Christmas Day 2022: 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्यों मनाया जाता है क्रिसमस, जानें फैक्ट

Christmas Day 2022: 25 दिसंबर को मरियम ने यीशु मसीह को जन्म दिया था। माना जाता है कि प्रभु यीशु मसीह के द्वारा ही ईसाई धर्म की स्थापना की गई थी और यही कारण है कि 25 दिसंबर को ही क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। 24 दिसंबर की शाम को त्योहार का जश्न शुरू हो जाता है।

Christmas Day 2022

25 दिसंबर को ही मनाया जाता है क्रिसमस डे

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • क्रिसमस त्योहार पूरी दुनिया में 25 दिसंबर को सेलिब्रेट किया जाता है
  • आप भी जानिए क्रिसमस का महत्व और जानने योग्य रोचक तथ्य
  • क्रिसमस की पूर्व संध्या से ही हो जाती है जश्न की शुरूआत
Christmas Day 2022: दिसंबर के महीने में चारों तरफ लाइट्स और लैंप से सजावट होने लगती है। क्रिसमस डे आज हर बच्चे का फेवरेट डे बन गया है। वैसे तो क्रिसमस मुख्य रूप से ईसाई धर्म का त्योहार है, लेकिन इस पर्व को भारत में भी हर धर्म मानता है। भारत की यही तो सबसे बड़ी खूबी है कि वह अपना और पराया नहीं देखता, बल्कि सबको अपनों में ही समाहित कर लेता है। क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहा जाता है। इस दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था। ईसाई धर्म के लोग यीशु मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस के रूप में मानते हैं।
क्रिसमस मनाने की वजह-
यूरोप में गैर ईसाई समुदाय के लोग सूर्य के उत्तरायण के मौके पर एक बड़ा त्योहार मनाते थे 25 दिसंबर को सूर्य के उत्तरायण होने का त्योहार इनमें से प्रमुख था, इस तारीख से दिन के लंबा होना शुरू होने की वजह से इसे सूर्य देवता के पुनर्जन्म का दिन माना जाता था। मान्यता तो यह है कि इसी कारण लोगों ने इस दिन को ईशा मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस के तौर पर चुना।
सेंटा क्लॉस भी है इसकी लोकप्रियता की वजह
सेंटा निकोलस का जन्म ईसा मसीह की मृत्यु के लगभग 280 साल बाद मायरा में हुआ था उनका पूरा जीवन ईसा मसीह के लिए समर्पित था वह लोगों की हमेशा मदद करते थे। जिस वजह से क्रिसमस के मौके पर आधी रात में वे बच्चों को गिफ्ट दिया करते थे इस वजह से बच्चे आज भी क्रिसमस की रात अपने सेंटा के उपहार का इंतजार करते हैं।
क्रिसमस ट्री का महत्व-
यीशु के जन्म के मौके पर एक फर के पेड़ को सजाया गया था, जिसे बाद में क्रिसमस ट्री कहा जाने लगा। आज कल क्रिसमस डे सेलिब्रेशन में मुख्य रूप से लोग अपने घर में क्रिसमस ट्री लाते हैं और उसे लाइट्स और कार्ड से सजाते हैं।
इस दिन बच्चे सेंटा के कपड़े पहनकर एक-दूसरे को उपहार देते हैं। वहीं, इस त्योहार पर यीशु के जीवन से जुड़ी घटनाओं को छोटे-छोटे रूप में सजावट के तौर पर दिखाया जाता है। इसके अलावा लोग चर्च में मोमबत्तियां जलाकर अपनी इच्छा पूर्ति की मांग करते हैं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।)
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