Co Parenting: मलाइका-रितिक की राह पर हार्दिक पांड्या, तलाक के बाद इस नई टेक्नीक से करेंगे बेटे की परवरिश, डिवोर्स के बाद ट्रेंड में पैरेंटिंग का यह तरीका

Co Parenting Tips: हार्दिक पांड्या नताशा के साथ बेटे की को-पैरेंटिंग करेंगे। जब कपल्‍स अलग हो जाते हैं या तलाक ले लेते हैं लेकिन बच्‍चे की परवरिश एक साथ करने का फैसला लेते हैं, तो इसे को-पैरेंटिंग कहते हैं। को-पैरेंटिंग करने वाले लोग बच्‍चे के माता-पिता तो होते हैं लेकिन उनके बीच कोई रोमांटिक रिश्‍ता नहीं होता है। इसे ज्‍वाइंट पैरेंटिंग भी कहा जाता है।

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Co-parenting Tips in Hindi

Co Parenting Tips in Hindi: हार्दिक पांड्या अपनी पत्नी नताशा स्टेनकोविक से तलाक लेकर अलग हो चुके हैं। दोनों की शादी करीब 4 साल चली। इस शादी सो दोनों का एक बेटा है। बेटे का नाम अगस्त्या है। बेटा मां नताशा के साथ सर्बिया में है। नताशा अकसर अपने बेटे के साथ तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। हार्दिक तस्वीरों पर कमेंट भी करते हैं। हार्दिक पांड्या ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लिखा था कि वो और नताशा मिलकर बेटे की को-पैरेंटिंग करेंगे। भारत में को-पैरेंटिंग का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है और कई सेलिब्रिटी ऐसा कर चुके हैं।

क्या होती है को-पैरेंटिंग (What is Co-Parenting)

जब कपल्‍स अलग हो जाते हैं या तलाक ले लेते हैं लेकिन बच्‍चे की परवरिश एक साथ करने का फैसला लेते हैं, तो इसे को-पैरेंटिंग कहते हैं। को-पैरेंटिंग करने वाले लोग बच्‍चे के माता-पिता तो होते हैं लेकिन उनके बीच कोई रोमांटिक रिश्‍ता नहीं होता है। इसे ज्‍वाइंट पैरेंटिंग भी कहा जाता है। को-पैरेंटिंग के तहत कपल्स न सिर्फ बच्‍चे की परवरिश एक साथ करते हैं बल्कि बच्‍चे की पढ़ाई, मेडिकल केयर और अन्य जरूरी फैसले भी साथ मिलकर लेते हैं।

को-पैरेंटिंग के फायदे (Benefits of Co-parenting)

बच्चों में आती है भावनात्मक स्थिरता: तलाक के बाद को-पैरेंटिंग का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि आपके अलग होने के बाद भी बच्चों की भावनात्मक स्थिरता बनी रहती है। को-पैरेंटिंग के तहत अलग हो चुके माता-पिता का अपने बच्चे के जीवन में सक्रिय रूप से भाग लेना उसके लिए सुरक्षा और प्रेम की भावना को मजबूत करता है। बच्चे उपेक्षित महसूस नहीं करते।
बंट जाता है बोझ: को-पैरेंटिंग से तलाक के बाद पति-पत्नी में से किसी पर बच्चे की परवरिश का सारा बोझ नहीं आता। पैरेंट्स बच्चे की तमाम जिम्मेदारियों को बांटते हैं जिससे दोनों में तलाक के बाद भी संबंध अच्छे बने रहते हैं और दोनों ही अपने बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम भी स्पेंड कर पाते हैं।
बच्चे को मिलती है स्थिरता: बच्चे स्थिर और स्थिर माहौल में ही बेहतर तरीके से पनपते हैं। को पैरेंटिंग आपका एक रूटीन सेट कर देता है। रूटीन ना सिर्फ पैरेंट्स बल्कि बच्चे को भी स्थिर माहौल देता है। स्थिरता बच्चे को मन में असुरक्षा और भ्रम के भाव को उठने से पहले ही खत्म कर देता है।
बन सकते हैं बच्चे का रोल मॉडल: को पैरेंटिंग तलाक के बाद भी कपल्स को मौका देता है कि वह अपने बच्चे का रोल मॉडल बन सकें। इसमें मात-पिता, सहयोग, सम्मान और समझौते की मिसाल पेश कर बच्चे को अच्छा इंसान बनाने में मदद करते हैं।
बच्चों में नहीं आती व्यवहारिक समस्याएं: जिन बच्‍चों के को-पैरेंट्स एक साथ मिलकर बिना किसी अनबन के बच्‍चे की परवरिश करते हैं, उनके बच्‍चे में व्यवहारिक समस्याएं कम होती हैं। जहां पैरेंट्स में झगड़ा रहता है या सिंगल पैरेंट की तुलना में को-पैरेंटिंग लेने वाले बच्‍चे अपने पिता के ज्‍यादा नजदीक रहते हैं।
पढ़ने में अच्छे होते हैं बच्चे: जिन बच्चों के माता-पिता को-पैरेंटिंग करते हैं, वे अक्सर स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। जब बच्चे भावनात्मक और मानसिक रूप से स्थिर होते हैं, तो वे अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। माता-पिता दोनों के समर्थन से उन्हें पढ़ाई में सहायता मिलती है और उनकी शैक्षणिक प्रगति में सुधार होता है।

