#MannSeMaa: ममता की मिसाल हैं मनीषा किन्नर, मां-बाप से मिली ठोकरें, बनीं अनाथ बच्चों का सहारा - आंखें नम कर देगी कहानी

Mothers Day 2023: मां-बाप से ठुकराए जाने के बाद किन्नर मनीषा अब दूसरों को खुशी दे रही हैं। मनीषा कई अनाथ और बेसहारा बच्चों की मदद करती हैं। वो अब तक कई अनाथ को गोद ले चुकी हैं, जिनमें कुछ बेटियां भी हैं।

Mothers Day 2023: मदर्स डे पर पढ़ें वो कहानी जो आंखें नम कर देगी

Mothers Day 2023: छत्तीसगढ़ के कांकेर में रहने वाली मनीषा खुद तो खुशियों के लिए तरस रही, लेकिन वो दूसरों को खुशियां देने से पीछे नहीं हटती। दरअसल, मनीषा के माता-पिता ने किन्नर होने के चलते उन्हें छोड़ दिया था। वही मनीषा आज खुद कई अनाथ और बेसहाय बच्चों को सहारा दे रही हैं। मनीषा ने कई बच्चों को गोद लिया है, जिनमें कुछ बेटियां भी शामिल हैं। मनीषा कहती हैं, - मैं अपनों के न होने का दर्द समझती हूं। इसलिए सबकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हूं।

मनीषा को क्यों कहते हैं अनाथों की मां

मनीषा ने अपनी जिंदगी में बहुत दुख झेले हैं। वो कहती हैं - मेरे जन्म के बाद मेरे पेरेंट्स को जब पता चला कि उनका बच्चा किन्नर है, तो वो लोग मुझे वहीं छोड़कर चले गए। इसके बाद एक किन्नर ने हमें पाला। मैं आज भी अपने परिवार के पास जाना चाहती हूं, लेकिन वो हमें अपनाने से इंकार करते हैं। मैंने अपनों के न होने का दर्द झेला है। अकेले होने दुख बहुत अच्छे से समझती हूं। इसीलिए जब भी कोई अनाथ मिलता है, मैं उसे अपने साथ ले आती हूं।

Manisha Kinnar

बेटियों के लिए भी बनीं सहारा
मनीषा अब तक कई बच्चों को गोद ले चुकी हैं, जिनमें कई बेटियां भी हैं। मनीषा समाज की सोच को लेकर कहती हैं - मैंने कई ऐसे पढ़े, लिखे और संपन्न परिवारों को देखा है जो बेटी के जन्म होने पर शोक मनाते हैं या बेटी को नहीं रखना चाहते हैं। इसलिए, हमने कई बेटियों को भी अपने पास रखा है। बता दें, मनीषा और उनकी टीम मिलकर सभी बच्चों के खाने-पीने, कपड़े और पढ़ाई का इंतजाम करते हैं।
End Of Feed