Kumar Vishwas Sawan Poems: कोई दीवाना कहता है..., सावन के रंग को और भी हरा कर देंगी कुमार विश्वास की ये प्रेम भरी कविताएं

Kumar Vishwas Poems for Sawan 2024 Monsoon, Koi deewana kehta hai: सावन का महीना प्रेम का महीना कहलाता है। बात जब प्रेम और प्रेम पर कविता को हो तो वहां कुमार विश्वास के मुकाबले कोई नहीं टिकता। सावन के मौसम और कुमार विश्वास की कविता सोने पे सुहागा की तरह है।

KUmar Vishwas

Kumar Vishwas Famous Poems for Sawan

Kumar Vishwas Poems during Sawan 2024 Monsoon, Koi deewana kehta hai: मशहूर कवि कुमार विश्वास आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। कुमार ने अपनी कविता और फनकारी के दम पर पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त की है। कुमार विश्वास सुनने और पढ़ने वाले सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में हैं। जब कुमार विश्वास मंच से कविता का पाठ करते हैं तो सुनने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। बात जब प्रेम पर कविता को हो तो वहां कुमार विश्वास के मुकाबले कोई नहीं टिकता। कुमार विश्वास की प्रेम पर कविताएं हर लाइन पर तालियां बटोरती हैं। ये महीना सावन का चल रहा है। सावन को प्रेम का महीना भी कहा जाता है। सावन के मौसम और कुमार विश्वास की कविता सोने पे सुहागा की तरह है। तो इस सावन के मौसम में आनंद लेते हैं कुमार विश्वास की प्यार भरी कुछ कविताओं का:

Kumar Vishwas Best Poetry

मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊँगा
जागती रहना तुझे तुझ से चुरा ले जाऊँगा
हो के क़दमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा
ख़ाक में मिल कर भी मैं ख़ुशबू बचा ले जाऊँगा
कौन सी शय मुझ को पहुँचाएगी तेरे शहर तक
ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा
कोशिशें मुझ को मिटाने की भले हों कामयाब
मिटते मिटते भी मैं मिटने का मज़ा ले जाऊँगा
शोहरतें, जिन की वज्ह से दोस्त दुश्मन हो गए
सब यहीं रह जाएँगी मैं साथ क्या ले जाऊँगा

Koi deewana kehta hai

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!

Kumar Vishwas Sawan Poems

जो धरती से अम्बर जोड़े , उसका नाम मोहब्बत है,
जो शीशे से पत्थर तोड़े, उसका नाम मोहब्बत है,
कतरा कतरा सागर तक तो, जाती है हर उम्र मगर,
बहता दरिया वापस मोड़े, उसका नाम मोहब्बत है

Kumar Vishwas Monsoon Shayari

नेह के सन्दर्भ बौने हो गए होंगे मगर,
फिर भी तुम्हारे साथ मेरी भावनायें हैं,
शक्ति के संकल्प बोझिल हो गये होंगे मगर,
फिर भी तुम्हारे चरण मेरी कामनायें हैं,
हर तरफ है भीड़ ध्वनियाँ और चेहरे हैं अनेकों,
तुम अकेले भी नहीं हो, मैं अकेला भी नहीं हूँ

Kumar Vishwas Hindi Poems

जब भी मुँह ढंक लेता हूँ
तेरे जुल्फों की छाँव में
कितने गीत उतर आते हैं
मेरे मन के गाँव में
एक गीत पलकों पर लिखना
एक गीत होंठों पर लिखना
यानि सारी गीत हृदय की
मीठी-सी चोटों पर लिखना
जैसे चुभ जाता है कोई काँटा नंगे पांव में
ऐसे गीत उतर आते हैं, मेरे मन के गाँव में

Kumar Vishwas Poems in Hindi

प्यार जब जिस्म की चीखों में दफ़न हो जाए,
ओढ़नी इस तरह उलझे कि कफ़न हो जाए,
घर के एहसास जब बाजार की शर्तो में ढले,
अजनबी लोग जब हमराह बन के साथ चले,
लबों से आसमां तक सबकी दुआ चुक जाए,
भीड़ का शोर जब कानो के पास रुक जाए,
सितम की मारी हुई वक्त की इन आँखों में,
नमी हो लाख मगर फिर भी मुस्कुराएंगे,
अँधेरे वक्त में भी गीत गाये जायेंगे...
उम्मीद करते हैं कि कुमार विश्वास की ये कविताएं आपके सावन को और भी ज्यादा हरा कर देंगी। अगर आपको प्रेम पर लिखी कुमार विश्वास की ये पॉपुलर कविताएं पसंद आई हों तो आप इन्हें अपने दोस्तों और करीबियों संग शेयर भी कर सकते हैं।
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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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