Footwear's of India: सालों पहले ऐसी चप्पल पहनते थे भारत के लोग, जानें कहां से आया हील्स-जूती का ट्रेंड.. ये है देश की फेमस फुटवियर लिस्ट
Best Footwear's of India (भारत का चप्पल बाजार): भारतीय वेशभूषा के साथ यहां के कोने कोने में पाई जाने वाली अलग अलग किस्म की चप्पलों का इतिहास भी सालों साल पुराना है। लगातार बदलते फैशन ट्रेंड्स के बीच चप्पलों की डिजाइन तो स्टाइल करने के तरीके में जमीन आसमान का अंतर आया है। यहां देखें भारत में सबसे ज्यादा पहनी जाने वाली चप्पल कौन सी है, उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक की ट्रेडिशनल लेटेस्ट ट्रेडिंग फुटवियर डिजाइन्स।
Traditional Footwear's of India History and evolution
Best Footwear's of India (भारत का चप्पल बाजार): रामायण का एक प्रसिद्ध श्लोक है - पादुके देहि राजेन्द्र राज्याय तव पूजिते । तयो: सेवां करोम्येव यावदागमनं तव ।।
श्लोक में वाल्मीकि बता रहे हैं कि श्रीराम ने भरत को अपनी चरण-पादुकाएं दीं । भरत ने चरण-पादुकाओं को मस्तक से लगाया। मस्तक बुद्धि का स्थान है। मस्तक पर भगवान की चरण-पादुका रखने से बुद्धि में कोई विकार—काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि प्रवेश नहीं कर सकते हैं। बड़े भाई राम की चरण-पादुकाएं लेकर भरत को इतना आनंद हुआ, मानो साक्षात् सीताराम जी मिल गए हों । भरत श्रीराम की चरण-पादुकाओं को लेकर अयोध्या लौट आए और राजगद्दी पर बड़े भाई की चरण पादुकाएं रख 14 साल तक राज्य की जिम्मेदारी संभाली। रामायण के इस संदर्भ में चरण पादुकाओं मतलब कि पैरों में पहनने वाले जूते या चप्पल का महिमामंडन साफ नजर आता है।
आज से ही नहीं बल्कि अनंत काल से इंसान के जूते उसकी पहचान का हिस्सा रहे हैं। हम आपके कौन हैं फिल्म याद है आपको। जहां जूते छिपाई पर पूरा एक गाना ही फिल्माया गया है। भारत के कई हिस्सों में शादी ब्याह में लड़की की बहनें दूल्हे का जूता चुरा लेती हैं। मुंहमांगा तोहफा लेने के बाद ही लड़कियों अपने होने वाले जीजाजी के जूते वापस करती हैं। जूता छिपाई की इस रस्म का मतलब ये होता है कि अगर आपने हमारी बात नहीं मानी तो हम आपका जूता नहीं देंगे और आपके जाने के बाद भी आपके जूते के रूप में आपको घर जमाई बनाकर रखेंगे। पत्रकार अमृत तिवारी का कहना है कि इस रस्म से हमें पता चलता है कि इंसान की पहचान का बड़ा हिस्सा उसके जूते भी होते हैं या फिर उसकी मौजूदगी का प्रतीक भी माने जाते हैं।
जूता तो कभी था चरण पादुका
लगातार बदलती फैशन इंडस्ट्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में भारत कभी भी पीछे नहीं रहा है। पहले जहां लोग पैरों में लकड़ी की पादुका जिसे खड़ाऊ कहते थे, पहना करते थे वहीं आज एक से एख नई तकनीक औऱ सुविधाओं से लैस जूते चप्पल मार्केट में उपलब्ध हैं। आज महंगे जूते - चप्पल किसी की स्टाइल और स्टेटस का बहुत बड़ा सिंबल बन गया है। यही वजह है कि इस देश के फुटवियर मार्केट में बेहतरीन ग्रोथ देखी गई है।
भारत में चप्पल का इतिहास, History of Indian Footwear
