Hindu Nav Varsh 2023 History: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को क्यों मनाया जाता है हिंदू नववर्ष, सृष्टि की रचना से है सीधा संबंध

Hindu Nav Varsh 2023 chaitra shukla pratipada History: हिंदू नववर्ष 2023 नवसंवत्सर 2080 का शुभारंभ हो चुका है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष प्रारंभ होता है और इसी दिन चैत्र नवरात्रि का पर्व भी शुरू होता है। आइये जानते हैं हिंदू नववर्ष का इतिहास और इसका महत्व।

Hindu Nav Varsh 2023 chaitra shukla pratipada History: हिंदू नववर्ष 2023 नवसंवत्सर 2080 का शुभारंभ हो चुका है। धार्मिक दृष्टि से यह दिन बेहद खास है। पौराणिक मान्यता अनुसार ब्रह्माजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना शुरू की थी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष प्रारंभ होता है और इसी दिन चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) का पर्व भी शुरू होता है। प्रलयकाल समाप्त होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई। इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु की नौका का सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था।

इसे हिंदू धर्म और ज्योतिष में काल गणना कहा जाता है। आज से दुनिया का 1 अरब 97 करोड़ 29 लाख 40 हजार125वां साल शुरू हो चुका है। खास बात ये है कि इस साल 12 की जगह 13 महीने होंगे। हिन्दू नव वर्ष (Hindi New Year 2023) की जब शुरुआत होती है तब चैत्र का महीने होता है और बसंत ऋतु का आगमन होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अन्य हिंदूवादी संगठन इस दिन को काफी धूमधाम से मनाते हैं। आइये जानते हैं हिंदू नववर्ष का इतिहास और इसका महत्व।

Hindu Nav Varsh 2023 Date, History, Significance, Importance हिंदू नववर्ष का इतिहास

  • प्रलयकाल समाप्त होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई।
  • जगतपिता ब्रह्माजी ने इसी दिन सृष्टि का निर्माण किया था। अनुमान के मुताबिक, करीब 1 अरब 14 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 साल पहले सृष्टि की रचना हुई थी।
  • इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु की नौका का सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था।
  • चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही महाराजा युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था।
  • आराध्य देव वरुणावतार भगवान झूलेलाल साईं का अवतरण दिवस भी मनाया जाता है।
  • गुरु अंगद देव साहिब का अवतरण भी इसी दिन हुआ था।
  • महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी।
  • महाराजा विक्रमादित्य ने इसी दिन विक्रमी संवत का शुभारंभ किया था।
  • इसी दिन देवी दुर्गा की आराधना का नवरात्रि महापर्व प्रारंभ होता है।
  • सतयुग में प्रभु श्री रामचंद्रजी का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था।
  • न्याय प्रणेता महर्षि गौतम की जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है।
End Of Feed