Firaq Gorakhpuri:वो शायर जिसने दिलीप कुमार से पूछ लिया - आप कौन? मिला ऐसा जवाब कि सीधे लग गए गले

Firaq Gorakhpuri: दिलीप कुमार अपने जमाने के सबसे बड़े अभिनेता थे। उनकी एक झलक को पूरा देश पागल रहता था। दिलीप कुमार जहां जाते लोगों की नजरें उन्हीं पर टिक जातीं। लेकिन फिराक गोरखपुरी के साथ ऐसा नहीं था।

Firar Gorakhpuri Dilip Kumar Controversy

When Firaq Gorakhpuri Met Dilip Kumar: फिराक गोरखपुरी का नाम शेर-ओ-अदब की दुनिया में बेहद सम्मान से लिया जाता है। 28 अगस्त, 1896 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जन्मे फिराक गोरखपुरी का असली नाम रघुपति सहाय था। फिराक गोरखपुरी का मानना था कि हिंदुस्तान में महज ढाई लोगों को अंग्रेजी आती है। एत फिराक, दूसरे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और आधा नेहरू। खुद को अंग्रेजी भाषा का बड़ा जानकार बताने वाले उर्दू के महारथी शायर का इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेज साहित्य पढ़ाया करते थे। हालांकि वह अग्रेजी हुकूमत के सख्त विरोधी थे।

अपनी मर्जी के मालिक थे फिराक़

फिराक गोरखपुरी शुरू से पढ़ने में काफी मेधावी थे। उनका चयन सिविल सेवा में भी हो गया था। वह चाहते तो आजीवन आईसीएस अधिकारी बनकर राजा की जिंदगी जीते। लेकिन उन्होंने महात्मा गांधी के असर और असहयोग आंदोलन के समर्थन में अंग्रेजी हुकूमत की सिविल सर्विस का नौकरी को एक झटके में लात मार दिया। फिराक गोरखपुरी अपनी मर्जी के मालिक थे। उनके साथ के लोगों का मानना था कि फिराक बड़े से बड़े तुर्रम खान को अपने आगे कुछ नहीं समझते थे। ऐसा ही एक बार हुआ दिलीप कुमार के साथ।

Firaq Gorakhpuri

जब दिलीप कुमार से मिले फिराक़

दिलीप कुमार अपने जमाने के सबसे बड़े अभिनेता थे। उनकी एक झलक को पूरा देश पागल रहता था। दिलीप कुमार जहां जाते लोगों की नजरें उन्हीं पर टिक जातीं। लेकिन फिराक गोरखपुरी के साथ ऐसा नहीं था। उनकी नजर में कोई कितना भी बड़ा तोप क्यों ना हो वह उसे कुछ नहीं समझते थे। एक बार किसी कार्यक्रम में मंच पर वसीम बरेलवी जैसे बड़े शायरों के साथ फिराक भी मौजूद थे। उस कार्यक्रम में पहले से तय था कि दिलीप कुमार भी शिरकत करेंगे और मंच से मौजूद फैंस को संबोधित करेंगे।

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