कहानी लहंगे की: सैकड़ों साल पुराना इतिहास, दुल्हनों के लिए बेहद खास, जानिए मुगलों और राजपूतों का लहंगा कैसे हुआ इतना महंगा
History Of Lehenga: 20वीं सदी के शुरुआत तक लहंगा धनाढ्य और कुलीन महिलाओं की पहली पसंद होता था। मिडिल और अपर मिडिल क्लास ने धीरे-धीरे इसे अपनी स्पेशल पोशाक में शामिल कर लिया। हालांकि आजादी के वक्त और उसके कई साल बाद तक लहंगा आउट ऑफ फैशन हो गया था।
कहानी लहंगे की..
Lehenga History in Hindi: लहंगा- ये एक ऐसा नाम है जो लगभग हर किसी ने सुना होगा। लहंगा को लहंगा चोली भी कहा जाता है। मूल रूप से ये तीन टुकड़ों वाली पोशाक है। पहला हिस्सा घाघरा है जिसे कमर से पहना जाता है। दूसरा हिस्सा है चोली जिसे कमर के ऊपर पहनते हैं और तीसरा हिस्सा है दुपट्टा जिसे साड़ी के पल्लू की तरह इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर लड़कियां इसे सिर पर रखती हैं। हालांकि ये इस बात पर निर्भर करता है कि कौन इसे किस मौके पर पहन रहा है। आज के दौर में लहंगा खास मौकों पर ही पहना जाता है। फिर चाहे वो मौका किसी शादी ब्याह का हो, पूजा-त्यौहार का हो या फिर कोई और खास अवसर। लहंगा आज लगभग हर लड़की और महिला की पसंद बन चुका है।
लहंगे का इतिहास, अंतरवास और घाघरा रहे नामलहंगा जितना सुंदर और स्टाइलिश होता है, उसके आज के दौर की पसंदीदा पोशाक बनाने का इतिहास भी उतना ही रोचक है। लहंगे का सबसे पहला उल्लेख मोहनजोदड़ो और हड़प्पा काल में मिलता है जहां इससे मिलते जुलते परिधानों में महिलाओं को दिखाया गया है। तब लहंगे को अंतरवास कहा जाता था। मध्यकाल में लहंगे को घाघरा कहा जाता था। तब खासतौर पर उत्तर भारत के कुछ इलाकों में लहंगा चोली महिलाओं की पोशाक हुआ करती थी। लहंगे को असली पॉपुलैरिटी मिली मुगल काल में। मुगल महिलाएं लहंगे को पेशवाज और तहमत के साथ पहनती थीं। 12वीं से 18वीं शताब्दी तक मुगल शासन काल के दौरान एक से बढ़कर एक तरह के बेहतरीन लहंगे बनते थे। लहंगा सबसे पहले कपास से बनता था, लेकिन मुगल काल में सभ्यताओं और संस्कृति के मिलन के साथ ही लहंगा रेशम और ब्रोकेड जैसे शाही कपड़ों से बनने लगा। लहंगे को भारी-भरकम कढ़ाई और ज़रदोज़ी से सजाया जाता था। इसी के साथ लहंगा अपने भव्य स्परूप में आया और एक शाही पोशाक बन गया।
राजपूतानी शान का प्रतीक लहंगालहंगा ना सिर्फ मुगलों के दरबार तक सीमित रहा बल्कि राजपूत राजघरानों में भी की महिलाओं के परिधानों में सबसे ऊंचे ओहदे पर शामिल रहा। उनके लहंगे काफी भारी भरकम हुआ करते थे। लहंगों पर कमाल की कढ़ाई के साथ कीमती पत्थर भी जड़े होते थे। सोने औऱ चांदी के तारों से लहंगों की सिलाई होती थी। आज भी राजस्थानी लहंगों और वहां के काम की खासी मांग है और आम आदमी के बजट में ये आसान से नहीं समाते हैं।
समय के साथ भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के लहंगे बनने लगे। ये लहंगे वहां की सांस्कृतिक पृषठभूमि के आधार पर बनते थे। विभिन्न समुदायों ने अपनी-अपनी शैलियां, कढ़ाई और तकनीकें विकसित कीं, जिससे लहंगे के डिजाइन में बड़े पैमाने पर विविधता विकसित हुई और ये देशभर की महिलाओं का प्रिय परिधान बन गया।
आजादी के दौर में लहंगे का घटा ओहदा 20वीं सदी के शुरुआत तक लहंगा धनाढ्य और कुलीन महिलाओं की पहली पसंद होता था। मिडिल और अपर मिडिल क्लास ने धीरे-धीरे इसे अपनी स्पेशल पोशाक में शामिल कर लिया। हालांकि आजादी के वक्त और उसके कई साल बाद तक लहंगा आउट ऑफ फैशन हो गया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान लहंगे की लोकप्रियता में गिरावट देखी गई, क्योंकि महिला स्वतंत्रता सेनानियों ने साड़ी पहनना शुरू कर दिया था। तब खादी या सूती कपड़े का बना लहंगा भारत की ग्रामीण महिलाओं की पोशाक बन गया।
