Makar Sankranti Essay in Hindi: मकर संक्रांति पर लिखें निबंध, अपनी ऊंची सोच को भरने दें उड़ान
Makar Sankranti essay in hindi: हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति हर साल सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है। मकर संक्रांति का संबंध सीधा पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्थिति से है। हर साल जिस दिन सूर्य मकर रेखा पर आता है, वह 14 जनवरी ही होता है।
मकर संक्रांति पर इस तरह शानदार निबंध लिखकर दें सोच को उड़ान
मुख्य बातें
- मकर संक्रांति का संबंध पृथ्वी के भूगोल और सूर्य से
- हर साल सूर्य के उत्तरायण पर मनाया जाता है मकर संक्रांति
- मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्व
Makar Sankranti: makar sankranti essay in hindi: हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति भी है। यह त्योहार हर साल जनवरी माह में सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है। मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है, जिसका संबंध सीधा पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्थिति से है। हर साल सूर्य जब मकर रेखा पर आता है, वह दिन 14 जनवरी ही होता है। जिसकी वजह से मकर संक्रांति का त्योहार हर साल मनाया जाता है। हालांकि कभी-कभी सूर्य उत्तरायण के समय को लेकर यह एक दिन आगे-पीछे भी हो सकता है। संबंधित खबरें
इस तरह मनाया जाता है मकर संक्रांति
मकर संक्रांति त्योहार के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर तिल का उबटन कर स्नान करते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान बहुत शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ के लड्डू खाए जाते हैं। इस दिन उत्तर भारत में दाल और चावल की खिचड़ी खाई जाती है। इसलिए इस त्योहार को खिचड़ी भी कहा जाता है। अन्य व्यंजन भी बनाए जाते हैं। मकर संक्रांति को भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। इस पर्व को जहां आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक में संक्रांति कहा जाता है, असम में बिहू के रूप में इस पर्व, तमिलनाडु में इसे पोंगल त्योहार के रूप में मनाया जाता है। वहीं, पंजाब और पंजाबी समुदाय के लोग इसे लोहड़ी के रूप में उल्लास के साथ मनाया जाता है।संबंधित खबरें
धर्म-ज्योतिष की नजर से मकर संक्रांतिसंबंधित खबरें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है। जिसके साथ सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ होती है और सर्दी खत्म व दिन बड़ा होने लगता है। सूर्य के इस उत्तरायण के स्वागत के तौर पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार, वर्षभर में बारह राशियों मेष, वृषभ, मकर, कुंभ, धनु इत्यादि में सूर्य के बारह संक्रमण होते हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं।संबंधित खबरें
मकर संक्रांति पर दान का महत्वसंबंधित खबरें
ज्योतिष के अनुसार सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही देवों की ब्रह्म मुहूर्त उपासना का पुण्यकाल शुरू हो जाता है। इसे साधना का सिद्धिकाल भी कहा गया है। मकर संक्रांति को दान का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन तीर्थों एवं पवित्र नदियों में स्नान कर लोग क्षमता अनुसार दान करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन किए गए दान से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं।संबंधित खबरें
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। संबंधित खबरें
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