Sawan Shayari in Hindi: मौसम था बेकरार तुम्हें सोचते रहे..., बारिश में अपनों को भेजें ये दिलकश सावन शायरी

Happy Sawan Shayari in Hindi: बारिश का मौसम है और हर तरह बूंदों ने माहौल बना रखा है। इस मौसम में दिल भी खिलने लगते हैं और महफिल जमने लगती हैं। आप भी इस सावन अपने करीबियों को ये बारिश शायरी भेज सकते हैं और उनका दिन खुशनुमा बना सकते हैं।

Happy Sawan Shayari in Hindi

Happy Sawan Shayari in Hindi

Happy Sawan Shayari in Hindi: बारिश का मौसम है और हर तरह बूंदों ने माहौल बना रखा है। इस मौसम में दिल भी खिलने लगते हैं और महफिल जमने लगती हैं। बारिश की बूंदें जब भिगोती हैं तो तन मन प्रफुल्लित हो उठते हैं। तमाम कविओं ने बारिश पर कविताएं लिखी हैं, गीतकारों ने गीत लिखे हैं और शायरों ने शेर कहे हैं। बॉलीवुड की फिल्मों में बारिश का मौसम खूब दिखाया गया है। इस बार पहले से अधिक बारिश है और आने वाले दिनों में धरती की प्यास और बुझेगी। आप भी इस सावन अपने करीबियों को ये बारिश शायरी भेज सकते हैं और उनका दिन खुशनुमा बना सकते हैं।

Barish Shayari in Hindi, Happy Monsoon Shayari

रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन

ये और बात कि मौसम यही नुमू का है

- जुनैद हज़ीं लारी

सावन एक महीने 'क़ैसर' आँसू जीवन भर

इन आँखों के आगे बादल बे-औक़ात लगे

- क़ैसर-उल जाफ़री

Happy Sawan Shayari in Hindi

अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई

मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई

- गोपालदास नीरज

बनके सावन कहीं वो बरसते रहे

इक घटा के लिए हम तरसते रहे

आस्तीनों के साये में पाला जिन्हें,

साँप बनकर वही रोज डसते रहे।

कल तिरे एहसास की बारिश तले

मेरा सूना-पन नहाया देर तक

- नीना सहर

Sawan Ki Shayari

बरस रही थी बारिश बाहर

और वो भीग रहा था मुझ में

- नज़ीर क़ैसर

तुम्हें पहली बारिश पसंद है और मुझे तुम

तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हँसते हुए तुम,

तुम्हें हमसे बात करना पसंद है, मुझे बोलते हुए तुम

तुम्हें सब कुछ पसंद हैं और मुझे बस तुम।

तमाम रात नहाया था शहर बारिश में

वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे

- जमाल एहसानी

Shayari on Barish

जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैं

तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं

- अज्ञात

क़दम क़दम पर सिसकी और क़दम क़दम पर आहें;

खिजाँ की बात न पूछो सावन ने भी तड़पाया मुझे

- अज्ञात

पतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझे

मैने वक़्त की जेब से ‘सावन’ चुरा लिया

- अज्ञात

जितना हँसा था उससे ज़्यादा उदास हूँ

आँखों को इन्तज़ार ने सावन बना दिया

- अज्ञात

Barish ki Shayari

सावन की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर

आज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में!

सावन-भादों साठ ही दिन हैं फिर वो रुत की बात कहाँ

अपने अश्क मुसलसल बरसें अपनी-सी बरसात कहाँ।

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है

ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है।

जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैं

तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं।

सावन की बरसात की तरह झरने दो, इसे झरने दो,

ये तुम्हारा नाम मेरे सीने में, मेरी साँसों में रहने दो।

वो भला क्यूँ कदर करते हमारे अश्को की

सुना है सावन उनके शहर पर कुछ ज्यादा मेहरबान रहता है।

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    TNN लाइफस्टाइल डेस्क author

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