Javed Akhtar Shayari: सब का ख़ुशी से फ़ासला एक क़दम है, हर घर में बस एक ही कमरा कम है.., जावेद अख्तर के इन 21 शेरों में छिपी है हर किसी की कहानी

Javed Akhtar Shayari in Hindi (जावेद अख्तर के मशहूर शेर): जावेद अख़्तर ने जो ग़ज़लें लिखी हैं उनमें इश्क़ के अफसाने और आशिकी कम बल्कि जीवन का दर्शन ज्यादा है। जावेद अख्तर ने एहसास के हर रंग को कुरेदा। हर जज्बात को कागज पर उतारा। 'इरशाद' के आज के अंक में पढ़ें जावेद अख्तर जादू के कुछ चुनिंदा शेर:

Javed AKhtar Shayari in Hindi

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Javed Akhtar Shayari in Hindi 2 lines (जावेद अख्तर की शायरी): बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें कोई ना कोई कला विरासत में मिली। लेकिन ऐसे कुछ ही लोग हैं जिन्होंने अपनी विरासत को इतनी बुलंदियों तक पहुंचाया कि वह हमेशा के लिए अमर हो गया। ऐसा ही एक नाम है जावेद अख्तर का। शेर-ओ-शायरी का हुनर जावेद अख्तर को विरासत में मिला। इनके पिता और दादा दोनों ही मशहूर शायर रहे। लेकिन जावेद अख्तर ने विरासत में मिली कला को उस मुकाम तक पहुंचा दिया जहां तक सोच पाना की लोगों के लिए मुश्किल है। जावेद अख्तर ने एक से बढ़कर एक नग़में लिखे। जावेद अख्तर ने एहसास के हर रंग को कुरेदा। हर जज्बात को कागज पर उतारा। उनकी शायरी ने लोगों के दिलों को ऐसा छुआ कि उसकी चुभन भुलाए ना भूलती है। यहां देखें जावेद अख्तर के कुछ चुनिंदा शेर:

Javed Akhtar Shayari 2 lines | जावेद अख्तर के मशहूर शेर

1. कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है

मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी

2. जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता

मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता

3. मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है

किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता

4. तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे

अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है

Javed Akhtar Famous Shayari on Love

5. डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से

लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

6. ऊँची इमारतों से मकाँ मेरा घिर गया

कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए

7. तुम ये कहते हो कि मैं ग़ैर हूँ फिर भी शायद

निकल आए कोई पहचान ज़रा देख तो लो

Javed Akhtar Poetry in Hindi, Urdu

8. इन चराग़ों में तेल ही कम था

क्यूँ गिला फिर हमें हवा से रहे

9. ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना

बहुत हैं फ़ाएदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता

10. धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है

न पूरे शहर पर छाए तो कहना

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11. हम तो बचपन में भी अकेले थे

सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे

12. इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान

अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान

13. याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा

कल रस्ते में उस ने हम को पहचाना तो होगा

14. मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा

वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा

Javed Akhtar ki Shayari

15. इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं

होंटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं

16. ज़रा मौसम तो बदला है मगर पेड़ों की शाख़ों पर नए पत्तों के आने में अभी कुछ दिन लगेंगे

बहुत से ज़र्द चेहरों पर ग़ुबार-ए-ग़म है कम बे-शक पर उन को मुस्कुराने में अभी कुछ दिन लगेंगे

17. मुझे मायूस भी करती नहीं है

यही आदत तिरी अच्छी नहीं है

18. यही हालात इब्तिदा से रहे

लोग हम से ख़फ़ा ख़फ़ा से रहे

Javed Akhtar Shayari on Life

19. सब का ख़ुशी से फ़ासला एक क़दम है

हर घर में बस एक ही कमरा कम है

20. मैं बचपन में खिलौने तोड़ता था

मिरे अंजाम की वो इब्तिदा थी

21. बहाना ढूंढ़ते रहते हैं कोई रोने का

हमें ये शौक़ है क्या आस्तीं भिगोने का

बता दें कि जावेद अख्तर को लोग जादू भी कहते हैं। दरअसल उनके पिता जान निसार अख्तर की कविता 'लम्हा-लम्हा किसी जादू का फसाना होगा' बहुत फेसम थी। उसके बाद जावेद अख्तर का जन्म हुआ और उनके पिता उन्हें 'जादू' कहकर बुलाने लगे। इसके बाद जादू से मिलता-जुलता नाम जावेद रख दिया गया।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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