Firaq Gorakhpuri Shayari: अब तो उन की याद भी आती नहीं.., सीधे दिल पर होगी दस्तक, पढ़ें फिराक गोरखपुरी के 25 मशहूर शेर

Firaq Gorakhpuri Shayari: फिराक गोरखपुरी ने यूं तो कई विषय पर नज्में लिखीं, लेकिन प्रेम और सौंदर्य पर उन्होंने जो लिखा उसने उन्हें उर्दू के एक अलहदा शायर के तौर पर स्थापित कर दिया। उनकी कलम से ना जाने कितने ही दिलकश शेर निकले जिसने सुनने या पढ़ने वाले तो मोह कर रख लिया। 'इरशाद' में आज पेश हैं फिराक गोरखपुरी की शायरी:

Firaq Gorakhpuri Shayari in Urdu, Hindi

Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi: फिराक गोरखपुरी का जन्म 28 अगस्त 1896 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ था। उनका असली नाम रघुपति सहाय था। साल 1920 में फनकारी की दुनिया में कदम रखने के बाद रघुपति सहाय ने अपना तखल्लुस फिराक गोरखपुरी कर लिया। उन्होंने यूं तो कई विषय पर नज्में लिखीं, लेकिन प्रेम और सौंदर्य पर उन्होंने जो लिखा उसने उन्हें उर्दू के एक अलहदा शायर के तौर पर स्थापित कर दिया। उनकी कलम से ना जाने कितने ही दिलकश शेर निकले जिसने सुनने या पढ़ने वाले तो मोह कर रख लिया। आइए डालते हैं उनके लिखे कुछ चुनिंदा शेरों पर एक नजर:

Firaq Gorakhpuri shayari

इक उम्र कट गई है तिरे इंतिज़ार में

ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिन से एक रात

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