Happy Krishna Janmashtami 2024 Sanskrit Wishes: जन्माष्टमी पर बरसेगी श्री कृष्ण की कृपा, अपनों को दें संस्कृत में शुभकामनाएं, देखें जन्माष्टमी के बधाई संदेश संस्कृत में

Happy Janmashtami 2024 Wishes, Images, Quotes, Status, Messages in Sanskrit: कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हिंदू धर्म में खास महत्व रखता है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु में कृष्ण के रूप में धरती पर अपना आठवां अवतार लिया था। यह पर्व हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस खास अवसर पर लोग ना सिर्फ भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं बल्कि अपनों को शुभकामना संदेश भी भेजते हैं।

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Happy Janmashtami 2024 Wishes, Images, Quotes, Status, Messages in Sanskrit

Happy Krishna Janmashtami 2024 Sanskrit Wishes: आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे हर्ष के साथ मानाया जा रहा है।जन्माष्टमी का पर्व प्रत्येक वर्ष की भांति इस साल भी कृष्ण भक्ति के तमाम रंग और उल्लास लेकर आया है। हर कोई अपने आराध्य बाल गोपाल कृष्ण कन्हैया की भक्ति में डूबा दिख रहा है। मंदिरों से कृष्ण भजन की मधुर आवाज और श्लोक और मंत्रोंच्चार से पूरा माहौल कान्हा के रंग में रंगा दिखाई दे रहा है। हर कोई जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मना रहा है। कुछ लोगों ने उपवास रखा है तो कुछ लोग बिना उपवास के ही अपने तरीके से नंदलाल की अराधना कर रहे हैं। जन्माष्टमी के इस खास मौके पर लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं भी देते हैं। इस बार आप खास अंदाज में अपनों को शुभकामना संदेश भेज कर देखें। इस काम में हम आपकी मदद कर रहे हैं। अगर आप अपनों की जन्माष्टमी खास बनाना चाहते हैं तो इस बार उन्हें संस्कृत में शुभकामना संदेश भेजकर देखें। यहां देखें जन्माष्टमी के शुभकामना संदेश, श्लोक और मंत्र संस्कृत भाषा में:

Janmashtami Wishes in Sanskrit

ईश्वरः परमः कृष्णः सच्चिदानन्दविग्रहः।
अनादिरादिर्गोविन्दः सर्वेकारणकारणम् ॥
भावार्थ : भगवान तो कृष्ण हैं, जो सच्चिदानन्द स्वरुप हैं। उनका कोई आदि नहीं है, क्योंकि वे प्रत्येक वस्तु के आदि हैं। भगवान गोविंद समस्त कारणों के कारण हैं।
मन्दं हसन्तं प्रभया लसन्तं जनस्य चित्तं सततं हरन्तम्।
वेणुं नितान्तं मधु वादयन्तं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि॥
भावार्थ : मृदु हास्य करनेवाले, तेज से चमकनेवाले, हमेशा लोगों का चित्त आकर्षित करने वाले, अत्यंत मधुर बासुरी बजानेवाले बालकृष्ण का मैं मन से स्मरण करता हूँ।
वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम्।
देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥
भावार्थ : मैं वसुदेव पुत्र, देवकी के परमानन्द, कंस और चाणूर जैसे दैत्यों का वध करने वाले,
समस्त संसार के गुरू भगवान कृष्ण को वन्दन करता हूँ।
दिने दिने नवं नवं नमामि नन्दसंभवम्।
भावार्थ: प्रतिदिन नए रूप में, नंदकुमार को मेरा प्रणाम।
सुखवसाने त्विदमेव सारं दुखवसाने त्विदमेव गयम्।
देहावसाने त्विदमेव जप्यं गोविंद दामोदर माधवेति॥
भावार्थ: सुख के अंत में यही सार है, दुख के अंत में यही गाने उपयुक्त हैं और शरीर का अंत होने के समय भी यही मंत्र जपने योग्य है। कौन सा मंत्र? यही कि 'हे गोविंद!' हे दामोदर! हे माधव!'
कृष्णात् परं किमपि तत्त्वमहं न जाने।
भावार्थ: मैं भगवान कृष्ण के अलावा किसी अन्य तत्व को नहीं जानता।
भगवान् कृष्णः भवन्तं भवतः कुटुम्बं च प्रीणातु।
कृष्णजन्माष्टम्याः अवसरे भवतः कुटुम्बस्य च कृते अहम् आनन्दं सौहार्दं समृद्धिं च कान्क्ष्ये।
भावार्थ: भगवान कृष्ण आप और आपके परिवार पर अपनी कृपा बरसाएँ। मैं कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आपके और आपके परिवार के लिए सुख, सद्भाव और समृद्धि की कामना करता हूँ।
करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम् ।
वटस्य पत्रस्य पुटेशयानं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि ॥
भावार्थ: मैं अपने मन में बालक मुकुन्द (भगवान कृष्ण) को स्मरण करता हूँ जो कमल जैसे हाथों और कमल जैसे पैर के अँगूठे को मुँह में पकड़े हुए अर्थात् उसे चूसते हुए वट वृक्ष के पत्तों पर सो रहे हैं।
मान्यता है कि त्रिलोक नरेश भगवान विष्णु ने धरती पर बढ़ रहे पाप और मथुरा के राजा कंस के अत्याचार को मिटाने के लिए भगवान कृष्ण के रूप में देवकी और वासुदेव के घर जन्म लिया था। हिंदू पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है।
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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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