बॉलीवुड ने भी लहंगे को किया पॉपुलर1990 के बाद लहंगे को फिर से ट्रेंड में लाने का श्रेय बॉलीवुड को भी जाता है। बॉलीवुड की बड़े बजट वाली फिल्मों में सुपरस्टार अभिनेत्रियों को खूबसूरत लहंगे में दिखाया गया। फिल्मों में शादी ब्याह के सीन हो या फिर कोई खास अवसर, अभिनेत्रियों को रॉयल और ट्रेडिशनल लुक देने के लिए लहंगे में दिखाया जाने लगा। देखते-देखते लहंगा के लिए लड़कियों में क्रेज एक बार फिर से दिखने लगा। बॉलीवुड में लहंगे के डिजाइन और पैटर्न में भी खूब बदलाव आया। सी फूड टेल लहंगे, मरमेड लहंगे, पैनल वाले लहंगे, कली घाघरा लहंगे, अराउंड लहंगे, ए-लाइन लहंगे, फुल फ्लेयर वाले लहंगे जैसे कट्स और शेप वाले लहंगे आम लोगों की भी समझ में आने लगे। ये वही दौर था, हमारी इकॉनमी खुली। जब ब्यूटी कॉन्टेस्ट में विश्व में हमारे देश की कई सुंदरियों के नाम का डंका बजा। जब फैशन ब्रैंड्स और लेबल मिडल क्लास में अपने कस्टमर देखने लगे। जब फैशन शोज टीवी पर दिखने लगे और लुक्स को लेकर एक अलग ही क्रेज या जुनून युवाओं और मिडल एज की महिलाओं में दिखने लगा।
इसके बाद से लहंगे की डिमांड बढ़ती ही गई। आज हालत ये है कि आपको छह महीने की बच्ची के लिए भी वैराइटी के लहंगे मिल जाएंगे। ऑनलाइन शॉपिंग और सस्ते फैशन के दौर में लहंगा है महंगा वाला दुख भी कम हो गया है। अगर आप हैवी वर्क की चाहत नहीं रखती हैं तो 2500 रुपये के लगभग से सुंदर लहंगे आपकी वॉर्डरोब में शामिल होने के लिए दुकानों पर सजे हुए हैं। लहंगे के फैब्रिक के साथ भी एक्सपेरिमेंट हुआ और चाइनीज एक्सेसरीज और मिक्स्ड कपड़ों के आने से लहंगा के बाजार में दाम गिरने के साथ ही विस्तार हो चुका है।
लहंगा यूं बना भारतीय दुल्हनों की पहली पसंदआज लगभग हर लड़की अपनी शादी में लहंगा पहनना पसंद करती है। शादी से सालों पहले से लड़कियां अपने वेडिंग लहंगे की रूपरेखा अपने दिमाग में बना लेती हैं। हालांकि पहले ऐसा नहीं था। पहले शादियों में ज्यादातर क्षेत्रीय परिधान या फिर साड़ी ही शादियों में पहनी जाती थी। लेकिन पिछले करीब तीन दशकों से देखा जाए तो लहंगे ने शादी के जोड़े के तौर पर अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है। लहंगे को बतौर वेडिंग ड्रेस इतना पॉपुलर करने के पीछे बॉलीवुड और उसकी अभिनेत्रियों का बड़ा हाथ है। चांदनी, हम आपके हैं कौन और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी 90 के दशक की ब्लॉकबस्टर फिल्मों में लीड एक्ट्रेसेस की लहंगे में शादी ने जवान लड़कियों को खूब आकर्षित किया। ज्यादातर फिल्मी अभिनेत्रियां रियल लाइफ में भी लहंगे में ही दुल्हन बनीं नजर आईं। भारत जैसे देश जिसके रगों में बॉलीवुड बसता है उसने लहंगे को हाथों हाथ लिया और देखते ही देखते लहंगा सबसे ज्यादा पॉपुलर वेडिंग ड्रेस बन गया।
लहंगा बनने में कितना लगता है वक्तदिल्ली में द इंडियन कारीगर नाम से बुटीक चलाने वालीं सोनम खत्री बताती हैं कि आर्डर पर दिए गए एक लहंगे को बन कर तैयार होने में कम से कम 20 दिन लगते हैं। बनने का समय लहंगे की वैरायटी, डिजाइन और उसके फैब्रिक जैसी चीजों पर निर्भर करता है। हाथ से सिले और सजाए गए लहंगे में वक्त थोड़ा ज्यादा लगता है।'सोनम कहती हैं कि लहंगा बनाना हर किसी के बस का भी नहीं है। इसके लिए खास कारीगर होते हैं। सिलाई कोई और करता है तो कढ़ाई कोई और। उन्हें फाइनल टच देने के लिए अलग कारीगर होते हैं। वहीं फैक्ट्री में इनको बनाने का समय और खर्च दोनों ही कम हो जाते हैं।
