंग्रेजों ने खूब अड़ंगा डाला। शादी के कार्ड तक नहीं छपने दिये। बावजूद इसके राजा मार्तंड ने मौली से शादी कर अपने इश्क को मुकम्मल किया।

गर्भवती मौली को दे दिया जहर

अंग्रेजों की असली दिक्कत भारतीय राजा और विदेशी महिला से शादी नहीं थी। उनकी समस्या थी इस शादी से होने वाली संतान का उत्तराधिकारी बनना। राजा मार्तंड से शादी के बाद जब मौली पिंक गर्भवती हुईं तो यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। कुछ समय बाद ही किसी ने प्रेग्नेंट मौली को जहर देने की कोशिश की। मौली की जिंदगी और उनके पेट में पल रहे बच्चे की जान जाते-जाते बची। इस घटना से मार्तंड इतने आहत हुए कि वह मौली को लेकर वह ऑस्ट्रेलिया चले गए। वहीं पर उनके बेटे का जन्म हुआ।

ऑस्ट्रेलिया गए तो फिर राजा मार्तंड कभी देश लौटकर ना आ सके। उनका अंग्रेजों ने उनके छोटे भाई को दे दिया। बाद में मार्तंड के बेटे को भी उत्तराधिकारी मानने से अंग्रेजों ने इनकार कर दिया। साल 1920 में मार्तंड परिवार के साथ फ्रांस चले गए और वहीं के होकर रह गए। 1928 में राजा मार्तंड ने अपने प्यार, परिवार और इस जिस्मानी दुनिया से विदा ले लिया।

मौत के बाद भी नसीब नहीं हुई वतन की मिट्टी

पति के निधन के बाद मौली ने अंग्रेजी सरकार से गुहार लगाई कि कम से कम राजा मार्तंड का अंतिम संस्कार तो उनकी रियासत पुड्डुकोटी में करने दिया जाए। लेकिन अंग्रेजों का दिल ना पिघला। उन्होंने साफ इनकार कर दिया। उसके बाद मौली ने पति का अंतिम संस्कार लंद में हिंदू रीति रिवाज से करवाया। आज भी लंदन में राजा मार्तंड का स्मारक उसी जगह पर है जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ था।

राजा मार्तंड के निधन के बाद मौली अपने बेटे मार्तण्ड सिडनी तोंडीमन के साथ लंदन ही शिफ्ट हो गईं। जिस बेटे की पैदाइश के लिए राजा मार्तंड ने देश छोड़ा था वही बेटी कुछ समय बाद अपनी मां से अलग हो गया और अमेरिका जाकर रहने लगा। उसकी गलत लत ने उसे सालभर जेल की सजा भी कटवाई। मां के निधन के बाद मार्तण्ड सिडनी तोंडीमन अथाह संपत्ति का मालिक बन गया। उसने अमेरिका छोड़ इटली की नागरिकता ले ली। साल 1984 में इटली के एक होटल में दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया।

प्यार के लिए सबकुछ लुटा देने वाले राजा मार्तंड ने दुनिया को दिखा दिया कि अगर आपको किसी से इश्क है तो अपनी सांस के आखिरी दम तक उसके लिए लड़िये। दौलत, शोहरत सब कुछ खोकर पाया जा सकता है लेकिन अधूरे प्यार की टीस जीवन भर का दर्द दे जाती है।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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