Mahatma Gandhi Death Anniversary: ऐसे गुजरा था महात्मा गांधी का आखिरी दिन, मौके पर तोड़ दिया था दम

Mahatma Gandhi Death Anniversary: महात्मा गांधी की 30 जनवरी को पुण्यतिथि है। इसी दिन नाथूराम गोडसे ने बापू को तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या की साजिश कई वक्त पहले रची गई थी। महात्मा गांधी की हत्या के दोषी नाथूराम गोडसे, नारायण आपटे को फांसी की सजा दी गई।

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Mahatma Gandhi

मुख्य बातें
  • महात्मा गांधी की 30 जनवरी को पुण्यतिथि है।
  • महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने गोली मारी थी।
  • दो गोलियां गांधी जी के शरीर के आर-पार हो गई थी।
Mahatma Gandhi Death Anniversary: 30 जनवरी साल 1948 भारतीय इतिहास में एक काला दिन है। इस दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। महात्मा गांधी की हत्या तब हुई जब वह अपनी शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे। नाथूराम गोडसे ने उनके पैर छूने का अभिनय किया और उन पर पिस्तौल तान दी थी। इस हत्या का मुकदमा पांच लोगों पर चला था। इनमें नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा दे दी गई थी। गोपाल गोडसे, मदनलाल पाहवा, विष्णु रामकृष्ण करकरे को आजीवन कारावास हुआ था।
30 जनवरी 1948 के दिन गांधी जी सरदार पटेल के साथ मीटिंग में व्यस्त थे। शाम को लगभग पांच बजकर 20 मिनट में उन्हें याद आया कि उन्हें प्रार्थना के लिए देर हो रही है। वह आभा और मनु के कंधों पर हाथ रख बिड़ला भवन से प्रार्थना के लिए मंच की तरफ बढ़े थे। नाथूराम गोडसे तभी उनके सामने आया और कहा, 'नमस्ते बापू। इसी दौरान मनु ने कहा, 'भैया! आप सामने से हट जाए, बापू को देर हो रही है।' नाथूराम गोडसे ने मनु को धक्का दिया था। अपने पास रखी बैरटा पिस्टल निकाली और बापू के सीने पर दाग दी थी।
गांधी जी के शरीर में धंसी एक गोली
नाथूराम गोडसे द्वारा दागी गई तीन गोलियों में से दो बापू के शरीर के आर-पार हो गई थी। वहीं, तीसरी उनके सीने में धस गई थी। गांधीजी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। उन्हें तुरंत बिड़ला हाउस में स्थित उनके कमरे में लाया गया। कुछ देर बाद गांधी जी के प्रवक्ता ने आधिकारिक तौर पर उनकी मृत्यु की घोषणा कर दी थी। गांधीजी का मर्डर का ट्रायल मई 1948 में दिल्ली के लाल किले में चला था। आठ नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी।
गांधीजी के दोनों बेटे मणिलाल गांधी और रामदास गांधी ने माफी की अपील की थी। हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, उप प्रधानमंत्री वल्लभभाई पटेल और गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी ने ठुकरा दी थी। गोडसे और आप्टे को अंबाला जेल में 15 नवंबर 1949 को फांसी दे दी गई थी।
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शिवम पांडे author

शिवम् पांडे सिनेमा के आलावा राजनीति, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों में खास रुचि है। पत्रकारिता में लगभग सात साल का अनुभव रखने वाले शिवम् पांडे बॉ...और देखें

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