Fahmi Badayuni Shayari: मुझे तुमसे बिछड़ना ही पड़ेगा, मैं तुमको याद आना चाहता हूं.., अपने इन चुनिंदा शेरों में हमेशा महकते रहेंगे फहमी बदायूनी

Fahmi Badayuni Shayari in Hindi: अनगिनत दिलों में असंख्य पंक्तियों का बसेरा बनाकर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर फहमी बदायूंनी हमेशा के लिए यादों में समा गए। 20 अक्तूबर को उनका निधन हो गया।

Fahmi Badayuni

Fahmi Badayuni Shayari in Hindi

Fahmi Badayuni Shayari: फहमी बदायूनी शायरी की दुनिया का बहुत बड़ा नाम रहे। इक्कीसवीं सदी में फ़हमी बदायूनी ने ऐसी ज़मीन तैयार कर दी जिनपर ग़ज़ल की नई फसलें लहलहाऐंगी। फ़हमी साहब के शेर में आम तौर पर इतने कम अल्फ़ाज़ का इस्तेमाल होता है कि हर लफ़्ज़ की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है। 4 जनवरी 1952 को बदायूं ज़िले के बिसौली क़स्बे में फहमी बदायूनी शायरी की दुनिया का चमकता सितारा बनने से पहले लेखपाल की नौकरी करते थे। जब क़िस्मत ने नौकरी से मुंह मोड़ लिया तो मैथ और साइंस की दिलचस्पियों ने कोचिंग क्लासेस के दरवाज़े खोल दिए। धीरे धीरे फहमी बदायूनी शेर-ओ-शायरी की ऐसी दुनिया में घुसे कि बस यहीं के हो कर रह गए। यहां हम फहमी बदायूंनी की कलम से निकले तमाम मशहूर शेरों से आपके लिए कुछ चुनिंदा शेर लाए हैं:

1. पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा

कितना आसान था इलाज मिरा

2. मैं ने उस की तरफ़ से ख़त लिक्खा

और अपने पते पे भेज दिया

3. परेशाँ है वो झूटा इश्क़ कर के

वफ़ा करने की नौबत आ गई है

4. ख़ुशी से काँप रही थीं ये उँगलियाँ इतनी

डिलीट हो गया इक शख़्स सेव करने में

5. काश वो रास्ते में मिल जाए

मुझ को मुँह फेर कर गुज़रना है

6. ख़ूँ पिला कर जो शेर पाला था

उस ने सर्कस में नौकरी कर ली

7. जब तलक क़ुव्वत-ए-तख़य्युल है

आप पहलू से उठ नहीं सकते

8. मर गया हम को डाँटने वाला

अब शरारत में जी नहीं लगता

9. टहलते फिर रहे हैं सारे घर में

तिरी ख़ाली जगह को भर रहे हैं

10. कटी है उम्र बस ये सोचने में

मिरे बारे में वो क्या सोचता है

11. बदन का ज़िक्र बातिल है तो आओ

बिना सर पैर की बातें करेंगे

12. कुछ न कुछ बोलते रहो हम से

चुप रहोगे तो लोग सुन लेंगे

13. आप तशरीफ़ लाए थे इक रोज़

दूसरे रोज़ ए'तिबार हुआ

14. आज पैवंद की ज़रूरत है

ये सज़ा है रफ़ू न करने की

15. जो कहा वो नहीं किया उस ने

वो किया जो नहीं कहा उस ने

16. उसे ले कर जो गाड़ी जा चुकी है

मैं शायद उस के नीचे आ रहा हूँ

17. जिस को हर वक़्त देखता हूँ मैं

उस को बस एक बार देखा है

18. मैं चुप रहता हूँ इतना बोल कर भी

तू चुप रह कर भी कितना बोलता है

19. फूलों को सुर्ख़ी देने में

पत्ते पीले हो जाते हैं

20. निगाहें करती रह जाती हैं हिज्जे

वो जब चेहरे से इमला बोलता है

21. मुझ पे हो कर गुज़र गई दुनिया

मैं तिरी राह से हटा ही नहीं

असंख्य हृदय में ऐसी अनगिनत पंक्तियों का बसेरा बनाकर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर फहमी बदायूंनी हमेशा के लिए यादों में समा गए। 20 अक्तूबर को उनका निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। फहमी बदायूनी साहब ने भले ये मृत्युलोक छोड़ दिया हो लेकिन अपने कलम से निकले हर हर्फ के जरिए वह हमेशा जिंदा रहेंगे।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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