Mahavir Jayanti 2024 Quotes in Hindi: महावीर जयंती के पावन मौके पर पढ़िए भगवान महावीर के अनमोल विचार
Mahavir Swami Motivational Quotes: हिंदू पंचांग के अनुसार महावीर जयंती हर साल यह पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल महावीर जयंती 21 अप्रैल (Mahavir Jayanti 2024 Date) यानी आज मनाई जाएगी।
Mahavir Jayanti 2024: Mahavir Swami Motivational Quotes
Mahavir Jayanti 2024: हिंदू धर्म की ही तरह जैन धर्म का भी कोई संस्थापक नहीं है बल्कि यह 24 तीर्थंकरों के जीवन और शिक्षा पर आधारित है। भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें यानी कि अंतिम तीर्थंकर थे। जैन धर्म को मानने वालों के लिए महावीर जयंती (Mahavir Jayanti Quotes) का बड़ा महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार महावीर जयंती हर साल यह पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल महावीर जयंती 21 अप्रैल (Mahavir Jayanti 2024 Date) को यानी आज मनाई जा रही है। जैन धर्म में तीर्थंकर की उपाधि उन्हें दी गई थीं जो मानवीय पीड़ा और हिंसा से भरे इस सांसारिक जीवन को पार कर आध्यात्मिक मुक्ति के क्षेत्र में पहुंच गई हैं।
बिहार के कुंडा ग्राम के क्षत्रिय परिवार में जन्मे महावीर स्वामी गौतम बुद्ध के समकालीन थे। माता-पिता ने उनका नाम वर्धमान रखा था। वर्धमान बचपन से ही बड़े साहसी व निर्भीक थे। इनके पराक्रम के कारण आगे चलकर वे महावीर के नाम से प्रसिद्ध हुए। भगवान महावीर अपनी इन्द्रियों को जीत कर जितेंद्र भी कहलाए। उन्होंने अपने शरीर को कष्ट देने को हिंसा नहीं माना, लेकिन उनकी दृष्टि में मन, वचन व कर्म से किसी को आहत करना हिंसा ही है। आइए डालते हैं भगवान महावीर के ऐसे ही अनमोल विचारों पर एक नजर:
Mahavir Swami Motivational Quotes in Hindi ( भगवान महावीर के अनमोल विचार)
1. असली शत्रु व्यक्ति के भीतर हैं। इन शत्रुओं के नाम हैं क्रोध, घमंड, लालच, आसक्ति और नफरत। लाखों शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने से बेहतर है खुद पर विजय प्राप्त करना।
2. हर उस प्राणी जिसके अंदर जीवन हो के प्रति दया भाव रखना ही अहिंसा है। घृणा का भाव मनुष्य का विनाश के द्वार पर ले जाता है।
3. किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को न पहचानना है। इस गलती को केवल आत्म ज्ञान की प्राप्ति करके ही ठीक किया जा सकता है।
4. इंसान खुद के दोष के कारण ही दुखी होता है, हालांकि वो अपनी गलती में सुधार करके खुशी या प्रसन्नता हासिल कर सकता है।
5. अहिंसा ही व्यक्ति का सबसे बड़ा धर्म है। शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है। सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान का भाव ही अहिंसा है।
6. हर व्यक्ति सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास करके देवत्व को प्राप्त कर सकता है।
7. प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है। आनंद बाहर से नहीं आता, वह व्यक्ति के अंदर ही होता है।
8. आत्मा अकेले आती है और अकेले ही चली जाती है। न कोई उसका साथ देता है और न ही कोई उसका मित्र बनता है।
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Suneet Singh author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
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