Kumar Vishwas Famous Poems: ख़ुद को आसान कर रही हो ना, हम पे एहसान कर रही हो ना.., मानसून में पढ़ें कुमार विश्वास की चुनिंदा रचनाएं

Kumar Vishwas Poems during Sawan 2024 Monsoon: मानसून पर लिखे कुमार विश्वास के नगमे मानसून के इस मौसम में मोहब्बत को और जवां कर देंगे। आइए पढ़ते हैं कुमार विश्वास की कलम से निकले चंद बेहतरीन गजल:

Kumar Vishwas Best Poetry

Kumar Vishwas Poems during Sawan 2024 Monsoon: मानसून ने पूरे देश में दस्तक दे दी है। आसमान से बरसता पानी सूरज की तपन को लील रहा है। बादल का साथ छोड़ धरती पर टपकती बूंदें एक सुकून भरा राग छेड़ रही हैं। मौसम ने अपना मिजाज कुछ ऐसा बदला है कि दिल में मोहब्बत और रूमानियत पनपने लगी है। इस मौसम में अगर आपके हमदम का साथ हो, हाथों में हाथ हो, टेबल पर चाय का प्याला हो और पास के टेप रिकॉर्डर में कुमार विश्वास के गजल हों तो फिर क्या ही कहने। जी हां,प्रेम पर लिखे कुमार विश्वास के नगमे मानसून के इस मौसम में मोहब्बत को और जवां कर देंगे। आइए पढ़ते हैं कुमार विश्वास की कलम से निकले चंद बेहतरीन गजल:

Kumar Vishwas Monsoon Poems

खुद को आसान कर रही हो ना:
ख़ुद को आसान कर रही हो ना
हम पे एहसान कर रही हो ना
ज़िंदगी हसरतों की मय्यत है
फिर भी अरमान कर रही हो ना
नींद सपने सुकून उम्मीदें
कितना नुक़सान कर रही हो ना
हम ने समझा है प्यार पर तुम तो
जान पहचान कर रही हो ना

Kumar Vishwas Monsoon Shayari

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