Jigar Moradabadi Shayari: इश्क़ की चोट दिखाने में कहीं आती है.., मोहब्बत की चाशनी में डूबे जिगर मुरादाबादी के चुनिंदा शेर
Jigar Moradabadi Shayari in Hindi: जिगर मुरादाबादी का असली नाम अली सिकंदर था। शायरी उन्हें विरासत में मिली थी। ‘जिगर’ साहब का शेर पढ़ने का ढंग कुछ ऐसा था कि उस समय के युवा शायर उनके जैसे शेर कहने और उन्हीं के अंदाज़ को अपनाने की कोशिश किया करते थे। 'इरशाद' के आज के अंक में पढ़ते हैं जिगर मुरादाबादी के शेर।
Jigar Moradabadi Shayari in Hindi
Jigar Moradabadi Shayari, Ghazal in Hindi: शायरी और गज़ल की दुनिया में जिगर मुरादाबादी का नाम बेहद अद से लिया जाता है। उनको जैसी शोहरत और मक़्बूलियत मिली उसकी मिसाल मिलनी मुश्किल है। जिगर मुरादाबादी ने ये सब हासिल किया अपनी शायरी से। उन्हें सब मिला लेकिन एक उनका प्यार कभी मुकम्मल ना हुआ। मोहब्बत में महरूमी और मायूसी का सामना करने वाले जिगर ने अपनी शायरी में इस अधूरे एहसास को बड़ी शिद्दत से बयां किया। यूं तो उन्होंने लगभग हर एहसास को अपनी कलम से सजाया लेकिन अधूरे मोहब्बत पर उनकी नज्में सालों बाद भी एक टीस की तरह हरी हैं। आइए देखें जिगर मुरादाबादी की कलम से निकले मोहब्बत पर 11 मशहूर शेर:
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1. कुछ खटकता तो है पहलू में मिरे रह रह कर
अब ख़ुदा जाने तिरी याद है या दिल मेरा
2. इश्क़ की चोट दिखाने में कहीं आती है
कुछ इशारे थे कि जो लफ़्ज़-ओ-बयाँ तक पहुँचे
3. रग रग में इस तरह वो समा कर चले गए
जैसे मुझी को मुझ से चुरा कर चले गए
4. आँसू तो बहुत से हैं आँखों में 'जिगर' लेकिन
बंध जाए सो मोती है रह जाए सो दाना है
5. ले के ख़त उन का किया ज़ब्त बहुत कुछ लेकिन
थरथराते हुए हाथों ने भरम खोल दिया
6. जिस दिल को तुम ने लुत्फ़ से अपना बना लिया
उस दिल में इक छुपा हुआ नश्तर ज़रूर था
7. दिल को सुकून रूह को आराम आ गया
मौत आ गई कि दोस्त का पैग़ाम आ गया
8. सुब्ह तक हिज्र में क्या जानिए क्या होता है
शाम ही से मिरे क़ाबू में नहीं दिल मेरा
9. निगाहों का मरकज़ बना जा रहा हूँ
मोहब्बत के हाथों लुटा जा रहा हूँ
10. नज़र मिला के मिरे पास आ के लूट लिया
नज़र हटी थी कि फिर मुस्कुरा के लूट लिया
11. ब-ज़ाहिर कुछ नहीं कहते मगर इरशाद होता है
हम उस के हैं जो हम पर हर तरह बर्बाद होता है
बता दें कि जिगर मुरादाबादी का असली नाम अली सिकंदर था। शायरी उन्हें विरासत में मिली थी। ‘जिगर’ साहब का शेर पढ़ने का ढंग कुछ ऐसा था कि उस समय के युवा शायर उनके जैसे शेर कहने और उन्हीं के अंदाज़ को अपनाने की कोशिश किया करते थे।
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Suneet Singh author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
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