Kargil Vijay Diwas 2023: हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस, जानें- इस दिन का इतिहास और महत्व

Kargil Vijay Diwas 2023: कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' के तहत पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया और टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर दोबारा कब्जा कर लिया। लद्दाख के कारगिल में 60 दिनों से अधिक समय तक संघर्ष चला।

Kargil Vijay Diwas 2023: हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस।

Kargil Vijay Diwas 2023: कारगिल युद्ध (Kargil War) में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की याद में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है। इस बाक कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2023) की 24वीं वर्षगांठ पर है। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' के तहत पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया और टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर दोबारा कब्जा कर लिया। लद्दाख के कारगिल (Kargil) में 60 दिनों से अधिक समय तक संघर्ष चला। कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैकड़ों भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल ये दिन मनाया जाता है। आइए इस दिन के तारीख (Kargil War Date), इतिहास (Kargil War History) और महत्व (Kargil War Importance) पर एक नज़र डालें।

कारगिल युद्ध का इतिहास (History of Kargil War)1990 के दशक के दौरान कश्मीर में अलगाववादियों की गतिविधियों के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच दबाव और अधिक बढ़ने लगा। दोनों देशों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फरवरी 1999 में लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए, लेकिन पाकिस्तान गुप्त रूप से प्रशिक्षण दे रहा था और एलओसी के भारतीय क्षेत्र में सेना भेज रहा था। घुसपैठ का लक्ष्य कश्मीर और लद्दाख के बीच संबंध को काटना और भारत को कश्मीर विवाद के समाधान के लिए बातचीत करने के लिए मजबूर करना था। जवाब में भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय शुरू किया और पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने के लिए लगभग दो लाख भारतीय सैनिकों को शामिल किया। अंततः 26 जुलाई 1999 को पाकिस्तानी सेना को कब्जे वाले स्थानों से खदेड़ दिया गया। संघर्ष निष्कर्ष पर पहुंचा और उस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में घोषित किया गया, लेकिन युद्ध में भारत ने अपने 527 वीर सैनिक खो दिये। युद्ध लगातार 60 दिनों तक चला। ये 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हुआ पहला युद्ध था।

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