भारत में चप्पलों का इतिहास करीब 5000 साल पुराना माना जाता है। हड़प्पा सरीखी कई सभ्यताओं में जूते-चप्पलों के कई प्रमाण मौजूद है। पादुकाओं का जिक्र होने के करीब 3300 साल बाद मुगलों द्वारा भारत में जूतियों का ट्रेंड लाया गया था। लकड़ी की पादुकाओं से अलग बेहतरीन सोने - चांदी के तारों से एम्ब्रॉयडरी की हुई लेदर की जूतियों ने भारतीय बाजार में कमाल कर दिया था। जूतियों के साथ ही देश में अलग अलग प्रकार की चप्पलों का भी ट्रेंड शुरू हुआ था, जिनमें से महाराष्ट्र की कोल्हापुरी चप्पल तो मुल्तान, राजस्थान, पंजाब की खुस्सा जूती खूब फेमस हुई थी। और इन्हीं ट्रेंड्स में और बहुत से बदलाव तब हुए थे, जब भारत में अग्रेंजी हुकुमत का शासन था। हालांकि मॉडर्नाइजेशन के बाद भी आज भारतीय पहनावे का अमूल्य हिस्सा हैं।
भारत का चप्पल बाजार, Indian Footwear Industry
साल 2024 में भारत में फुटवियर बाजार में उत्पन्न हुआ रेवेन्यू करीब 26.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। और अब उम्मीद है कि ये बाजार सालाना 4.85% की दर से बढ़ेगा। लेदर फ़ुटवियर सेगमेंट बाज़ार का सबसे बड़ा सेगमेंट है, आगरा, पंजाब, चेन्नई और कानपूर में चप्पलों का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। हालांकि बता दें कि इस देश के कोने कोने में अलग अलग तरह की चप्पले बनाई जाती हैं। जो अपने साथ बेहद खूबसूरत अंदाज में इतिहास की अनकही कहानियां लेकर आती हैं। यहां देखें देश के किस कोने में कौन सी चप्पल पहनी जाती है। और भारत की सबसे ज्यादा फेमस फुटवियर कौन सी है।
कोल्हापुरी चप्पल
महाराष्ट्र की फेमस कोल्हापुरी चप्पलें स्टाइल के मामले में एकदम ही गजब लुक देती हैं। खूब ट्रेंड में चल रही ये कम्फर्टेबल कोल्हापुरी चप्पलों की उत्पत्ति 12वीं शताब्दी के आस पास होने के सबूत हैं। राजा बिज्जला द्वारा इन चप्पलों को बनाने पर जोर दिया गया था और करीब 13वीं शताब्दी में इसे पहली बार पहना गया था। तब इसे कपाशी, पाई-तान, बक्कलनाली वगैरह भी कहा जाता था, ये चप्पलें सबसे पहले कोल्हापुर में बनाई जाती थीं लेकिन कर्नाटक के कारीगर भी सदियों से कोल्हापुरी चप्पल बनाने में लगे हुए हैं। महाराष्ट्र के कोल्हापुर , सांगली , सतारा और सोलापुर जिलों के साथ-साथ कर्नाटक के बागलकोट, बेलगावी , धारवाड़ और बीजापुर जिले इन चप्पलों को बनाने की कला में महारत हासिल कर चुके हैं।
कोल्हापुरी चप्पलों को आप वेस्टर्न से लेकर ट्रेडिशनल कपड़ों तक के साथ स्टाइल कर बहुत ही ज्यादा कमाल का लुक क्रिएट कर सकते हैं। पुरुषों और महिलाओं दोनों पर ही कोल्हापुरी चप्पलें बेहतरीन लुक देती हैं। कोल्हापुरी चप्पलों में भी कोराकारी कोल्हापुरी चप्पल सबसे ज्यादा अच्छी मानी जाती है। ये चप्पल अपनी यूनिक स्टाइल और मजबूती के लिए काफी फेमस है। कोल्हापुरी चप्पल आपको 500 से लेकर 5000 तक की रेंज में मिल जाएगी।
पंजाबी जूती या खुस्सा
पंजाब, उत्तर प्रदेश, पाकिस्तान आदि जैसी जगहों पर जूती पहनने का कल्चर सालों साल से चला आ रहा है। 16 शताब्दी में जूतियों का स्टाइल खूब तेजी से फैला था, पुराना जमाने में सोने, चांदी के तारों से बुनी जूतियों पर रत्न और हीरे लदे रहते थे। मुगलों द्वारा भारत में जूती कल्चर बहुत प्रमोट किया गया था। और आज भारत का पंजाब जूतियों के मामले में सबसे आगे है। हाथ से बनी ये जूतियां खासतौर से अमृतसर, पटियाला, लुधियाना, अबोहर, फजिल्का और फरीदकोट में बनाई जाती है।
जूतियां इन दिनों लगभग हर बॉलीवुड हीरोइन सूट-साड़ी तो वेस्टर्न स्टाइल जींस ड्रेस के साथ भी जमकर फ्लॉन्ट कर रही हैं। पंजाब के साथ साथ राजस्थान की जूतियां भी खूबसूरती में किसी से कम नहीं होती हैं। मार्केट में सलेम शाही जूती, टिल्ला जूती, खुस्सा जूती, कसूरी जूती, जलसा जूती, लकी जूती आदि जैसी कई ट्रेडिशनल स्टाइल की जूतियां मिलती हैं। लहंगा, साड़ी, अनारकली से लेकर लेटेस्ट डिजाइन के प्लाजो या जींस कुर्ती के साथ भी जूतियां कमाल लगती हैं। बेस्ट क्वालिटी की जूतियां आपको 1000 से लेकर 6000 तक की रेंज में भी मिल जाएंगी। दुल्हन वाली हैवी वर्क जूतियां आमतौर पर महंगी आती हैं।
