Lal Bahadur Shastri Jayanti 2023: लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय, यहां पढ़ें शास्त्री जी से जुड़ी रोचक बातें
Lal Bahadur Shastri Jayanti 2023, लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय: 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ साथ देश भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती मनाएगा। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था। घर का छोटे होने की वजह से शास्त्री जी को नन्हें बुलाया जाता था। उनके पिता का नाम मुंशी प्रसाद श्रीवास्तव था जबकि मां का नाम राम दुलारी था।
लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय: 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ साथ देश भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की भी जयंती मनाएगा। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था। घर का छोटे होने की वजह से शास्त्री जी को नन्हें बुलाया जाता था। उनके पिता का नाम मुंशी प्रसाद श्रीवास्तव था जबकि मां का नाम राम दुलारी था।
लाल बहादुर शास्त्री का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
लाल बहादुर शास्त्री ने अपी स्कूली शिक्षा पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज मुगलसराय और वाराणसी में की। इसके बाद सन 1926 में उन्होंने काशी विद्यापीठ से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन करने के लिए उन्हें विद्या पीठ द्वारा उनके स्नातक की उपाधि के रूप में "शास्त्री" अर्थात "विद्वान" का खिताब दिया गया। उनकी शादी 16 मई 1928 को ललिता देवी से हुई। इनसे शास्त्री जी को 2 बेटियां और 4 बेटे हुए। शास्त्री जी लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित सर्वेंट्स ऑफ द पीपुल सोसाइटी के आजीवन सदस्य बने। वहां उन्होंने पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए उत्थान का काम किया और फिर बाद में इसके अध्यक्ष बनाए गए। शास्त्री जी भी महात्मा गांधी की तरह देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराना चाहते थे। ऐसे में वो 1920 के दशक में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए। आंदोलन के दौरान अंग्रेजों द्वारा उन्हें कुछ समय के लिए जेल भी भेजा गया था।
वहीं 1930 में, शास्त्री जी नमक सत्याग्रह आंदोलन का हिस्सा रहे। जिसके लिए उन्हें दो साल से अधिक की कैद हुई थी। इसके बाद महात्मा गांधी द्वारा मुम्बई में भारत छोड़ो आन्दोलन के भाषण देने के बाद, उन्हें 1942 में फिर से जेल भेज दिया गया। उन्हें 4 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। उन्हें 1946 तक जेल में रहना पड़ा था।
राजनीतिक उपलब्धियां
भारत की आजादी के बाद लाल बहादुर शास्त्री यू.पी. में संसदीय सचिव बने। वे 1947 में पुलिस और परिवहन मंत्री भी बनाए गए। परिवहन मंत्री के रूप में, उन्होंने पहली बार महिला कंडक्टरों की नियुक्ति की थी। 1951 में, शास्त्री जी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया। वहीं 1952 में शास्त्री जी यूपी से राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वो रेल मंत्री भी बनाए गए। रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने 1955 में चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में पहली मशीन स्थापित की थी। इसके बाद उन्हें 1957 में परिवहन और संचार मंत्री, फिर वाणिज्य और उद्योग मंत्री बनाया गया। साल 1961 में उन्हें गृह मंत्री बनाया गया। फिर 9 जून, 1964 को, लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री बने।
जय जवान जय किसान का नारा
1965 में जब शास्त्री जी प्रधानमंत्री बने तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। इस परिस्थितियों में भी उन्होंने देश को संभाले रखा। उन्होंने देश के वीर बहादुरों और किसानों के महत्व को बनाए रखने के लिए 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया था।
लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु
11 जनवरी, 1966 को लाल बहादुर शास्त्री जी का दिल का दौरा पड़ने की वजह से मौत हो गई। उन्हें 1966 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | लाइफस्टाइल (lifestyle News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अगर आप फैशनिस्टा हैं और फैशन की दुनिया के बेताज बादशाह बनना चाहते हैं या फिर लाइफस्टाइल से जुड़ी कोई...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited