Hariyali Teej LokGeet: हरियाली तीज में गाए जाते हैं ये खास लोकगीत, यहां देखें गाने की लिरिक्स
Hariyali Teej LokGeet: हरियाली तीज का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस त्योहार को बड़े धूम धाम के साथ मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं इस खास मौके पर लोकगीत गाती हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ प्रसिद्ध लोकगीत के लिरिक्स लेकर आए हैं। यहां देखें गाने की लिरिक्स ।
Hariyali Teej LokGeet
Hariyali Teej LokGeet: इस साल हरियाली तीज का त्योहार 7 अगस्त को मनाया जाएगा। यह त्योहार हर सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। हिंदू धर्म में भी हरियाली तीज का विशेष महत्व है। हरियाली तीज के मौके पर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं। हरियाली तीज पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस त्योहार के मौके पर सुहागिन महिलाएं झुला झुलती हैं और साथ ही गाने भी गाती हैं। इस दिन लोकगीत गाने का अपना महत्व होता है। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ लोकगीत के लिरिक्स लेकर आए हैं जिसे सुनकर और पढ़कर आपका तीज का त्योहार बेहद खास बन जाएगा।
पहला गीत
नांनी नांनी बूंदियां
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा,
एक झूला डाला मैंने बाबल के राज में,
बाबुल के राज में...
संग की सहेली हे सावन का मेरा झूलणा,
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा.
ए झूला डाला मैंने भैया के राज में,
भैया के राज में..
गोद भतीजा हे सावन का मेरा झूलणा,
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा।
दूसरा गीत
सावन का महीना, झुलावे चित चोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,
मनवा घबराये मोरा बहे पूरवैया, झूला डाला है नीचे कदम्ब की छैयां…
कारी अंधियारी घटा है घनघोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,
सखियां करे क्या जाने हमको इशारा, मन्द मन्द बहे जल यमुना की धारा…
सावन का महीना झूलावे चित चोर…
श्री राधेजी के आगे चले ना कोई जोर, धीरे झूलो राधे, पवन करे शोर,
मेघवा तो गरजे देखो बोले कोयल कारी, पाछवा में पायल बाजे नाचे बृज की नारी…
श्री राधे परती वारो हिमरवाकी और, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,
सावन का महीना झूलावे चित चोर…
तीसरा गीत
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,
राधा संग में झूलें कान्हा झूमें अब तो सारा बाग़,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,
नैन भर के रस का प्याला देखे श्यामा को नदं लाला,
घन बरसे उमड़ उमड़ के देखों नृत्य करे बृज बाला,
छमछम करती ये पायलियाँ खोले मन के सारे राज,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज।
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Ritu raj author
शुरुआती शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर से हुई। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा ...और देखें
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