National Sandwich Day: खाने के शॉर्टकट का नतीजा है सैंडविच, मजेदार है इसके आविष्कार की कहानी

National Sandwich Day: सैंडविच पश्चिमी देशों की देन है। 18वीं शताब्दी से सैंडविच अस्तित्व में आया। भारतीयों ने पश्चिम की इस देन को अपनाया, लेकिन भारतीय स्वाद के साथ इसमें वेजिटेबल्स को जोड़कर।आज है नेशनल सैंडविच डे। हर साल 3 नवंबर को यह खास दिन सेलिब्रेट किया जाता है।

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National Sandwich Day: वेज सैंडविच, ग्रिल सैंडविच, आलू सैंडविच, पिज्जा सैंडविच, कॉर्न सैंडविच, बॉम्बे सैंडविच और न जाने कितने ही तरीके के सैंडविच आजकल चलन में है। सैंडविच एक ऐसा स्नैक है जिसे अब सिर्फ ब्रेकफास्ट ही नहीं टी-टाइम स्नैक्स और ईवनिंग स्नैक्स के रूप में भी बेहद पसंद किया जाता है। कुल मिलाकर इसे स्नैक्स का राजा कहा जा सकता है। आज है नेशनल सैंडविच डे। हर साल 3 नवंबर को यह खास दिन सेलिब्रेट किया जाता है। क्या आपको पता है आपके पसंदीदा सैंडविच का आविष्कार कैसे हुआ। चलिए हम आपको बताते हैं—
दरअसल, सैंडविच पश्चिमी देशों की देन है। 18वीं शताब्दी से सैंडविच अस्तित्व में आया। वहां सैंडविच में मीट की स्टफिंग होती थी। भारतीयों ने पश्चिम की इस देन को अपनाया, लेकिन भारतीय स्वाद के साथ इसमें वेजिटेबल्स को जोड़कर। माना जाता है कि पश्चिमी देशों में सैंडविच की शुरुआत लेट नाइट स्नैक्स के तौर पर हुई। इसकी लोकप्रियता इसलिए बढ़ी क्योंकि इसे एक हाथ से खाना आसान था। इसके लिए कांटे या छुरी की जरूरत नहीं होती थी। और इसमें मनचाही स्टफिंग भरी जा सकती थी। कहा जाता है कि ब्रिटिश स्टेटमैन जॉन मोंटेगु ने सैंडविच की शुरुआत की। वे ताश खेलते समय दो टोस्ट के बीच मनचाही स्टफिंग लगाकर खाना पसंद करते थे।
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