अच्छी को-पैरेंटिंग के टिप्स (Tips for Co-parenting)

- अगर आप अपने एक्‍स पति या पत्‍नी को माफ नहीं कर पाए हैं, तो आप एक अच्‍छे को-पेरेंट नहीं बन पाएंगे।
- बच्‍चे के अच्‍छे भविष्‍य के लिए आपको अपने एक्‍स के साथ रिश्‍तों को बेहतर करने पर काम करना ही होगा।
- को-पैरेंट्स को ज्‍यादा बात करने की जरूरत नहीं होती है लेकिन आप जितनी भी बात कर रहे हैं, उसमें थोड़ा मीठा बोलने की कोशिश करें।
- बेहतर को-पैरेंटिंग के लिए जरूरी है कि आप अपने एक्स से जो भी बात करनी है, सीधा करें। बीच में किसी तीसरे व्‍यक्‍ति को लेकर न आएं।
- को-पैरेंटिंग की जरूरी शर्त ये है कि अपने बच्‍चे के को-पेरेंट की आलोचना न करें और न ही उसे किसी चीज के लिए दोष दें।
- को-पैरेंटिंग के तहत अगर आप किसी बात पर खफा भी हैं तो बोलने से पहले सोचें कि आपकी बात को सामने वाला किस तरह से ले सकता है। कहीं उसे ये न लगे कि आप उसे बुली कर रहे हैं।

बढ़ रहा है को-पैरेंटिंग का चलन (Co-Parenting Trend)

भारत में अब ये चलन कम होता जा रहा है कि कपल्स परिवार और बच्‍चों के लिए अपनी खराब शादी को भी निभा लें। कई कपल्‍स तो बच्‍चों को अच्‍छी परवरिश देने के लिए भी शादी के बंधन को निभाने का सोचते थे लेकिन अब शादी के मायने बदल गए हैं। अब कपल्‍स बच्‍चों को अच्‍छी परवरिश देना चाहते हैं, उसे मां और बाप दोनों का प्‍यार देना चाहते हैं लेकिन साथ ही उनके लिए अपनी खुद की खुशी भी महत्‍वपूर्ण होती है। इसलिए अब को-पैरेंटिंग का चलन बढ़ रहा है। अमेरिका में तो लगभग 40 पर्सेंट बच्‍चों की परवरिश को-पैरेंट कर रहे हैं। भारत में भी ये आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल को-पैरेंटिंग का चलन अभी भारत के बड़े शहरों में ही ज्यादा देखने को मिल रहा है।

तलाक के बाद ये सेलेब्स कर रहे को-पैरेंटिंग (Celebrities Who Are Successfully Co-Parenting)

रितिक रोशन और सुजैन खान: यह कपल 13 साल शादीशुदा जिंदगी में रहने के बाद साल 201 में तलाक लेकर अलग हो चुका है। दोनों के दो बेटे हैं। बच्चों की परवरिश ये कपल मिलकर कर रहा है। दोनों एक अच्छी को-पैरेंटिंग की मिसाल पेश कर रहे हैं।
आमिर खान और रीना दत्ता: पहली पत्नी रीना दत्ता से आमिर खान के दो बच्चे हैं। बच्चों के लिए आमिर और रीना ने को-पैरेंटिंग का रास्ता चुना था और उसे बखूबी निभाया भी। बेटी आयरा की शादी में जिस तरह से आमिर और रीना साथ नजर आ रहे थे उसने खूब वाहवाही लूटी थी।
अरबाज खान और मलाइका अरोड़ा: तलाक के साथ 17 साल की शादी टूटने के बाद अरबाज और मलाइका ने अपने बच्चे की को-पैरेंटिंग की। दोनों हमेशा अपने बेटे की छोटी -बड़ी खुशी में साथ शामिल हुए।
सैफ अली खान और अमृता सिंह: सैफ और अमृता का रिश्ता बहुत खराब मोड़ पर आकर खत्म हुआ था। हालांकि बच्चों के लिए दोनों ने अपनी कड़वाहट को दरकिनार किया और को-पैरेंटिंग का रास्ता चुना। बच्चों के लिए दोनों बहुत अच्छे पैरेंट्स होने के साथ रोल मॉडल भी हैं।
ये तो बस कुछ नाम हैं जिन्होंने बच्चों की को-पैरेंटिंग की। वैसे इस कड़ी में देश दुनिया की और भी कई मशहूर शख्सियतों के नाम शामिल हैं।
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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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