Guru Nank Dev Ji Dohe: गुरु पर्व पर देखें गुरु नानक देव जी के दोहे अर्थ सहित, सही मायने में जीना सिखाती हैं गुरुनानक जी की ये बातें

Guru Nanak Dohe in Hindi (गुरु नानक देव के दोहे अर्थ सहित): सिख धर्म की नींव रखने वाले गुरु नानक देव जी के सिद्धांत आज भी जीवन की पहेलियों को सुलझाते है। गुरु नानक देव जी के दोहे भले ही देखने में छोटे होते हों मगर उनके भावार्थ उतने ही गहरे और आत्मा को छूने वाले होते हैं।

Guru Nanak Dev Ji Dohe

Guru Nanak Dohe in Hindi (गुरु नानक के दोहे): हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को गुरुनानक देव जी की जयंती मनाई जाती है। इस साल गुरुनानक जयंती 15 नवंबर को मनाई जा रही है। गुरुनानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी। उनके दिये सिद्धांतों पर सिख धर्म के लोग चलते हैं। सिख धर्म के अनुयायी पूरे साल इस खास दिन का इंतजार करते हैं। गुरुनानक जयंती को प्रकाश पर्व के तौर मनाया जाता है। सिख धर्म की नींव रखने वाले गुरु नानक देव जी के सिद्धांत आज भी जीवन की पहेलियों को सुलझाते है। गुरु नानक देव जी के दोहे भले ही देखने में छोटे होते हों मगर उनके भावार्थ उतने ही गहरे और आत्मा को छूने वाले होते हैं। यहां देखें गुरुनानक देव जी के कुछ दोहे:

पउणु गुरू पाणी पिता माता धरति महतु। दिनसु राति दुई दाई दाइआ खेलै सगल जगतु॥

अर्थ - पानी का स्रोत गुरु है, पिता का स्वरूप जल है, और माता धरती की महिमा सर्वोत्तम है। दिन और रात दोनों समय, ये सभी संसार में सृजन, पालन और संरक्षण का कार्य करते हैं।

Guru-saab

नानक गुरु संतोखु रुखु धरमु फुलु फल गिआनु। रसि रसिआ हरिआ सदा पकै करमि सदा पकै कमि धिआनि॥

अर्थ - संतोष, गुरु की भक्ति, और अच्छे कर्मों के माध्यम से इंसान जीवन में सच्ची सफलता और सुख प्राप्त कर सकता है। यहां गुरु के मार्गदर्शन में चलने और ईश्वर के नाम की ध्यान की अवस्था में रहने की महत्वता को बताया गया है।

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