Kabir Jayanti Date 2023: कबीर जयंती कब है? देखें ज्येष्ठ पूर्णिमा की कबीर जयंती की तिथि व महत्व
Kabir Jayanti 2023 date (कबीर जयंती कब है): हर साल ज्येष्ठ मास में कबीर जयंती का उत्सव भी मनाया जाता है। भक्तिकाल के प्रमुख कवी के रुप में प्रसिद्ध संत कबीर दास जी का इसी तिथि पर जन्म हुआ था, देखें इस साल कब मनाई जाएगी संत कबीर की जयंती और इसको मनाने के पीछे क्या महत्व है।
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Kabir Jayanti 2023 date (कबीर जयंती कब है): हिंदू भक्तिकाल में वैसे तो कई कवी हुए हैं, जिन्होंने अपनी रचनाओं से भारत और हिंदूत्व को बहुत ऊंचा उठा दिया है। ऐसे ही एक महान कवी संत कबीर भी रहे हैं। 1455 में जन्में संत कबीर के दोहे, रचनाएं, समाज कल्याण हेतु उनके द्वारा उठाए गए कदमों की आज भी कोई तुलना नहीं है। हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर ही संत कबीर की जन्म जयंती भी मनाई जाती है। यहां देखें प्राणी मात्र को जीवन जीने का सही तरीका और प्रकाश दिखाने वाले संत कबीर की जयंती साल 2023 में कब मनाई जाएगी और कबीर दास जी की कहानी क्या है?
कौन थे संत कबीर?
भारत के महाकवि संत कबीर ने हिंदी साहित्य को वो मुकाम और समाज निर्माण हेतु जो योगदान दिेए हैं, जिसके बिना भारत की काया आज कुछ और होती। 1455 सवंत में विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से जन्में संत कबीर की मां ने उन्हें जन्म के वक्त ही, समाज की खरी-खोटी बातों के डर से काशि के लहरतारा तालाब के पास छोड़ दिया था। संत कबीर का पालन पोषण उसके बाद नीमा नाम के जुलाहे ने किया। कबीर के दोहों और रचनाओं में जीवन का सार और जीवन का आधार बहुत ही स्पष्ट ढंग से बताया गया है। संत कबीर का नाम भारत के इतिहास के उन पन्नों में लिखा है, जिन्होंने समाज में अपने पैर पसारी हुई बुराइयों, अंधविश्वासों, कुरितियों को जड़ से निकाल फैंकने का प्रयास किया।
कबीर जयंती कब है, Kabir Jayanti 2023 Date
1455 में पैदा हुए संत कबीर की जन्म जयंती हर साल ही ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है। इस ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि 4 जून रविवार यानी आज है। इसलिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के साथ साथ कबीर जंयती 2023 में भी आज ही मनाई जा रही है। अनुमान है कि, इस साल की कबीर जंयती संत श्री कबीर दास जी की 646 वीं जयंती होगी।
Why is Kabir Jayanti celebrated, क्यों मनाते हैं कबीर जयंती
हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाने वाली कबीर जयंती को हर जगह बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। कबीर दास जयंती के दिन महाकवि और समाज सुधारक श्री संत कबीर दास की प्रेरणादायक बातों और सिद्ध विचारों को याद किया जाता है। तथा उनके योगदानों को दिल से नमन किया जाता है व उन्हें श्रद्धांजलि प्रदान की जाती है। मान्यता है कि, कबीर दास जन्म के वक्त से ही मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते थे, और उन्हें बाद में गुरु रामानंद से राम नाम का ज्ञान प्राप्त हुआ था। संत कबीर ने धर्म के कट्टरपंथ के खिलाफ खूब आवाज़ उठाई है।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली लड़की, जिसे कविताएं लिखना, महिलाओं से ज...और देखें
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