Holi 2023: 40 दिनों तक चलता है कान्हा की नगरी में रंगोत्सव, ये रहा ब्रज की होली का पूरा कैलेंडर

Braj Rangotsav 2023: 'सब जग होरी, ब्रज में होरा...' ! होली यू तो एक त्यौहार है, पर ब्रज में महोत्सव है। ब्रज में रंगोत्सव- 2023 की शुरुआत भी गुरुवार को बसंत पंचमी से हो गई है। ब्रज की होली का यह उत्सव 40 दिनों तक चलेगा।

Braj Rangotsav 2023: योगी सरकार 'रंगों के उत्सव- होली' पर कोई कोर कसर नही छोड़ना चाहती है। इसलिए हर बार की तरह इस बार मथुरा में रंगोत्सव-2023 की खास तैयारी उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा की जा रही है। ब्रज में रंगोत्सव- 2023 की शुरुआत भी गुरुवार को बसंत पंचमी से हो गई है। भक्तों ने भगवान बांके बिहारी के साथ होली खेली। मंदिर के पुजारी ने भगवान बांके बिहारी जी का प्रसाद यानी गुलाल भक्तों पर बरसाया। ब्रज की होली का यह उत्सव 40 दिनों तक चलेगा। ब्रज में रंगोत्सव या होली का आनंद लेने के लिए देश दुनिया के श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं।

40 दिनों तक चलता है पर्व

'सब जग होरी, ब्रज में होरा...' ! होली यू तो एक त्यौहार है, पर ब्रज में महोत्सव है। ऐसा महोत्सव जिसमें लोगों के साथ उनके इष्ट आराध्य भी शामिल होते हैं। दुनिया में होली सिर्फ एक दिन मनाई जाती है, लेकिन ब्रज में फाल्गुन आते ही हवा में अबीर, गुलाल उड़ने लगते हैं। 26 जनवरी को बसंत पंचमी के साथ ही मथुरा-वृंदावन समेत पूरे ब्रज मंडल में भव्य रंगोत्सव प्रारंभ हो गया है। 40 दिनों तक चलने वाले ब्रज के रंगोत्सव का शंखनाद बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजन के दिन भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों संग वृंदावन में होली खेलते हैं। ब्रज के मंदिरों में ठाकुर जी को गुलाल अर्पण कर भक्तों पर भी प्रसाद के रूप में गुलाल डाला जाता है।

भक्त और भगवान के बीच होली

ब्रज की विश्व प्रसिद्ध होली की शुरुआत बसंत पंचमी से हो गई है। बांके बिहारी मंदिर परंपरा के मुताबिक मंदिर में श्रृंगार आरती के बाद सबसे पहले बांके बिहारी के गुलाल का टीका लगाया। बांके बिहारी दरबार में श्रद्धालु कान्हा को लेकर पहुंचे और जमकर होली खेली। बांके बिहारी दरबार में रंग- बिरंगे गुलाल बरसाए गए। बांके बिहारी के दरबार को फूल माला और गुब्बारों से सजाया गया है। पूरा बांके बिहारी दरबार गुलाल के रंगों से सराबोर दिख रहा है। भक्त भगवान के साथ होली खेलते नज़र आए।

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