Kumar Vishwas Poetry on Daughters: डॉटर्स डे पर पढ़ें खास बेटियों को समर्पित कुमार विश्वास की कविताएं, यहां देखें बेटियों पर शायरी हिंदी में

Kumar Vishwas Poem on Daughters, Shayari on Daughters: ​​डॉटर्स डे पर कुमार विश्वास कहते हैं कि वैसे हमारा तो हर दिन ही बेटियों की चहक और चहल-पहल से गुलज़ार रहता है। दो पुत्रियों का पिता हूं। घर में उनके होने भर से जीवन में जो उत्साह और उमंग का संचार होता है वह शब्दातीत है।

Kumar Vishwas on Daughters Day

Kumar Vishwas Poetry on Daughters (बेटी पर कविता कुमार विश्वास)

Kumar Vishwas Poems for Daughters, Hindi Shayari for Daughters (बेटियों के लिए शायरी): मनुस्मृति में साफ लिखा है- 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।।' इसका भावार्थ ये है कि जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता वास करते हैं। वहीं, जहां नारियों की पूजा नहीं होती है, उनका सम्मान नहीं होता है, उस स्थान पर किए गए समस्त अध्यात्म और अच्छे कर्म भी असफल होते हैं। जी हां किसी भी घर की बरकत उस घर की बहू बेटियों से होती है। दुनिया भर की बेटियों के सम्मान में हर साल सितंबर महीने के चौथे रविवार को डॉटर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। बेटियों पर काफी कुछ लिखा और पढ़ा गया है। यहां हम आपको मशहूर कवि कुमार विश्वास की शायरी पढ़ा रहे हैं जो उन्होंने बेटियों के सम्मान में लिखी हैं।

Kumar Vishwas poetry on Daughters

डॉटर्स डे पर कुमार विश्वास कहते हैं कि वैसे हमारा तो हर दिन ही बेटियों की चहक और चहल-पहल से गुलज़ार रहता है। दो पुत्रियों का पिता हूं। घर में उनके होने भर से जीवन में जो उत्साह और उमंग का संचार होता है वह शब्दातीत है। उमंग, उत्साह और संवेदना के त्रिवेणी से घर को संगम जैसा पवित्र और रम्य बनाने वाली संसार की सभी बेटियों को ढेर सारा प्यार व अशेष शुभकामनाएं।
1. मां, बहन, बेटी या महबूब के साए से जुदा एक लम्हा न हो,
उम्मीद करता रहता हूं
एक औरत है मेरी रूह में सदियों से दफ़न हर सदा जिस की,
मैं बस गीत करता रहता हूं।
2. बेटियां शीतल हवाएं हैं,
जो पिता के घर बहुत दिन तक नहीं रहतीं।
बेटियाँ पावन ऋचाएं हैं,
बात जो दिल की कभी खुलकर नहीं कहतीं।

Top Beautiful Shayari for Daughters

1. घर में रहते हुए ग़ैरों की तरह होती हैं
बेटियाँ धान के पौधों की तरह होती हैं
- मुनव्वर राना
2. गुलों की पालकी में है बहारों की वो बेटी है
चहेती चाँद की रौशन सितारों की वो बेटी है
- रशीद हसरत
3. उस के वजूद से मिरी रौशन है काएनात
बेटी जो मुस्कुराए तो कहती हूँ मैं ग़ज़ल
- उरूसा जीलानी
4. आँख से इस फ़िक्र में होता नहीं पानी जुदा
एक दिन हो जाएगी मुझ से मिरी बेटी जुदा
- जावेद आदिल सोहावी
5. बेटी घर के आँगन में
ख़ुशियों की फुलवारी है
- अनीता मौर्या अनुश्री
6. तो फिर जाकर कहीँ माँ- बाप को कुछ चैन पड़ता है
कि जब ससुराल से घर आ के बेटी मुस्कुराती है
- मुनव्वर राना
7. ख़ैरियत गुज़री कि अंगूर के बेटा न हुआ...
उस की बेटी ने उठा रक्खी है दुनिया सर पर
ख़ैरियत गुज़री कि अँगूर के बेटा न हुआ
- आगाह देहलवी
डॉटर्स डे के मौके पर आप इन शायरी और कविताओं के जरिए अपने या अपने किसी करीबी के घर की बहू बेटियों को शुभकामना संदेश भेज सकते हैं। बेटियों के लिए समर्पित डॉटर्स डे पर आप इन रचनाओं को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर भी कर सकते हैं।
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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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