Harsat Mohani Shayari: चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है.., दिल की हर गिरह खोल कर रख देंगे हसरत मोहानी के ये चुनिंदा शेर

Harsat Mohani Poetry: हिन्दोस्तान की जंग-ए-आज़ादी का 'इन्क़लाब ज़िंदाबाद' का नारा देने वाले हसरत ही थे। उर्दू-ए-मुअल्ला में आज़ादी पसंदों के आलेख बराबर छपते थे और दूसरे देशों में भी अंग्रेज़ों की नीतियों का पर्दा फ़ाश किया जाता था।

Hasrat Mohani Shayari in Hindi, Urdu (हसरत मोहानी शायरी)

Harsat Mohani Shayari, Poetry, Ghazal in Hindi: हसरत मोहानी अगर उर्दू ग़ज़ल का एक बड़ा नाम हैं तो ये वही थे जिन्होंने मुल्क को इन्क़लाब ज़िंदाबाद का नारा दिया। हसरत मोहानी की शख्सियत के कई आयाम थे। वह एक लाजवाब शायर, एक महान मगर नाकाम सियासतदां, एक सूफ़ी, दरवेश और योद्धा, एक पत्रकार, आलोचक और शोधकर्ता थे। सियासत को न हसरत मोहानी रास आए न सियासत उनको रास आई। उनके इंतकाल के साथ उनका सियासी संघर्ष इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया लेकिन शायरी उनको आज भी पहले की तरह ज़िंदा रखे हुए है। आइए डालते हैं हसरत मोहानी की कलम से निकले कुछ चुनिंदा शेरों पर एक नजर:

1. चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है

हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है

End Of Feed