Gandhi Jayanti 2023: महात्मा गांधी की 154वीं जयंती आज, जानें इस दिन का इतिहास, महत्व, तारीख समेत सभी जरूरी बातें

Gandhi Jayanti 2023, Mahatma Gandhi Ka Jeevan Parichay, Biography, History in Hindi: हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इस साल राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी की 154वीं जयंती है, जिन्हें प्यार से महात्मा गांधी, बापू या राष्ट्रपिता के नाम से जाना जाता है।

Gandhi Jayanti 2023: महात्मा गांधी की 154वीं जयंती कल।

Gandhi Jayanti 2023, Mahatma Gandhi Ka Jeevan Parichay, Biography: देश में हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती (Gandhi Jayanti 2023) मनाई जाती है। गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी (Mahatma Gandhi) के जन्मदिन का प्रतीक है। उन्होंने अपना जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित कर दिया और सत्य और अहिंसा के मार्ग की वकालत की। नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा (Mahatma) की उपाधि दी थी। महात्मा गांधी एक राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और वकील थे, जिनकी विचारधाराओं और संघर्षों के कारण ही साल 1947 में भारत को आजादी मिली। उन्हें प्यार से 'बापू' और 'राष्ट्रपिता' के नाम से जाना जाता था। गांधी जयंती (Mahatma Gandhi Jayanti) के मौके पर आज हम आपको गांधी जयंती का इतिहास (Gandhi Jayanti History), महत्व (Gandhi Jayanti Significance) आदि के बारे में बता रहे हैं।
गांधी जयंती का इतिहास (Gandhi Jayanti History)
2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में पैदा हुए मोहनदास करमचंद गांधी जैन धर्म और हिंदू धर्म की शिक्षाओं से गहराई से प्रभावित थे। उन्होंने इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई की और बाद में दक्षिण अफ्रीका में प्रैक्टिस की, जहां उन्हें नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका के अनुभवों ने गांधीजी के सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण को बढ़ावा दिया और उनकी सक्रियता की शुरुआत की। महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा आंदोलनों की शुरुआत की। गांधीजी ने अपना जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित कर दिया था।
गांधी जयंती का महत्व (Gandhi Jayanti Significance)
महात्मा गांधी के सम्मान और स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देने के लिए 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गांधी जी के सिद्धांतों का सम्मान करने के लिए 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में नामित किया। इस दिन अहिंसा के महत्व और दुनियाभर में शांति, सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है।
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