Happy New Year Shayari 2 line:शायराना अंदाज में करें नए साल का स्वागत, यहां देखें नए साल पर मशहूर शायरों के बेहतरीन शेर

Happy New Year Shayari 2 line in Hindi: दुनियाभर के कई देशों में 1 जनवरी को न्यू ईयर के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। नए साल का जश्न दुनियाभर में खूब धूम धाम के साथ मनाया जाता है। हम लोगों ने एक साल को अलविदा कह कर दूसरे साल का इस्तिक़बाल कर लिया है। ये ज़िंदगी के गुज़रने और फ़ना की तरफ़ बढ़ने के एहसास को भूल कर हर लम्हें को जी लेने का मौका है। नए साल के इस्तिक़बा से वाबस्ता तमाम नगमाग़ारों ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन शेर लिखे हैं।

Mirza Ghalib

Happy New Year Shayari in hindi 2 line (नए साल पर शायरी 2 लाइन)

Happy New Year Shayari in Hindi (नए साल की शायरी): नया साल दस्तक दे चुका है। नए साल के इस्तिक़बाल पर पूरी दुनिया जश्न में डूबी है। नए साल पर नई उम्मीदों और पुराने साल के सबक को निचोड़ कई मशहूर शायरों ने बेहतरीन नग़में लिखे हैं। इन शायरों में अपनी शायरी के जरिए लोगों को एहसास कराया है कि साल का बदलना तभी सार्थक है जब हम खुद को बदलेंगे। कुछ नगमागारों ने बताया है कि नया साल कुछ और नहीं महज एक इशारा है कि आप अपने अंदर नई उम्मीदों के कमल को खिलाएं। आइए पढ़ते हैं नए साल के तमाम रंगों को कागज पर उतारने वाले मशहूर शायरों के कुछ बेहतरीन शेर:

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- आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर

जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे

अहमद फ़राज़

- किसी को साल-ए-नौ की क्या मुबारकबाद दी जाए

कैलन्डर के बदलने से मुक़द्दर कब बदलता है

ऐतबार साजिद

- इक अजनबी के हाथ में दे कर हमारा हाथ

लो साथ छोड़ने लगा आख़िर ये साल भी

हफ़ीज़ मेरठी

- तू नया है तो दिखा सुब्ह नई शाम नई

वर्ना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई

फ़ैज़ लुधियानवी

- एक बरस और बीत गया

कब तक ख़ाक उड़ानी है

विकास शर्मा राज़

- पुराने साल की ठिठुरी हुई परछाइयाँ सिमटीं

नए दिन का नया सूरज उफ़ुक़ पर उठता आता है

अली सरदार जाफ़री

- फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग

राख हो जाएगा ये साल भी हैरत कैसी

अज़ीज़ नबील

- इक साल गया इक साल नया है आने को

पर वक़्त का अब भी होश नहीं दीवाने को

इब्न-ए-इंशा

- न कोई रंज का लम्हा किसी के पास आए

ख़ुदा करे कि नया साल सब को रास आए

फ़रियाद आज़र

- देखिए पाते हैं उश्शाक़ बुतों से क्या फ़ैज़

इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है

मिर्ज़ा ग़ालिब

- न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है

किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है

अहमद फ़राज़

- यकुम जनवरी है नया साल है

दिसम्बर में पूछूँगा क्या हाल है

अमीर क़ज़लबाश

साल दर साल बीतते समय को इन शायरों ने जिस तरह जिया उसे अपने शब्दों में बयां कर दिया है। उम्मीद करते हैं नए साल पर लिखे ये शेर आपको पसंद आए होंगे। अगर इन एहसासों ने आपके दिल को छुआ है तो आप इन्हें अपने करीबियों को भेज उनके चेहरे पर भी मुस्कान ला सकते हैं।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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