Types Of Holi: देश एक.. होली मनाने के तरीके अनेक, लठमार से फगुआ तक, जानिए भारत में कहां कैसे मनाया जाता है रंगों का ये त्योहार
Holi 2024: देश के कई हिस्सों में होली के त्योहार को अलग-अलग रीति-रिवाजों से मनाए जाने की परंपरा है। आज हम आपको बताएंगे कि भारत के अलग-अलग राज्यों में होली का त्योहार कैसे मनाया जाता है।
Types Of Holi Celebration In India Details
Holi 2024: अपने देश में बड़े ही धूमधाम से हर त्योहार मनाया जाता है, मगर होली की बात ही कुछ और है। होली को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी लोग बेहद उत्साहित रहते हैं। इस साल 25 मार्च को रंगो का ये त्योहार सेलिब्रेट किया जाएगा। क्या आप जानते हैं कि राज्य या शहर बदलते ही होली खेलने का अंदाज भी बदल जाता है, मगर होली की खुमारी व मस्ती का नजारा हर जगह एक जैसा होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने देश में 10 से भी ज्यादा तरीकों से होली मनाई जाती है। आइये इसके बारे में और विस्तार से जानते हैं-
भारत में कितने तरीके की होली मनाई जाती है? (Types Of Holi Celebration Around India)-
1) लट्ठमार होली- बरसाना गांव, उत्तर प्रदेश
कहते हैं कि होली भारत के बरसाना क्षेत्र में शुरू हुई, जिसमें वृंदावन, मथुरा, नंदगांव और बरसाना शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि यहां त्योहार सिर्फ रंगों से नहीं बल्कि लाठियों से मनाया जाता है। परंपरा के अनुसार महिलाएं पुरुषों को लाठियों से मारकर भगाती हैं जब वे उनपर रंग डालने आते हैं।
2) खड़ी होली- कुमाऊं क्षेत्र, उत्तराखंड
खड़ी होली कुमाऊं क्षेत्र में खेली जाती है जिसमें मुख्य रूप से उत्तराखंड के शहर शामिल हैं। इसमें स्थानीय लोग पारंपरिक कपड़े पहनते हैं, खारी गीत गाते है और समूहों में नृत्य करते हैं। वे टोलियों में घूमते हैं, और लोगों का अभिवादन करते हैं। इस क्षेत्र में, होली आमतौर पर बैठक होली, खड़ी होली और महिला होली के रूप में म्यूजिकल समारोह आयोजित होते हैं।
3) होला मोहल्ला- पंजाब
होला मोहल्ला, जिसे योद्धा होली के रूप में जाना जाता है, पंजाब में मनाया जाता है। यह त्योहार निहंग सिखों द्वारा मनाया जाता है। वे मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करते हैं, और इस दिन अपने दिल की बात गाते हैं, जो आमतौर पर होली से एक दिन पहले मनाया जाता है।
4) बसंत उत्सव और डोल जात्रा- पश्चिम बंगाल
बसंत उत्सव वसंत ऋतु का स्वागत करने का एक तरीका है। इस दिन शांतिनिकेतन में विशेष उत्सव होता है। इस त्योहार को मनाने के लिए लड़के और लड़कियां केसरिया रंग के कपड़े पहनते हैं, और गाते-नाचते हैं। दूसरी ओर, डोल जात्रा मुख्य होली उत्सव का एक हिस्सा है। डोल पूर्णिमा पर, राधा और कृष्ण की मूर्तियों की झांकी निकाली जाती है। मस्ती के लिए, पुरुष इस जुलूस पर पानी और रंग छिड़कते हैं।
5) शिग्मो- गोवा
शिग्मो त्योहार गोवा में एक विशाल वसंत उत्सव है। यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यहां किसानों द्वारा पारंपरिक लोक और नुक्कड़ नृत्य किए जाते हैं। यहां तक कि गोवा में पर्यटक भी इस त्योहार को बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं।
6) याओसांग- मणिपुर
मणिपुर में, होली या याओसांग छह दिनों तक मनाया जाता है। यह पूर्णिमा के दिन शुरू होता है और हिंदू और स्वदेशी परंपराओं को जोड़ता है। त्योहार का मुख्य आकर्षण थाबल चोंगबा है, जो एक मणिपुरी लोक नृत्य है और इस दौरान किया जाता है। परंपराओं में जोड़ने और एकरूपता बनाए रखने के लिए मणिपुर के हिंदू इस त्योहार को रंगों से भी खेलते हैं।
7) मंजल कुली- केरल
दक्षिण भारत में होली उतनी लोकप्रिय नहीं है, जितनी उत्तर भारत में है। हालांकि, देश के दक्षिणी भाग में कुछ समुदाय होली मनाते हैं, लेकिन अलग-अलग परंपराओं और नामों के साथ। केरल में, होली को मंजल कुली कहा जाता है और गोसरीपुरम थिरुमाला के कोंकणी मंदिर में मनाया जाता है।
8) फगुआ- बिहार
बिहार और होली साथ-साथ चलते हैं। इस त्योहार को स्थानीय भोजपुरी बोली में फगुआ के नाम से जाना जाता है। हालांकि, बिहार में होली खेलने से पहले होलिका जलाना जरूरी है। उसके बाद, लोकगीतों, पानी और रंगों से होली खेली जाती है।
9) फकुवा- असम
फकुवा होली को असम में मनाया जाता है। यह बंगाल की 'डोल जात्रा' के समान है। हालांकि, यहां त्योहार दो दिनों में मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन की कथा को दर्शाते हुए मिट्टी की झोपड़ियों को जलाया जाता है। दूसरे दिन, स्थानीय लोग इसे हर किसी की तरह रंगों से मनाते हैं!
10) रंग पंचमी- महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
महाराष्ट्र होली को सबसे मजेदार तरीके से मनाता है। होलिका दहन के 5वें दिन रंग उत्सव मनाया जाता है और इसे रंग पंचमी के रूप में जाना जाता है।
11) रॉयल होली- जयपुर, उदयपुर (राजस्थान)
होली की पूर्व संध्या पर, स्थानीय लोग इस अवसर ने प्रतीक के रूप में अलाव जलाते हैं और होलिका दहन करते हैं। यह उत्सव उदयपुर के मेवाड़ राजपरिवार द्वारा भव्य स्तर पर किया जाता है। फैंसी जुलूस में सजे-धजे घोड़े और शाही बैंड शामिल होते हैं। बाद में, पारंपरिक पवित्र अग्नि जलाई जाती है और होलिका का पुतला जलाया जाता है।
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TNN लाइफस्टाइल डेस्क author
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