Gulzar Shayari: इश्क के हर रंग का जादू बिखेरती हैं प्रेम पर लिखे गुलजार के ये 20+ रोमांटिक शेर, देखें गुलजार की शायरी दो लाइन Love
Gulzar Love Shayari in Hindi 2 lines: गुलज़ार के नाम से कौन नावाक़िफ़ होगा। लोगों ने उनकी बनाई फ़िल्में देखीं, उनके संवाद सुने और उनके लिखे गीतों को भी भरपूर प्यार दिया। इसके इतर गुलज़ार साहब ने नज़्में और ग़ज़लें भी लिखी हैं।
Gulzar Love Shayari in Hindi 2 lines
Gulzar Romantic Shayari on Love (प्यार पर गुलजार की शायरी): प्रेम एक शब्द ही नहीं एहसास है। इस जादुई एहसास पर न जाने कितनी बातें लिखीं और कही गई हैं। शायरी और नज्मों की दुनिया की बात करें प्रेम पर ना जाने कितना कुछ अविस्मरणीय लिखा गया है। जब बात प्यार पर शायरी की हो और गुलजार की बात ना हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। मशहूर शायर और गीतकार गुलजार ने अपनी कलम से प्रेम के ऐसे-ऐसे जज्बातों को कागज पर उतारा है कि क्या ही कहने। उनके लिखे नगमों के हर एक हर्फ से इश्क की खुशबू आती है। आइए देखें प्यार पर लिखे गुलजार के कुछ चुनिंदा शेर:
1. वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे मांगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी.
2. यूं भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
3. बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूंद को इस ज़मीन से,
यूं ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!
4. आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
5. तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उबारेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!
6. दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
7. तुम्हे जो याद करता हूं मै दुनिया भूल जाता हूं ।
तेरी चाहत में अक्सर संभलना भूल जाता हूं ।
8. आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई
9. तन्हाई अच्छी लगती है
सवाल तो बहुत करती पर,
जवाब के लिए
ज़िद नहीं करती..
10. तुम्हारी ख़ुश्क सी आंखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएं, भेजी हैं
11. खता उनकी भी नहीं यारों, वो भी क्या करते
बहुत चाहने वाले थे, किस किस से वफ़ा करते
12. हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
13. हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता हूं,
मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।
14. आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई।
15. वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है।
16. मोहब्बत आपनी जगह,
नफरत अपनी जगह
मुझे दोनो है तुमसे.
17. ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहां होगा
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है
18. मुझसे तुम बस मोहब्बत कर लिया करो,
नखरे करने में वैसे भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं!
19. कांच के पीछे चांद भी था और कांच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम, वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी
20. हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,
हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह....!
21. वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था
22. मुद्दतें लगी बुनने में ख्वाब का स्वेटर,
तैयार हुआ तो मौसम बदल चूका था!
प्यार पर उम्दा शायरियां लिखने वाले गुलज़ार, ज़िंदगी पर भी बेहतरीन लिखते हैं। उनके लिखे में कब प्यार और ज़िंदगी एक बन जाती है, पढ़ने वाले को पता भी नहीं चलता है। उम्मीद है आपको गुलजार की कलम से निकले ये शेर जरूर पसंद आए होंगे। अगर आपको ये अच्छी लगी हों तो आप इन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर भी कर सकते हैं।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
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