History of Lipstick: कितना पुराना है लिपस्टिक का इतिहास, कौन से रंग की सबसे ज्यादा डिमांड, कामसूत्र में भी हुआ है जिक्र - जानें लिप कलर की पूरी कहानी

History of Lipstick (लिपस्टिक का इतिहास): लिपस्टिक महिलाओं के पसंदीदा मेकअप प्रोडक्ट में से है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में किसने सबसे पहले लिपस्टिक लगाई थी। लेडीज को कौन से कलर की लिपस्टिक सबसे ज्यादा पसंद आती है। वैसे महिलाओं के लिपस्टिक लगाने का जिक्र कामसूत्र में भी हुआ है। हमारी इस खास स्टोरी को पढ़ें और पाएं लिपस्टिक के इतिहास की रोचक जानकारी।

History of Lipstick

History of Lipstick

History of Lipstick(लिपस्टिक का रोचक इतिहास): लिपस्टिक (Lipstick) महिलाओं की सबसे पसंदीदा मेकअप प्रोडक्ट्स में से एक माना जाता है। चेहरे पर मेकअप हो या ना हो लेकिन लिपस्टिक का इस्तेमाल जरूरी है। बिना लिपस्टिक के तो कई महिलाएं घर से बाहर निकलना भी पसंद नहीं करती हैं। लिपस्टिक (Lipstick) सुनने में बड़ा मॉडर्न वर्ड लगता है। लेकिन इसका इतिहास (History of Lipstick) सदियों पुराना है। लिपस्टिक (Lipstick) का इस्तेमाल होंठों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए हजारों सालों से किया जा रहा है। ये महिलाओं के श्रंगार का अहम हिस्सा रही है। ये ना केवल होंठों की खूबसूरती को बढ़ाता है बल्कि महिलाओं की ओवरऑल पर्सनालिटी को भी ग्रूम करता है। बाजार में लोगों को आकर्षित करने के लिए दुनिया भर के लिपस्टिक ब्रांड उपलब्ध हैं जो अलग अलग रंगों की लिपस्टिक बेच रहे हैं। ज्यादातर महिलाएं रेड हॉट लिपस्टिक (Red Hot Lipstick) लगाना पसंद करती हैं। बाजार में रेड लिपस्टिक के भी कई प्रकार उपलब्ध हैं जिनके बारे में जानकर आपका सिर घूम जाएगा।

दुनिया की सबसे महंगी लिपस्टिक

लिपस्टिक खरीदने जाओ तो बाजार में आपको 10 रुपये से लेकर लाखों रुपये की कीमत वाले लिपस्टिक मिल जाएंगे। महिलाएं अपनी क्षमता के मुताबिक लिपस्टिक खरीदती हैं और कोशिश करती हैं कि कम पैसे में बेस्ट लिपस्टिक मिल जाए। लेकिन अगर दुनिया की सबसे महंगी लिपस्टिक की बात करें तो कॉउचर ब्यूटी डायमंड लिपस्टिक 14 मिलियन डॉलर प्रति यूनिट के हिसाब से दुनिया की सबसे महंगी लिपस्टिक है। श्रृंगार के लिए जिस चीज का इस्तेमाल इतने बड़े पैमाने पर हो रहा है तो सोचिए उसका इतिहास कितना रोचक होगा। हम सभी को ये जानना बेहद जरूरी है कि लिपस्टिक (Lipstick) की शुरुआत कैसे हुई और इसका इतिहास क्या है। किसने सबसे पहले लिपस्टिक लगाई और किस तरह तैयार होती थी लिपस्टिक।

हजारों साल पुराना है लिपस्टिक का इतिहास

हजारों साल से मेकअप को स्टेटस सिंबल के तौर पर देखा जाता रहा है। मेकअप सिर्फ महिलाओं तक ही नहीं सीमित था बल्कि पुरुष भी इसका इस्तेमाल करते थे। सालों पहले पुरुष इसका इस्तेमाल औषधी के रूप में करते थे।

लिपस्टिक (Lipstick) के इतिहास पर गौर करें तो इसका इतिहास तकरीबन 5000 साल पुराना मालूम होता है। 5 हजार साल पहले लिपस्टिक (Lipstick) को अलग अलग तरह से तैयार किया जाता था। सुमेरिन आदमी और औरतें कीमती पत्थर को पीसकर लिपस्टिक (Lipstick) के तौर पर इस्तेमाल करते थे। इसके अलावा फलों और पत्तों को पीस कर भी होंठों को रंगने का काम किया जाता था। वहीं सिंधु-सरस्वती सभ्यता के दौरान प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता में महिलाएं गेरू के आयताकार टुकड़ों को लिपस्टिक के रूप में इस्तेमाल करती थीं।

