Universal Health Coverage Day: अपने साथ अपनी फैमिली को भी दें पूरा हेल्थ कवर, इंश्योरेंस लेते समय रखें ध्यान
Universal Health Coverage Day: आपातकालीन परिस्थितियों में इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च से बचने के लिए आज के समय में फैमली हेल्थ इंश्योरेंस का होना बहुत जरूरी है। कोरोना महामारी के बाद से लोगों में मेडिकल इंश्योरेंस को लेकर जागरूरकता भी बढ़ी है। हालांकि इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय कई बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
में फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगी परेशानी
- इंश्योरेंस पॉलिस लेने से पहले समझें अपनी और परिवार की जरूरत
- पॉलिसी की प्रीमियम राशि और अस्पताल नेटवर्क की जरूर करें जांच
- पॉलिसी के टर्म कंडीशन और डेकेयर ट्रीटमेंट से जुड़ी प्रक्रिया देखें
अपनी जरूरत और बीमा पॉलिसी को समझेंअपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप जिस प्लान को ले रहे हैं, वह आपके पूरे परिवार के इलाज से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर सके। हेल्थ इंश्योरेंस का चुनाव करते समय उम्र, प्रोफेशन, शहर और मेडिकल हिस्ट्री का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि इसका हेल्थ इंश्योरेंस पर असर पड़ता है।
प्रीमियम राशि की जांच करें
इंश्योरेंस पॉलिसी की बीमा राशि जितनी ज्यादा होगी, प्रीमियम की रकम भी उसी हिसाब से बढ़ जाती है। इसके अलावा, फैमिली फ्लोटर प्लान में प्रीमियम की राशि पर परिवार के सबसे बड़े सदस्य की उम्र का भी प्रभाव पड़ता है। अगर आप ऐड-ऑन खरीदने का मन बनाते हैं, तो इससे आपके फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम की रकम बढ़ जाएगी।
इंश्योरेंस कंपनी के अस्पताल नेटवर्क को देखें
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय संबंधित कंपनी के अस्पताल नेटवर्क का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हमेशा ज्यादा अस्पताल नेटवर्क वाली इंश्योरेंस कंपनी को बेहतर माना जाता है। साथ ही यह भी देखें कि कंपनी से संबंधित अस्पताल आपके नजदीक हो।
पॉलिसी के टर्म कंडीशन देखें
सबसे सही फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान उसे माना जाता है, जिसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर बाद तक के सभी खर्चों को शामिल किया गया हो। क्योंकि इस दौरान आपको कई बार डॉक्टर के पास जाने और कई तरह के टेस्ट कराने की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए पॉलिसी के टर्म कंडीशन को ध्यान से पढ़ लें।
डेकेयर ट्रीटमेंट से जुड़ी प्रक्रिया देखें
ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां अपनी पॉलिसी में केवल 24 घंटे से ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती होने पर ही फायदा देती हैं, लेकिन डायलिसिस जैसी कई अन्य प्रक्रियाओं में मरीज को कुछ घंटों के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। इसलिए, जरूरत के हिसाब से डेकेयर ट्रीटमेंट की जांच कर लें।
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एम्बुलेंस खर्च कवर देखें
आपातकालीन परिस्थितियों में सबसे पहले एम्बुलेंस की ही जरूरत पड़ती है। कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां अपने प्लान में इस खर्च को शामिल करती हैं, और कई कंपनियां नहीं करती हैं। इसलिए एम्बुलेंस खर्च क जांच के बाद ही पॉलिसी लें।
गौर करें कि प्लान में क्या कवर नहीं है
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेते समय यह पता होना चाहिए कि आपके प्लान में किन बीमारियों और चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर नहीं किया गया है। जिसके अनुसार आप अपना प्लान तैयार कर सकेंगे। इंश्योरेंस प्लान लेते समय इसमें शामिल नहीं होने वाली बीमारियों के बारे में अच्छी तरह जानकारी हासिल कर लें।
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