Jallianwala Bagh Massacre Day 2024: आज भी हरे हैं जलियांवाला बाग नरसंहार के जख्म, शहीदों को यूं करें नमन

Jallianwala Bagh Massacre Day Poem, Quotes in Hindi: जलियांवाला बाग हत्याकांड के जख्म आज भी हरे हैं। हम उस दर्द को चाह कर भी नहीं भुला सकते। हालांकि हम जलियांवाला बाग के शहीदों को नमन करत हुए उन्हें श्रद्धांजलि जरूर दे सकते हैं।

Jallianwala Bagh Massacare Day 2024

Jallianwala Bagh Massacre Day Poem in Hindi, Quotes Messages: 13 अप्रैल, 1919 को बैसाखी के दिन जलियांवाला बाग में आयोजित एक शांतिपूर्ण बैठक में शामिल लोगों पर ब्रिगेडियर जनरल रेगीनाल्ड डायर ने गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसमें हज़ारों निहत्थे पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे गए थे। ये लोग ब्रिटिश हुकूमत के दमनकारी रोलेट एक्ट 1919 का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे। इस घटना के विरोध में बांग्ला कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1915 में प्राप्त नाइटहुड की उपाधि का त्याग कर दिया था। साल 1940 में सरदार उधम सिंह ने जनरल डायर की हत्या कर जलियांवाला बाग नरसंहार कांड का बदला ले लिया था।

जलियांवाला बाग हत्याकांड के जख्म आज भी हरे हैं। हम उस दर्द को चाह कर भी नहीं भुला सकते। हालांकि हम जलियांवाला बाग के शहीदों को नमन करत हुए उन्हें श्रद्धांजलि जरूर दे सकते हैं।

Jallianwala Bagh Massacre Day 2024 Hindi Poem, Shayari, Quotes

1. यहां कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते,

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