Kumar Vishwas Shayari on Love: मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है.., प्यार को परवान चढ़ा देंगी कुमार विश्वास की रोमांटिक शायरी, कविताएं

Kumar Vishwas Shayari on Love, Kumar Vishwas Romantic Poetry: कुमार विश्वास की कविताएं (Kumar Vishwas Poetry) भेजकर बड़ी संख्या में युवा अपने प्रेमी-प्रेमिका से अपने प्यार का इजहार करते हैं। अगर आप भी अपने किसी खास से अपने दिल की बात कहना चाहते हैं तो कुमार विश्वास (Kumar Vishwas Love Poetry) के ये नगमें आपके बहुत काम आएंगे।

Kumar Vishwas Shayari in Hindi

Kumar Vishwas Love Shayari in Hindi

Kumar Vishwas Love Shayari in Hindi (प्यार पर कुमार विश्वास शायरी, कविताएं हिंदी में): कुमार विश्वास ने अपनी नज्मों से पूरी दुनिया का दिल जीता है। उनके तराने युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुए हैं। कुमार विश्वास ने लगभग हर भाव पर कविताएं और शेर लिखे पढ़े हैं, हालांकि प्रेम पर कुमार विश्वास की गजब ही पकड़ है। प्यार और मोहब्बत के एहसास को कुमार विश्वास ने अपनी कलम की स्याही से ऐसा पिरोया है कि पढ़ने सुनने वाला बस उसी में खो कर रह जाता है। कुमार विश्वास की कविताएं भेजकर बड़ी संख्या में युवा अपने प्रेमी-प्रेमिका से अपने प्यार का इजहार करते हैं। अगर आप भी अपने किसी खास से अपने दिल की बात कहना चाहते हैं तो कुमार विश्वास के ये नगमें आपके बहुत काम आएंगे। यहां देखें कुमार विश्वास के हृदय से निकले कुछ ऐसे शेर जो इश्क के जादू को और भी गहरा करते हैं:

1. पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार क्या करना ,

जो दिल हारा हुआ वहां पे फिर अधिकार क्या करना,

मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है,

ग़ैर मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना।

2. स्वंय से दूर हो तुम भी, स्वंय से दूर है हम भी,

बहुत प्रसिद्ध हो तुम भी, बहुत प्रसिद्ध हो हम भी,

बड़े मगरूर हो तुम भी, बड़े मगरूर हो हम भी,

अतः मजबूर हो तुम भी, अतः अनुपालन है हम भी।

3. नज़र में शोखियां लब पर मुहब्बत का तराना है,

मेरी उम्मीद की जद में अभी सारा जमाना है,

कई जीत है दिल के देश पर मालूम है मुझकों,

सिकन्दर हूं मुझे इक रोज़ खाली हाथ जाना है।

4. उम्मीदों का फटा पैरहन रोज़-रोज़ सिलना पड़ता है,

तुम से मिलने की कोशिश में किस-किस से मिलना पड़ता है।

5. बदलने को तो इन आखों के मंजर काम नहीं बदले,

तुम्हारी याद के मौसम हमारे ग़म नहीं बदले,

तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी तब तो मानोगी,

ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले।

6. उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे,

वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे,

मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा,

ये मुसाफिर हो कोई ठिकाना चाहे।

7. घर से निकला हूं तो निकला है घर भी साथ मेरे,

देखना ये है कि मंजिल पे कौन पहुंचेगा,

मेरी कश्ती में भंवर बांध के दुनिया ख़ुश है,

दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुंचेगा।

8. मेरे जीने मरने में तुम्हारा नाम आएगा,

मैं सांस रोक लूं फिर भी यही इल्जाम आएगा,

हर एक धड़कन में जब तुम हो तो फिर अपराध क्या मेरा,

अगर राधा पुकारेंगी तो घनश्याम आएगा।

9. यह चादर सुख की मोल क्यों सदा छोटी बनाता है,

सिरा कोई भी थामो दूसरा खुद छूट जाता है,

तुम्हारे साथ था तो मैं जमाने भर में रुसवा था,

मगर अब तुम नहीं हो तो ज़माना साथ गाता है।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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