Morning Walk In Winter: ठंड में जारी है मॉर्निग वॉक, तो जरूर रखें इन बातों का ख्याल

Morning walk in winter: सुबह तीन चार किमी की सैर दिन भर ताजा और ऊर्जावान बना देती है। ठंड में सुबह की सैर परेशानी का कारण बन सकती है। ठंड लगने के साथ-साथ प्रदूषण से भी समस्या हो सकती है। हवा में खतरनाक गैसों के कणों की वजह से हार्ट, लंग, कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा होता है।

morning walk in winter

कम तापमान और प्रदूषण पड़ सकता है सेहत पर भारी

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • वॉक सेहत के लिए अच्छी पर मौसम के अनुसार ऐहतिहात जरूरी
  • बुर्जुग और हार्ट के मरीज रखें खास खयाल
  • सूरज निकलने पर ही वॉक के लिए घर से निकले
Morning Walk In Winter: आप जीवनशैली से संबंधित बीमारियों से परेशान हों या मोटापे से जूझ रहे हों, डॉक्टर जरूर सुबह सैर करने की सलाह देते हैं। यहां तक कि, आजकल सेहतमंद रहने का सबसे आसान उपाय सुबह टहलना माना जाता है। सुबह तीन चार किमी की सैर दिन भर ताजा और ऊर्जावान बने रहने में मददगार साबित होती है। हालांकि ठंड के मौसम में सुबह की सैर परेशानी का कारण बन सकती है। खासकर जिन्हें काफी सुबह सैर पर निकलने की आदत है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो सर्दी के मौसम में सुबह सात बजे के बाद ही वॉक पर निकलना चाहिए।
सुबह तापमान कम रहने के कारण ठंड लगने का खतरा ज्यादा रहता है। इसके साथ ही दिल्ली समेत अन्य महानगरों में ठंड के मौसम में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। हवा में कार्बन, कार्बन डायऑक्साइड, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रोजन डायऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसों के कण मौजूद होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनकी वजह से हार्ट, लंग, कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि, इस मौसम में सैर पर जाने के लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखा जाए।
सही समय
जाड़े के मौसम में सुबह सवेरे वॉक पर निकलने से बचना चाहिए। सुबह की ठंडी हवाओं के कारण ठंड लग सकती है। बेहतर है कि, सूरज निकलने पर ही घर से निकलें।
गर्म कपड़े जरूरी
ठंड के मौसम में पर्याप्त गर्म कपड़े पहन कर ही सैर पर जाएं। भले ही सैर के दौरान आपको गर्मी का अहसास हो लेकिन गर्म कपड़ों के बगैर सैर सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। कानों और गले को ढकना न भूलें।
सुबह की सैर करें अवॉयड
सर्दियों में हार्ट पेशेंट, अस्थमा, बीपी और गठिया से पीड़ित लोगों को सुबह सैर पर नहीं जाना चाहिए। स्मॉग से भरी हवा अस्थमा पीड़ितों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इससे उन्हें श्वसन नली में जलन व सूजन और फेफड़ों में जमाव की तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।)
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