Kaifi Azmi Shayari: दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं.., पढ़ें यादों की बर्क में लिपटे कैफ़ी आज़मी के ये 21 चुनिंदा शेर
Kaifi Azmi Shayari Shayari in Hindi: 14 जनवरी 1919 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जन्मे कैफी आज़मी की आज 106वीं जयंती है। कैफी आज़मी की नज़्मों की जो सबसे बात थी वो ये थी कि उनके लफ़्ज़ बेहद आसान हुआ करते थे। यही कारण है कि उनकी नज़्में सीधे लोगों के दिलों तक पहुंची।
Kaifi Azmi Shayari (कैफी आजमी शायरी)
Kaifi Azmi Shayari, Poetry, Songs in Hindi: जब भी हिंदुस्तान के चंद सबसे बेहतरीन नग़मानिगारों की बात होगी तो कैफी आज़मी का नाम जरूर आएगा। कैफी आज़मी ने ऐसे-ऐसे गीत लिखे कि सुनने वाले बस उसी में खोकर रह गए। कैफी आज़मी का नाम उन चुनिंदा शायरों में शुमार है जिन्होंने जीवन के लगभग हर रंग को कागज पर उतारा। कैफी साहब ने रूमानियत के साथ-साथ सामाजिक सरोकार को भी अपनी कलम से आवाज दी। कैफी आज़मी की नज़्मों की जो सबसे बात थी वो ये थी कि उनके लफ़्ज़ बेहद आसान हुआ करते थे। यही कारण है कि उनकी नज़्में सीधे लोगों के दिलों तक पहुंची। 14 जनवरी 1919 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जन्मे कैफी आज़मी की आज 106वीं जयंती है। कैफी आज़मी की जयंती पर पढ़िए उनके चुनिंदा शेर:
Kaifi Azmi Hindi Shayari in Hindi | Kaifi Azmi Poetry | Kaifi Azmi Shayari 2 line
1. झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं
2. कोई कहता था समुंदर हूँ मैं
और मिरी जेब में क़तरा भी नहीं
3. बहार आए तो मेरा सलाम कह देना
मुझे तो आज तलब कर लिया है सहरा ने
4. कोई तो सूद चुकाए कोई तो ज़िम्मा ले
उस इंक़लाब का जो आज तक उधार सा है
5. जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े
6. रोज़ बढ़ता हूँ जहाँ से आगे
फिर वहीं लौट के आ जाता हूँ
7. बेलचे लाओ खोलो ज़मीं की तहें
मैं कहाँ दफ़्न हूँ कुछ पता तो चले
8. ग़ुर्बत की ठंडी छाँव में याद आई उस की धूप
क़द्र-ए-वतन हुई हमें तर्क-ए-वतन के बाद
9. इंसाँ की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं
दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद
10. इतना तो ज़िंदगी में किसी के ख़लल पड़े
हँसने से हो सुकून न रोने से कल पड़े
11. जो इक ख़ुदा नहीं मिलता तो इतना मातम क्यूँ
यहाँ तो कोई मिरा हम-ज़बाँ नहीं मिलता
12. की है कोई हसीन ख़ता हर ख़ता के साथ
थोड़ा सा प्यार भी मुझे दे दो सज़ा के साथ
13. रोज़ बस्ते हैं कई शहर नए
रोज़ धरती में समा जाते हैं
14. रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई
तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई
15. तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो
16. अब जिस तरफ़ से चाहे गुज़र जाए कारवाँ
वीरानियाँ तो सब मिरे दिल में उतर गईं
17. मेरा बचपन भी साथ ले आया
गाँव से जब भी आ गया कोई
18.मुद्दत के बा'द उस ने जो की लुत्फ़ की निगाह
जी ख़ुश तो हो गया मगर आँसू निकल पड़े
19. पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था
जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा
20. गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनो
डूबेंगे हम ज़रूर मगर नाख़ुदा के साथ
21. बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में
बता दें कि कैफी आज़मी ने 11 साल की उम्र में ही अपनी पहली गज़ल लिख डाली थी। उन्होंने फिल्मों के लिए भी खूब लिखा। फिल्मी गीतें के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार और कई बार फिल्मफेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। लाइफस्टाइल (Lifestyle News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
End of Article
Suneet Singh author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited