Navratri Wishes in Sanskrit: इन मंत्रों से दें मां के आने की शुभकामनाएं, देखें हैपी नवरात्रि विशेस इन संस्कृत
Navratri Wishes in Sanskrit: नवरात्र में मां के नौ विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां का हर रूप निराला है। वह अलग अलग अवतार में भक्तों की रक्षा करती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मां की भक्ति में आप उनके पर्व नवरात्र की बधाई देवभाषा में दे सकते हैं। यहां देखें संस्कृत में नवरात्रि के बधाई संदेश।
Navratri Wishes in Sanskrit
Navratri Wishes in Sanskrit: शक्ति की देवी मां दुर्गा की उपासना का पर्व है नवरात्र। नवरात्र के नौ दिनों की पूजा में मां के नौ अवतारों का पूजन किया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ भक्ति के इन दिनों की शुरूआत होती है। मां के भक्त नवरात्र के भक्ति संदेश भी भेजते हैं। यहां आप हिंदी और अंग्रेजी के अलावा नवरात्रि के लिए संस्कृत के शुभकामना संदेश भी देख सकते हैं। यहां देखें कि आप किस प्रकार देवभाषा संस्कृत में नवरात्र की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
Navratri Greetings in Sanskrit
1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
2. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये
शिवे सर्वार्थ साधिके
शरण्ये त्रयम्बके गौरी
नारायणी नमोस्तुते !!
3. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
4. दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
5. | ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ ||
6.॥ ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नमः ॥
7. ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम |
लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम ||
8. रिपव: संक्षयम् यान्ति कल्याणम चोपपद्यते |
नन्दते च कुलम पुंसाम माहात्म्यम मम श्रृणुयान्मम ||
9. ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।
10. या देवी सर्वभूतेषु.. शक्तिरूपेण संस्थिता:
नमस्तस्यै.. नमस्तस्यै.. नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु भक्ति रूपेण संस्थिता|
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||
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हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें
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