कीड़ों को मारकर तैयार की जाती थी लिपस्टिक

लिपस्टिक को लेकर तमाम तरह की बातें की जाती हैं। इनमें से एक है कि ऑस्ट्रेलिया की आदिवासी महिलाएं श्रृंगार के लिए अपने मुंह को गेरू से लाल रंग में रंगती थीं। वहीं इजिप्ट की महिलाएं किल्योपेट्रा कीड़ों को मारकर अपने होठों को लाल रंग से रंगने का काम करती थीं। इंडस वैली सिविलाइजेशन की बात करें तो औरतें गेरू का इस्तेमाल लिपस्टिक के तौर पर करती थीं। लेकिन हजारों साल पहले लिपस्टिक का इस्तेमाल मिस्र की शक्तिशाली और धनवान औरतें ही कर सकती थीं।

मेसोपोटामिया की महिलाएं होंठों की खूबसूरती बढ़ाने और चमक लाने के लिए ज़मीन से निकले कीमती गहनों तक का इस्तेमाल किया करती थीं। ऐसा कहा जाता है कि ईसा से साढ़े ढाई हजार साल पहले मेसोपोटामिया की रानी शुब-अद की जब कब्र खोदी गई तो पाया गया कि रानी जब दफ्न की गई थीं तब उनके साथ कुछ मटके भी दफनाए गए थे जिसमें लेड और लाल पत्थर को पीस कर एक मिश्रण भरा गया था। ये मिश्रण कुछ और नहीं बल्कि लिपस्टिक ही था। इसका इस्तेमाल रानी होंठों को रंगने के लिए करती थीं। ये लिपस्टिक का सबसे पुराना रूप माना जाता है।

मिस्र के लोग लिपस्टिक के ऐसे दीवाने थे कि वो लिपस्टिक बनाने के लिए लेड और ब्रोमीन मैननाइट और आयोडीन जैसे हानिकारक पदार्थों का भी इस्तेमाल करते थे। लेकिन उन्होंने नई खोज कर सभी देशों को पीछे छोड़ दिया था। उन्होंने लिपस्टिक के बैंगनी,सुनहरे और काले रंग के शेड्स की खोज की थी। मिस्र से ताल्लुक रखने वाले लोग लाल की जगह इन रंगों की लिपस्टिक लगाना पसंद करते थे। इसके लिए वो भेड़ का पसीना,मगरमच्छ का मल और कई कीड़ों का इस्तेमाल करते थे।

जापान में महिलाएं भी उस जमाने में मेकअप के मामले में कुछ कम नहीं थीं। स्टेटस सिंबल को मेंटेन रखने के लिए महिलाएं गहरे रंग की लिपस्टिक लगाया करती थीं। इस लिपस्टिक को तार और बीवैक्स से तैयार किया जाता था।

वहीं ग्रीक में लिपस्टिक के इस्तेमाल को बेहद खराब माना जाता था। वहां इसे प्रोस्टीट्यूशन से जोड़ा जाता था। कानूनी तौर पर वेश्याएं मर्दों को लुभाने के लिए गहरे रंग की लिपस्टिक लगाती थीं।

मोम की लिपस्टिक का इस्तेमाल 1000 साल पहले चीन में शुरू हुआ था। चीन से ताल्लुक रखने वाले लोगों ने होंठ की मुलायम त्वचा को नुकसान से बचाने के लिए मोम की लिपस्टिक बनाई थी।

भारत में ऐसे तैयार किया जाता था लिपस्टिक

प्राचीन समय में भारत में होंठों को रंगने के लिए पान का पत्ता चबाया जाता था। इसके अलावा घी में रतनजोत की सूखी पत्तियों को मिलाकर सूखे और फटे होंठों पर लगाया जाता था।

‘फ़ादर ऑफ़ मार्डन सर्जरी’ ने भी बनाई थी लिपस्टिक

8वीं-9वीं शताब्दी के नामी हकीम अबुल क़ासिम अल ज़हरवी ने लिपस्टिक का आविष्कार किया था। इन्हें दुनिया के पहले सर्जन के रूप में भी जाना जाता है। अबुल क़ासिम अल ज़हरवी को फ़ादर ऑफ़ मार्डन सर्जरी भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि ठोस लिपस्टिक का आविष्कार अबुल क़ासिम अल ज़हरवी ने ही किया था।

एक वक्त में लिपस्टिक लगाने पर पाबंदी भी थी

लिपस्टिक लगाने को लेकर अलग अलग देशों में अलग अलग नियम कानून हैं। ग्रीक में लिपस्टिक लगाने को प्रोस्टीट्यूशन से जोड़कर देखा जाता था। यहां पर वेश्याओं के लिए डार्क लिपस्टिक लगाना अनिवार्य था। जो वेश्या लिपस्टिक नहीं लगाती थीं उनके लिए सजा का प्रावधान था। वहीं यूरोप में भी लिपस्टिक लगाने को गलत माना जाता था। यूरोप के लोग लिपस्टिक लगाने वाली महिलाओं को डायन समझते थे और उनका मानना था कि लिपस्टिक लगाने वाली औरतें खून पीती हैं। इस वजह से यहां लिपस्टिक लगाने पर बैन था।

इस देश में आज भी है रेड लिपस्टिक पर बैन

ज्यादातर महिलाएं स्टेटस सिंबल को मेंटेन करने के लिए रेड लिपस्टिक लगाती हैं। रेड लिपस्टिक का फैशन की दुनिया में एक अलग ही रुतबा है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां लड़कियों और महिलाओं को रेड लिपस्टिक लगाने पर रोक है। नॉर्थ कोरिया में लाल लिपस्टिक पर पाबंदी है। दरअसल, लाल रंग को यहां पूंजीवाद और व्यक्तिवाद से जोड़कर देखा जाता है। पूंजीवाद और व्यक्तिवाद को आसान भाषा में समझें तो इसका मतलब है कि मुझ से बड़ा कोई नहीं है। नॉर्थ कोरिया में महिलाएं किसी भी रंग की लिपस्टिक लगा सकती हैं लेकिन लाल रंग लगाने पर सजा का प्रावधान है।

कब और कैसे बढ़ी लिपिस्टिक की लोकप्रियता?

लिपस्टिक की लोकप्रियता 16वीं शताब्दी में इंग्लैंड से बढ़ी। इंग्लैंड की रानी एलिज़ाबेथ ने अपने होंठों को लाल रंग से रंगना शुरू किया था। इसे मोम और फूलों के रंगों से मिलकर तैयार किया जाता था। लेकिन उस समय में इसका इस्तेमाल सिर्फ महान महिलाओं और अभिनेत्रियां भी कर सकती थीं।

किस कंपनी ने सबसे पहले शुरू किया लिपस्टिक का उत्पादन?

बड़े पैमाने पर लिपस्टिक बनाने की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी। 19वीं सदी में फ्रांसीसी कंपनी गेर्ले ने बड़े पैमाने पर लिपस्टिक बनाने की जिम्मेदारी उठाई थी। गेर्ले परफ्यूम बनाने वाली कंपनी थी जो बाद में लिपस्टिक का उत्पादन करने वाली पहली कंपनी बनी थी। गेर्ले लिपस्टिक बनाने के लिए हिरण की चर्बी, मधुमक्खी और कैस्टर ऑइल का इस्तेमाल करती थी। देखते ही देखते लिपस्टिक की लोकप्रियता इतनी ज्यादा बढ़ गई कि फिर 1920 में आधुनिक लिपस्टिक की शुरुआत हुई जो अब तक जारी है।

बात साल 1923 की है जब जेम्स ब्रूस मेसन जूनियर स्विवेल अप ट्यूब बनाया और दुनिया को आधुनिक लिपस्टिक दिया। वहीं विश्व युद्ध में महिलाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए लाल लिपस्टिक का इस्तेमाल किया जाने लगा। 1940 के दशक में द्वितीय विश्व युद्ध में मनोबल बढ़ाने के लिए महिलाओं को वास्तव में होंठों को लाल रंग से रंगने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

हॉलीवुड अभिनेत्रियों का बड़ा योगदान

लिपस्टिक के इस्तेमाल को वैश्विक रूप में बढ़ाने का श्रेय हॉलीवुड अभिनेत्रियों को भी जाता है। हॉलीवुड एक्ट्रेस श्रेय ग्रेस केली, मरिलन मुनरो, ऑड्रे हेपबर्न और एलिजाबेथ टेलर ने दुनियाभर में लिपस्टिक के चलन को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी। बोल्ड रेड लिप्स को चलन में लाने का श्रेय मरिलन मुनरो और एलिजाबेथ टेलर को जाता है। 1950 में किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी कि 60 प्रतिशत लड़कियां लिपस्टिक का इस्तेमाल करती हैं और उस समय यह बहुत बड़ी संख्या थी।

वहीं 1952 में क्वीन एलिजाबेथ II ने खुद का शेड्स बनाया। इस शेड को क्वीन एलिजाबेथ II के पसंदीदा ब्रांड क्लारिन ने कस्टमाइज्ड किया था। बाद में इसे 'The Balmoral' नाम से जाना जाने लगा।

जब लिपस्टिक को लेकर पेश हुआ बिल

पहले के समय में लिपस्टिका इतना बड़ा मुद्दा माना जाता था कि इसे लेकर ब्रिटिश पार्लियामेंट में बिल तक पेश कर दिया गया था। इस बिल में यह बाते कही गई थी कि यदि कोई महिला शादी से पहले लिपस्टिक लगाती है तो उसकी शादी को गैर-कानूनी करार दिया जाएगा और शादी खत्म कर दी जाएगी। बाद में इस बिल को बेमतलब का बताकर पेश नहीं किया गया।

कामसूत्र में है लिपस्टिक का जिक्र

लिपस्टिक का जिक्र कामसूत्र में भी किया गया है। कामसूत्र में होंठों को रंगने के लिए लाल लाख, मोम और फलों के रस के बारे में बताया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे इन सभी चीजों का इस्तेमाल कर प्राचीन काल में लिपस्टिक तैयार की जाती थी।

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Ritu raj author

शुरुआती शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर से हुई। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए नोएडा आय...और देखें

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