7-7-7 Rule of Parenting: बस 21 मिनट में संवरेगा बच्चों का भविष्य, पैरेंट्स को भी खूब आ रहा रास, जानिए क्या है पैरेंटिंग का 777 नियम

7-7-7 rule of Parenting in Hindi: 7-7-7 पैरेंटिंग नियम के अनुसार, माता-पिता को हर दिन अपने बच्चे के साथ कम से कम 7 मिनट सुबह, 7 मिनट शाम और 7 मिनट रात में बिताने चाहिए। ये 21 मिनट बच्चों के विकास के लिए काफी अहम हैं। यह नियम न केवल बच्चों की मानसिक और शारीरिक विकास को संवारता है बल्कि माता-पिता और बच्चों के बीच मजबूत संबंध भी स्थापित करता है।

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What is 777 rule of Parenting in Hindi

7-7-7 rule of Parenting in Hindi: आपने अकसर पैरेंट्स को कहते सुना होगा कि बच्चे नहीं तो क्या हम शरारत करेंगे, बच्चा जो पसंद करें, जितना पसंद करें, खाने देना चाहिए, पढ़ने वाले बच्चे कहीं पढ़ लेते हैं, स्कूल से क्या होता है..वगैराह-वगैराहय। कुछ सालों पहले तक यही पैरंटिंग का तरीका था। लेकिन अब बदलते वक्त और माहौल के साथ पैरेंटिंग के तरीके भी बदले हैं। अब पेरेंट्स बच्चों के सही विकास के लिए हर कुछ करते हैं तो जो वो कर सकते हैं। बच्चों को अत्यधिक लाड़ दुलार से बिगाड़ देना कल की बात हो चुकी है। अब प्यार दिखाने की सीमा तय करने पर जोर दिया जा रहा है। पहले बड़ों से सवाल पूछना अच्छा नहीं माना जाता था। बच्चों से अपेक्षा होती थी कि वे बड़ों की हर बात सिर झुका कर मान लें अब पैरेंट बच्चों की क्यूरोसिटी को अच्छा मानते हैं। अब पेरेंट्स की सोच बदली है तो जाहिर सी बात है पेरेंटिंग स्टाइल भी बदलेगा।

नए जमाने में कई तरह के नए पैरेंटिंग स्टाइल लोग फॉलो कर रहे हैं। अब चाहे वह पांडा पैरेंटिंग हो या फिर टाइगर पैरेंटिंग। कुछ पेरेंट्स एलिफेंट पैरेंटिंग अपना रहे हैं तो कुछ स्ट्रिक्ट पैरेंटिंग। इन दिनों पैरेंटिंग का एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। इस नए पैरेंटिंग रूल को 7-7-7 रूल कहा जा रहा है। एक्सपर्ट्स भी पैरेंटिंग के इस 7-7-7 रूल को बच्चों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण और फायदेमंद बता रहे हैं।

क्या है पैरेंटिंग का 7-7-7 रूल (What is 7-7-7 rule of Parenting)

7-7-7 पैरेंटिंग नियम के अनुसार, माता-पिता को हर दिन अपने बच्चे के साथ कम से कम 7 मिनट सुबह, 7 मिनट शाम और 7 मिनट रात में बिताने चाहिए। ये 21 मिनट बच्चों के विकास के लिए काफी अहम हैं। यह नियम न केवल बच्चों की मानसिक और शारीरिक विकास को संवारता है बल्कि माता-पिता और बच्चों के बीच मजबूत संबंध भी स्थापित करता है।

इस नियम की एक शर्त ये है कि माता-पिता को हर हाल में यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चा अपने विचार, भावनाएं और दिनचर्या को साझा कर पाए। बता दें कि यह नियम सभी आयु के बच्चों के लिए उपयुक्त है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद है क्योंकि यह उनके विकास के महत्वपूर्ण समय में माता-पिता के साथ मजबूत बोंडिंग स्थापित करता है।

इस पैरेंटिंग रूल की सबसे खास बात ये है कि यह नियम केवल 21 मिनट प्रतिदिन की मांग करता है, जो व्यस्त माता-पिता भी अपने बच्चों के लिए निकाल सकते हैं। अपने बच्चों के साथ बिताए गए ये 21 मिनट उनके भविष्य के निर्माण में एक अहम योगदान दे सकते हैं।

