प्रधानमंत्री के किसी फैसले को कैसे प्रभावित करते हैं उनके करीबी, इस किताब में मिल जाएगा जवाब
How Prime Ministers Decide: इस किताब की खासियत ये है कि इसने हर फैसले के पर्दे की पीछे की कहानी पर फोकस किया है, जैसे कि अंदर खाने में क्या चीजें चल रही थीं, कौन-कौन से किरदार मुख्य भूमिका में थे।
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How Prime Ministers Decide Review In Hindi: नीरजा चौधरी की "हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड" एक आकर्षक पुस्तक है जो भारत के प्रधानमंत्रियों की कार्यशैली के बारे में उल्लेखनीय अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। यह किताब प्रधानमंत्रियों द्वारा लिए गए 6 ऐतिहासिक फैसलों का विश्लेषण करती है का विश्लेषण करती है। इसमें 1980 में सत्ता में लौटने के लिए इंदिरा गांधी की रणनीति, शाह बानो मामले में राजीव गांधी के फैसले की गलती और वी.पी. सिंह द्वारा मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के फैसले पर तथ्यात्मक तरीके से रोशनी डाली गई है। नीरजा चौधरी की यह किताब आपको समझाती है कि ये फैसले कैसे और किन हालातों में लिये गए और तब प्रधानमंत्रियों ने इसे कैसे संभाला था।
इस किताब की खासियत ये है कि इसने हर फैसले के पर्दे की पीछे की कहानी पर फोकस किया है, जैसे कि अंदर खाने में क्या चीजें चल रही थीं, कौन-कौन से किरदार मुख्य भूमिका में थे। उनमें आपस में कैसा सामंजस्य था। किताब में मानवीय रिश्तों और राजनीतिक चुनौतियों की जटिलताओं को नए और बेहद दिलचस्प तरीके से पेश करती है। किताब के लिए इसकी लेखक नीरजा ने पूर्व प्रधानमंत्रियों, राजनीति के अहम किरदारों, नौकरशाहों, सहयोगियों के सैकड़ों इंटरव्यू किये हैं। इन साक्षात्कारों से ऐसी जानकारियां निचोड़ कर किताब में रखी गई हैं जो पाछक को आखिरी पन्ने तक बांधे रखती है।
How Prime Ministers Decide
अलिफ बुक कंपनी के प्रकाशन की यह किताब कुछ लेखकों के पूर्वाग्रह पर भी कुठाराघात करती है जिनके कारण कुछ प्रधानमंत्रियों की मानहानि भी हुई है। ऐसे लेखकों के उलट नीरजा चौधरी ने किताब में तथ्यों के साथ प्रधानमंत्रियों और अपने सोर्स को कोट करते हुए अपनी बात रखी है। इस किताब में पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में कुछ नहीं लिखा गया है। दरअसल लेखक का मानना है कि नरेंद्र मोदी अभी अपने पद पर हैं इसलिए उनके बारे में लिखना जल्दबाजी होगी। हालांकि दूसरे प्रधानमंत्रियों के बारे में दिलचस्प किस्सों से इस किताब के पन्ने भरे पड़े हैं।
"हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड" इस विरोधाभास पर भी प्रकाश डालती है कि एक अच्छा प्रधानमंत्री अच्छा नेता भी हो और एक अच्छा नेता अच्छा प्रधानमंत्री भी हो। लेखक का तर्क है कि दोनों गुण वाला व्यक्ति मिलना थोड़ा दुर्लभ है। लेखक के हिसाब से सिर्फ इंदिरा गांधी, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी ही ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनमें दोनों गुण हैं।
How Prime Ministers Decide आधुनिक भारतीय राजनीति पर प्रकाश डालती ऐसी किताब है जो प्रधानमंत्रियों द्वारा देश पर शासन करने के तरीके को देखने के हमारे नजरिये को बदल देगी। भारतीय राजनीति, इतिहास और मानवीय रिश्तों की जटिलताओं में रुचि रखने वालों को ये किताब पढ़नी चाहिए। प्रधानमंत्री के फैसलों पर किस तरह से उनके आशपास के लोग प्रभाव डालते हैं इस सवाल का जवाब भी आपको इस किताब में मिल जाएगा।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
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