समय के साथ कितना बदला लहंगाकभी पारंपरिक परिधान रह चुका लहंगा मॉडर्न ग्लोबल ट्रेंड के हिसाब से काफी बदल चुका है। कई तरह के लहंगे मार्केट में हैं। पिछले कुछ सालों में लहंगे का सबसे पॉपुलर इनोवेशन लहंगा साड़ी के तौर पर सामने आया है। इसके साथ ही अनारकली लहंगा भी लड़कियों के बीच काफी पॉपुलर है। लहंगे के फैब्रिक में भी काफी प्रयोग किये जा रहे हैं। अब लहंगे साटन, मिक्स्ड कॉटन, वेलेवट, क्रेप, जॉर्जेट जैसे फैब्रिक से भी बन रहे हैं। आज कल साड़ी लहंगा गर्ल्स के बीच बहुत पॉपुलर है जिसका क्रेडिट बहुत हद तक शिल्पा शेट्टी और कुछ तरुण तहिल्यानी, रोहित बल, गौरव गुप्ता जैसे डिजाइनर्स को जाता है। वहीं बजट लहंगे की बात करें तो सिंपल लहंगे के साथ नेट या जॉर्जेट दुपट्टा और हल्के वर्क वाली चोली या ब्लाउज सबसे ज्यादा डिमांड में हैं।
लहंगे का मेंटेनेंसकई तरह के रंगों, महंगे फैब्रिक और उन पर की गई सजावट के कारण लहंगो की ड्राई क्लीनिंग ही करवाई जाती है। साधारण धुलाई लहंगे के खराब कर सकती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर ज्यादा वक्त तक अपने लहंगे को नए जैसा रखना है तो ड्राई क्लीनिंग के बाद लहंगे को प्लास्टिक या सफेद कागज में लपेटकर रखना चाहिए।
लहंगा बनाने में खर्चालखनऊ के अमीनाबाद में लहंगों के थोक विक्रेता नितिन श्रीवास्तव बताते हैं कि 'आम तौर पर एक ठीक-ठाक लहंगा 7 से 10 हजार रुपये तक में तैयार हो जाता है। हालांकि डिजाइनर लहंगे 40-50 लाख के भी आते हैं। बात आम लोगों के बजट की करें ते 10 हजार रुपये तक में बढ़िया लहंगा तैयार हो जाता है। उसके ऊपर ब्रांड, फैब्रिक और सजावट के हिसाब से पैसे बढ़ते जाते हैं। देश के बड़े शहरों की बात करें तो ब्राइडल लहंगे 15 हजार से 2 लाख रुपये तक के बीच बिक रहे हैं। बाकी अगर वर्क और घेरे से समझौता किया जाए तो 2500 ये 3000 रुपये के बजट वाला लहंगा भी आपकी अलमारी की शोभा बढ़ा सकता है।
आज की तारीख में लहंगे का मार्केटआज लहंगा का कारोबार बहुत बड़ा है। लोअर मिडिल क्लास और उससे ऊपर क्लास की लगभग हर लड़की अपनी शादी के जोड़े में लहंगा ही पसंद करती है। इतना ही नहीं जो लहंगा पहले कुछ खास मौकों पर ही पहना जाता था अब उसका दायरा भी बढ़ गया है। मौके के हिसाब से लहंगे को बनाया जा रहा है। किस तरह का कार्यक्रम है उसके हिसाब से लहंगे पर कढ़ाई और सजावट का काम किया जा रहा है। मनीष मल्होत्रा, सब्यसाची मुखर्जी, अनीता डोंगरे और अंजू मोदी कुछ ऐसे पॉपुलर नाम हैं जो आज लहंगे को अलग कंटेम्पररी लुक देने के लिए जाने जाते हैं। इन नामों के जुड़ने के कारण ही लहंगा आज इतना महंगा हो गया है।
ईशा अंबानी ने पहना दुनिया सबसे महंगा लहंगादुनिया का सबसे महंगा लहंगा मुकेश अंबानी की बेटी ईशा ने अपना शादी में पहना था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईशा अंबानी की शाही शादी में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। ईशा ने आनंद पीरामल संग अपनी शादी में जो लहंगा पहना था उसकी कीमत 90 करोड़ रुपये थी। यह लहंगा सोने से बना था। यह गोल्डन लहंगा किसी भी दुल्हन द्वारा शादी में पहना गया सबसे महंगा लहंगा था।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें
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