सुबह के 7 मिनट: पूरे दिन के लिए करें मोटिवेट

पैरेंटिंग के 7-7-7 रूल में सुबह के 7 मिनट बेहद अहम हैं। आप इन सात मिनट में बच्चों के अंदर जितनी सकारात्मकता डाल सकें उतना डालें। ऐस करना महत्वपूर्ण इसलिए है कि इससे बच्चों के पूरे दिन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आपको करना बस ये है कि सुबह जब बच्चे आंख खोलें तो उनके पास आप रहें और दिन की शुरुआत उन्हें मोटिवेट करते हुए करें। बच्चों से उनके दिन के प्लान के बारे में बात करें। उनसे पूछें कि आज स्कूल में क्या कुछ खास होगा। आप उनसे अपनी दिनचर्या के बारे में भी बताएं और उन्हें ये भी बताएं कि आप आज किस तरीके से अपने काम निपटाएंगे। इससे बच्चे मोटिवेट होते हैं। दिन भर बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

शाम के 7 मिनट: दिनभर की उपलब्धियों पर बात करें

शाम का वक्त थोड़ा सुकून भरा होता है। यही वह समय होता है जब आप अपने दिनभर की थकान और अनुभवों को बांट सकते हैं। शाम के 7 मिनट में बच्चों से उनके पूरे दिन के बारे में बात करें। उन्होंने कुछ हासिल किया हो तो उसके लिए शाबाशी दें और अगर कुछ गलत किया हो तो उसे प्यार से समझाएं कि इस काम को किस तरह से करना चाहिए था। बच्चों के अंगर आदत डेवलप करें कि वो रोज कुछ ना कुछ नया सीखें जिसे वह शाम में आपके साथ साझा कर सकें। आप इसकी शुरुआत बच्चों से अपने अनुभव साझा करके भी कर सकते हैं। शाम में ये सात मिनट का समय आपको बच्चों के साथ हेल्दी बॉन्डिंग में मदद करता है।

रात के 7 मिनट: इमोशनल बॉन्डिंग का समय

रात के 7 मिनट बच्चों के लिए सबसे स्पेशल होने चाहिए। सोने से पहले का यह समय माता-पिता और बच्चों के बीच बॉन्डिंग को बढ़ाता है। इस समय बच्चों को कहानी सुनाने, दिनभर के अच्छे पलों को याद करने, या फिर उन्हें गले लगाने का अवसर होता है। यह नियम बच्चों के दिमाग में सुकून और शांति का भाव लाता है, जिससे उनकी नींद भी अच्छी होती है। इससे बच्चे अगले दिन के लिए फ्रेश और खुश महसूस करते हैं।

पैरेंटिंग के 7-7-7 रूल के फायदे (Benefits of 7-7-7 rule of Parenting)

1. कम्युनिकेशन: 7-7-7 पैरेंटिंग नियम माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद को बढ़ाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।

2. भावनाओं का समझना: इस नियम का पालन करने से माता-पिता बच्चों की भावनाओं को समझ सकते हैं और उन्हें सुरक्षित महसूस करा सकते हैं।

3. बढ़ता है कॉन्फिडेंस: बच्चे जब देखते हैं कि उनके माता-पिता हमेशा उनके साथ हैं और उनके अनुभवों को महत्व देते हैं तो इससे उनका मनोबल बढ़ता है।

4. आत्मसम्मान और संयम: पैरेंटिंग के इस नियम से ना सिर्फ बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है बल्कि उनमें आत्म-सम्मान और संयम के गुण भी विकसित करता है।

5. बॉन्डिंग: इस नियम की सबसे खास बात ये है कि आज जब बच्चे और अभिभावकों में एक दूरी नजर आती है, यह दोनों के बीच की बॉन्डिंग को बेहतर बनाता है।

6. मानसिक विकास: 7-7-7 रूल बच्चों के मानसिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बता दें कि पेरेंट्स जो बच्चों की बेहतरी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं लेकिन समय के अभाव के कारण वह अपना शत प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। पैरेंटिंग का यह नियम आपको रोजाना सिर्फ 21 मिनट निकालने के लिए कहता है। शायद इसलिए इस तरह की पैरेंटिंग आजकल के अभिभावकों के बीच खूब पॉपुलर हो रहा है। तमाम चाइल्ड स्पेशलिस्ट भी इस तरह की पैरेंटिंग के फायदे से इनकार नहीं करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आप बच्चों को बहुत ज्यादा वक्त दें या फिर दिन के 21 मिनट, बस आपको हमेशा ध्यान रखना है कि आप बच्चों के टीचर ना बनें..उनके दोस्त बनकर उनसे संवाद करें।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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