Jaun Elia Shayari in Hindi: बहुत नज़दीक आती जा रही हो, बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या.., दिल पर तीर की तरह लगेंगे जौन एलिया के 20+ मशहूर शेर
Jaun Elia Shayari in Hindi (जौन एलिया के मशहूर शेर): बिखरे हुए बाल, जुदा अंदाज और पतले से चेहरे के साथ जौन एलिया (Jaun Elia Shayari Urdu) अपने लफ़्ज़ों और कहने के अंदाज़ से ऐसा बांधते थे कि मंच से भले शायरी (Jaun Elia Sad Shayari) ख़त्म हो जाए लेकिन सुनने वालों की भड़ खत्म नहीं होती थी। 'इरशाद' के आज के अंक में हम जौन एलिया की शायरी (Jaun Elia Best lines) के समुंदर में गोते लगाएंगे:
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Jaun Elia Shayari in Hindi (जौन एलिया शायरी): जौन एलिया उर्दू अदब के चंद मक़बूल नामों में से एक रहे हैं। जुदा अंदाज, बेपरवाह लिहाज और अदब की गांठ से बन हजरत जौन एलिया ने शायरी पर अपना ऐसा रंग चढ़ाया कि वो सीधे सुनने वालों के दिल पर तीर की तरह लगे। उन्हें गैर रिवायती शायर कहा जाता था। कौतूहल तो उनके नाम के साथ ही शुरू हो जाता था। जौन एलिया की कलम से निकले शेर इश्क करने वालों के लिए तो जैसे राग बन गए। लगभग हर विषय पर नज्म या ग़ज़ल कह सकने वाले जौन मौत के बाद और भी अधिक मश्हूर हुए। आइए पढ़ते हैं उनकी कलम से निकले चंद बेहतरीन शेर:
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- अपने सब यार काम कर रहे हैं
और हम हैं कि नाम कर रहे हैं
- अब तो हर बात याद रहती है
ग़ालिबन मैं किसी को भूल गया
- अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या
- इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ
वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैंने
- उस गली ने ये सुन के सब्र किया
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं
- एक ही तो हवस रही है हमें
अपनी हालत तबाह की जाए
- क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं
- कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई
तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया
- काम की बात मैंने की ही नहीं
ये मेरा तौर-ए-ज़िंदगी ही नहीं
- कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
- कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे
- कौन से शौक़ किस हवस का नहीं
दिल मेरी जान तेरे बस का नहीं
- ख़र्च चलेगा अब मेरा किस के हिसाब में भला
सब के लिए बहुत हूँ मैं अपने लिए ज़रा नहीं
- जमा हम ने किया है ग़म दिल में
इस का अब सूद खाए जाएँगे
- ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को
अपने अंदाज़ से गँवाने का
- ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
- जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
- 'जौन' दुनिया की चाकरी कर के
तूने दिल की वो नौकरी क्या की
- नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम
- नहीं दुनिया को जब परवाह हमारी
तो फिर दुनिया की परवाह क्यूँ करें हम
बता दें कि जौन एलिया अविभाजित भारत के अमरोहा जिले में जन्मे थे। अमरोहा पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मशहूर जिला है। 1957 तक वह भारत में रहे और फिर कराची चले गए। जौन एलिया की कलम में ऐसा जादू था कि नौजवान हों या बुजुर्ग सब उन्हें पसंद करते हैं। सोचने और कहने का ढंग उन्हें बाकी शायरों से काफी अलग बनाता था। उम्मीद करते हैं कि आपको जौन एलिया की ये शेर काफी पसंद आए होंगे। 'इरशाद' के अगले अंक में हम आपको रूबरू करवाएंगे किसी और अज़ीम शायर के मशहूर शेरों से।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
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