Maharana Pratap Death Anniversary: 81 किलो का भाला और 72 किलो का कवच पहनकर लड़े थे महाराणा प्रताप, जानें कितनी थी उनकी हाइट

Maharana Pratap Death Anniversary: महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे। सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे, जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे। मातृभूमि एवं धर्म की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की आज पुण्यतिथि है।

Maharana Pratap Death Anniversary: 81 किलो का भाला और 72 किलो का कवच पहनकर लड़े थे महाराणा प्रताप, जानें कितनी थी उनकी हाइट

Maharana Pratap Death Anniversary: वीरता, शौर्य, स्वाभिमान और पराक्रम की पराकाष्‍ठा, मातृभूमि एवं धर्म की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे। आज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की आज पुण्यतिथि है। सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे, जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे। जब भी शौर्य और बलिदान की बात आती है तो महाराणा प्रताप का नाम शान से लिया जाता है। महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप के पास सिर्फ 20000 सैनिक थे और अकबर के पास 85000 सैनिक। इसके बावजूद महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी। महाराणा प्रताप आज हर भारतीय के दिल में अमर हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में कुछ रोचक बातें।

दुश्मन भी थे कायल

महाराणा प्रताप ऐसे वीर थे कि दुश्मन भी उनके युद्ध-कौशल के कायल थे। जब उनकी मृत्यु हुई थी तो कहा जाता है कि अकबर की आंखें भी नम हो गई थीं। महाराणा प्रताप 208 किलो का वजन लेकर लड़ते थे। उनका भाला 81 किलो वजन का था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था। युद्ध में उनके पास दो तलवार रहती थीं। इन सभी का वजन 208 किलो होता था।

कितनी थी महाराणा प्रताप की लंबाई

कहा जाता है कि वह सबसे लंबे हिंदू शासक थे। 208 किलो का वजन लेकर यद्ध करने वाला वीर कितना बलशाली होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7 फीट 5 इंच थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियां की थीं।

चेतक था प्रिय घोड़ा

महाराणा प्रताप का प्रिय घोड़ा चेतक था और हल्दी घाटी का युद्ध एक तरह से चेतक ने भी लड़ा। जब मुगल सेना महाराणा प्रताप के पीछे लगे थी, तब चेतक प्रताप को अपनी पीठ पर लिए 26 फीट के उस नाले को लांघ गया, जिसे मुगल पार न कर सके। आज भी चित्तौड़ की हल्दी घाटी में चेतक की समाधि बनी हुई है।

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कुलदीप राघव author

कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें

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