ट्रेडिशनल मोजरी
मोजरियों का डिजाइन भी वैसे तो कहीं न कहीं जूतियों से मिलता जुलता ही होता है, हालांकि इनकी बनावट में थोड़ा सा अंतर होता है। मूल रूप से मोजरी की उत्पत्ति मुगल साम्राज्य में मुस्लिम शासन के तहत ही हुई थी। जहां इसे जूतियों की तरह ही मुगल कपड़ों के हिस्से के रूप में रंगों, रत्नों और अन्य आभूषणों से सजाया गया था। हालांकि बता दें कि, जूतियां आमतौर पर गोल मुंह की होती हैं तो मोजड़ियों के आगे वाला सिरा घुमावदार होता है।
जोधपुरी मोजरी से लेकर पंजाबी और गुजराती मोजरियों का डिजाइन भी काफी ट्रेंड में है। कोल्हापुरी चप्पलों जैसे ही मोजरियों का फैशन में महिलाओं और पुरुषों में एक जैसा ही है। कई बॉलीवुड सेलेब्स ने नए स्टाइल की शू लुक वाली मोजरी तो ट्रेडिशनल मोजरियां बेहतरीन फिल्मी लुक में फ्लॉन्ट की हैं। मोजरी बनाने का सबसे ज्यादा काम राजस्थान में जोधपुर, झुंझुनू, अजमेर, बीकानेर, जैसलमेर और जयपुर में होता है। मोजरी भी आपको करीब 4500 से लेकर 5000 की रेंज में मिल जाएगी, हालांकि हैवी वर्क तो अच्छी क्वालिटी के लेदर मटेरियल का पैसा ज्यादा हो सकता है।
बंटू सैंडल
सैंडल्स की उपत्ति तो वैसे यूएस में हुई थी, लेकिन भारत की इन ट्रेडिशनल चप्पलों के साथ साथ इन दिनों बंटू सैंडल्स भी खूब ट्रेंड में हैं। आज के फिल्प-फ्लॉप स्टाइल की ये की ये सैंडल्स सालों से कर्नाटक में बनाई जा रही है। बंटू सैंडल्स का लुक इंडियन ट्रेडिशनल्स के साथ बहुत ही ज्यादा अच्छा आता है। आपको मार्केट में अलग अलग स्टाइल की सैंडल्स मिल जाएंगी, जिनमें थोड़ा विदेशी तो थोड़ा देसी टच हो। बंटू सैंडल्स आपको मार्केट में करीब 1000 रुपये तक की रेंज में मिल जाएंगी।
पादुकाओं से लेकर हील्स तक का सफर
खड़ाऊँ तो पादुकाओं से लेकर आज की ट्रेंडी चप्पलों तक का सफर बेशक काफी लंबा तो रोमांचक रहा है। वैसे तो भारत में इन सैंडल, चप्पलों और जूतों के अलावा भी बहुत सी स्टाइल की फुटवियर्स आती हैं। लेकिन बेस्ट फुटवियर्स की लिस्ट में महिलाओं की हील वाली चप्पलें अक्सर नंबर वन पर रहती हैं। कई चप्पल विक्रेताओं तो ऑनलाइन स्टोर्स के मुताबिक भी महिलाएं हील वाली लेटेस्ट डिजाइन की चप्पले सबसे ज्यादा पहनती हैं। जिनकी रेंज हजारों तक की होती हैं, हालांकि क्या आप जानते हैं कि ये नई और ट्रेंडी लुक वाली हील की चप्पलों का इतिहास भी सालों पुराना है। 1st सेंचुरी CE के कुशाना साम्राज्य के महाराजाओं द्वारा हाई हील वाले बूट्स पहने जाते थे। जिनपर आज की एमब्रॉयडरी तो स्टेटमेंट ज्वेलरी से मिलते जुलते ही सोने के सिक्के जड़े हुए होते थे। गुप्त राजवंश के भी करीब 320-550 CE के आस पास में इस तरह की हील वाली चप्पल पहनने के प्रमाण हैं।
बूट वाली हील्स के साथ साथ भारत में प्लैटफॉर्म वाली हील की चप्पलें भी सदियों से पहनी जाती रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार वैसे तो 16वीं शताब्दी में फ्रांस की महारानी द्वारा पहली बार प्लैटफॉर्म हील्स पहनने की बात कही गई है। मगर वैसे ही स्टाइल की चप्पल कोनार्क के सूर्य मंदिर की एक मूर्ति में भी देखी गई है। गौरतलब है कि ये मूर्ति 13वीं शताब्दी के आस पास की है, ऐसी ही एक मूर्ति तेलंगाना के रामप्पा मंदिर से भी प्राप्त हुई थी। जिसका अर्थ है कि, विदेशी राज्यों से पहले ही भारत में हील वाली चप्पल या पादुका पहनने का ट्रेंड था।
बॉलीवुड हसीनाओं की पसंद
फैशन ट्रेंड्स के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली बॉलीवुड हसीनाओं को इन दिनों तस्वीर में बताई गई ये तीन तरह की हाई हील्स खूब पसंद आ रही है। आलिया भट्ट की ये हैवी वर्क वाली जुती पैटर्न हील्स दीपिका तो करीना तक सूट और साड़ियों के साथ स्टाइल कर चुकी हैं। जूती और मोजड़ी स्टाइल के अलावा इन दिनों स्टाइलिश लुक वाली ट्रांसपेरेंट न्यूड शेड की चप्पले भी काफी ट्रेंड में चल रही हैं।
अब अगर आपको देसी जूती नहीं बल्कि विदेशी टच वाली बैलीज या पंप हील्स पहनने का शौक है, तो भी आपको सस्ते में कई सारे ऑप्शन्स आसानी से मिल जाएंगे। लेटेस्ट ट्रेंड की बात करें तो यंग से लेकर मीडिल एज की महिलाओं को भी हर आउटफिट के साथ इन दिनों किटन हील्स पहनना सबसे ज्यादा पसंद आ रहा है। आप भी ये नए डिजाइन की हील्स को अलग अलग तरह की ड्रेसेज के साथ स्टाइल कर सकती हैं।
सबसे कम्फर्टेबल चप्पल कौन सी है?
महिलाओं को अगर ट्रेडिशनल सूट, साड़ी या लहंगे के साथ बहुत ही ज्यादा कम्फर्टेबल और पहनने में आसान स्टाइल वाला फुटवियर चाहिए। तो कोल्हापुरी स्टाइल की चप्पलें और जूतियां हर ड्रेस के साथ एकदम ही गजब का लुक देंगी।
- कम्फर्टेबल के साथ साथ ये दोनों ही तरह की चप्पलें काफी मजबूत होती हैं, जिनकी आपको कोई ज्यादा केयर करने की भी जरूरत नहीं होती है।
- आपको बस रेगुलर वियर वाली चप्पलों को अच्छे से साफ करके यूज करने के बाद किसी डिब्बे में रखना है।
- अगर आपके पास कोई बहुत जरी या डिजाइनर लुक वाली चप्पल है, तो जरी काली न पड़े इसलिए उसको समय समय पर साफ करते और अच्छे से डिब्बे में पैक करके रखने की जरूरत हो सकती है।
वहीं पुरुषों के लिए भी कोल्हापुरी चप्पल तो सैंडल्स एकदम कम्फर्टेबल रहेगी। जिन्हें आप ऑफिस वाले पैंट-शर्ट के साथ साथ शादी ब्याह में भी पहन सकते हैं। तो अगर आपको भी फैशन ट्रेंड्स फॉलो करने का शौक है, तो डिजाइनर कपड़ों के साथ देश भर में मिलने वाली अलग अलग स्टाइल की डिजाइनर चप्पलें आपको जरूर ट्राई करनी चाहिए। जिनकी अनोखी कारीगरी और बेहतरीन लुक अपने आप ही आपके स्टाइल में चार चांद लगा देगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | लाइफस्टाइल (lifestyle News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली लड़की, जिसे कविताएं लिखना, महिलाओं से ज...और देखें
Malaiyo: बनारस की मलइयो क्यों है खास, क्या है इस मिठाई का इतिहास? कैसे जादू करती है मलाई और ओस की बूंद, जानें सबकुछ
Shaadi Ki Shopping: दुल्हन की कलाइयों में रंग जमा देंगे ये फैंसी चूड़े, दिल्ली के इन मार्केट्स से खरीदे लहंगे से लेटेस्ट, ट्रेंडी, मैचिंग Choode
उम्र से पहले चेहरे पर आ रही झुर्रियों को कम कर देगा ये एंटी एजिंग फेस पैक, जवां और खूबसूरत त्वचा के लिए इस तरह करें अप्लाई
Happy Gita Jayanti 2024 Sanskrit Wishes: यदा यदा ही धर्मस्य.. गीता जयंती की सुबह इन 10 संस्कृत श्लोक, Quotes भेज अपनों को दें शुभकामना, कहें शुभ गीता जयंती
Happy Gita Jayanti 2024 Hindi Wishes Images, Quotes: गीता जयंती आज, दोस्तों को भेजें ये शुभकामना संदेश, कोट्स और गीता से सार हिंदी में
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited